नमस्कार दोस्तों, 2 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ई- रुपी का शुभारंभ किया! मोदी जी ने कहा की ई- रुपी, डिजिटल पेमेंट सिस्टम और डिजिटल इंडिया मिशन में एक बड़ी भूमिका निभायेगा! आज के इस हिंदी ब्लॉग में हम ई-रुपी क्या है? (eRupi Kya Hai), ई-रुपी का फुल फॉर्म (eRupi Full Form in Hindi) क्या है? बिना इंटरनेट बैंकिंग के eRupi कैसे काम करता है? और ई-रुपी के क्या फायदे है? के बारे में विस्तार से जानने वाले है!
भ्रस्टाचार हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या है! एक समय था जब, राजीब गांधी ने कहा था की यदि केंद्र सरकार गरीबो के लिए दिल्ली से एक रूपया भेजती है! तो वह गरीब तक पहुंचते पहुंचते पच्चीस पैसा हो जाता है!
इसका सीधा अर्थ यह है की कभी भी गरीब तक सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा और सहायक धनराशि पूरी नहीं पहुँचती है! लेकिन आज तकीनीकी के इस युग में भारत सरकार इंटरनेट की मदद से भ्रस्टाचार की समस्या को पूरी तरह से ख़त्म करने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है!
इसी कड़ी में, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2 अगस्त को ई-रुपी को लांच किया! यह ई-रुपी एक पेमेंट सिस्टम है! इस ई-रुपी पेमेंट सिस्टम से ना केवल भ्रस्टाचार की समस्या ख़त्म होगी बल्कि ऑनलाइन पेमेंट की वजह से डिजिटल इंडिया के अभियान को बढ़त मिलेगी!
तो चलिए इस लेख में आगे बढ़ते है और ई-रुपी क्या है? (eRupi Kya Hai), ई-रुपी का फुल फॉर्म (eRupi Full Form in Hindi) क्या है? बिना इंटरनेट बैंकिंग के e rupee कैसे काम करता है? ई-रुपी के क्या फायदे है? और ई-रुपी को कैसे उपयोग करें? के बारे में विस्तार से जानते है!

ई-रुपी फुल फॉर्म – eRupi Full Form in Hindi
eRupi Full Form: ई-रुपी का फुल फॉर्म Electronic Rupees Unified Payment Interface होता है!
eRupi Full From in Hindi: ई-आरयूपीआई का हिंदी में अर्थ इलेक्ट्रॉनिक रुपया एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस होता है!
ई-रुपी क्या है – eRupi Kya Hai
eRupi Kya Hai: ई-रुपी ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए प्रदान किये जाने वाला एक डिजिटल वाउचर होता है!
यह डिजिटल वाउचर लाभार्थी तो उसके फ़ोन में एक मैसेज (SMS) या फिर एक क्यूआर कोड (QR Code) के रूप में दिया जाता है! और इस डिजिटल वाउचर को लाभार्थी केवल निर्धारित केंद्र में जाकर ही उपयोग कर सकता है!

ई-रुपी कैसे काम करता है – eRupi Kaise Kaam Karta Hai
ई-रुपी Cashless Digital Payment यानी की लेनदेन करने का एक नायब तरीका है! लेनदेन के इस तरीके में उपभोक्ता के मोबाइल फ़ोन पर एक डिजिटल वाउचर भेजा जाता है! और इस डिजिटल वाउचर को उपभोक्ता रिडीम करके उपयोग कर सकता है!
चलिए ई-रुपी को एक साधारण से उदाहरण से समझते है!
मान लीजिये, यदि सरकार 60 वर्ष से बुजुर्ग लोगो को हर महीने 1000 रुपये उपचार के लिए देना चाहती है! तो ऐसे में सभी बुजुर्ग लोगो तक सरकार दो तरीके से यह मदद पंहुचा सकती है!
पहला सरकार सभी बुजुर्गो के बैंक खाते में 1000 रुपये भेज दे! और दूसरा सभी बुजुर्गो को 1000 रुपये का एक एक डिजिटल वाउचर प्रदान कर दे!
पहले तरीके में अधिकतर बुजुर्ग लोगो के खाते में सरकार द्वारा उपचार हेतु प्रदान किये गए 1000 रुपये या तो पुरे नहीं पहुंचते है! और या फिर अधिकतर बुजुर्ग उपचार के बजाय इस पैसे को अन्य कार्यो में खर्च कर देते है!
ऐसे में सरकार द्वारा की जाने वाली मदद का कोई महत्त्व नहीं रह जाता है!
इसलिए सरकार ने इन सभी समस्याओ से निजात पाने के लिए दूसरा तरीका यानी की ई-रुपी डिजिटल वाउचर का तरीका निकला!
इस ई-रुपी सिस्टम में सभी बुजुर्ग लाभार्थीओ को एक डिजिटल प्रीपेड वाउचर दिया जायेगा! और वे इस डिजिटल प्रीपेड वाउचर को अपने उपचार के लिए केवल किसी निर्दिष्ट अस्पताल में ही इस्तेमाल कर सकते है! अन्यथा इस्तेमाल करने पर यह कार्य नहीं करेगा!
यदि लाभार्थी के स्मार्ट फ़ोन का इस्तेमाल करता है तो यह डिजिटल प्रीपेड वाउचर उसे क्यूआर कोड के रूप में मिलेगा! और साधारण फ़ोन इस्तेमाल करने पर लाभार्थी को एक एसएमएस के द्वारा कोड भेजा जायेगा!
ई-रुपी का उपभोक्ता को फ़ायदा कैसे है – eRupi Benefits for Consumers
- ई-रुपी का उपयोग करने के लिए उपभोक्ता यानी की लाभार्थी के पास बैंक अकाउंट होना जरुरी नहीं है!
- लाभार्थी को ई-रुपी का उपयोग करने के लिए किसी पेमेंट ऐप जैसे – PayTM, PhonePe इत्यादि की जरुरत नहीं होती है!
- सबसे महत्वूपर्ण, लाभार्थी को ई-रुपी का उपयोग करने के लिए अपना व्यक्तिगत विवरण देने की आवश्यकता नहीं होती है!
- ई-रुपी का इस्तेमाल उन लोगो द्वारा भी उसने से किया जा सकता है जिनके पास स्मार्ट फ़ोन और अच्छा इंटरनेट कनेक्शन नहीं है!
अन्य फुल फॉर्म – Other full forms
सेवा प्रदाता को ई-रुपी का क्या फ़ायदा है – eRupi Benefits for Service Providers
जैसा की ई-रुपी डिजिटल वाउचर एक प्रीपेड यानी की पहले से भुगतान किया हुआ डिजिटल वाउचर होता है! ऐसे में Service Providers को समय पर भुगतान ना होनी की समस्या नहीं रहती है!
ई-रुपी को किसने डेवेलोप किया – Who Developed e Rupi in Hindi
ई-रुपी को एनपीसीआई (NPCI) यानी की नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा डेवेलप किया गया! नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 2008 में स्थापित किया गया!
कौन से बैंक ई-रुपी जारी करते है – Which Banks Issue eRupi in Hindi
ई-रुपी को जारी करने के लिए एनपीसीआई ने अभी मुख्यता निम्नलिखित 11 बैंकों के साथ साझेदारी की है!
- एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)
- भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India)
- एक्सिस बैंक (Axis Bank)
- आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
- बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda)
- केनरा बैंक (Canara Bank)
- कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindara Bank)
- इंडियन बैंक (Indian Bank)
- इंडसइंड बैंक (Indusind Bank)
- पंजाब नेशनल बैंक (Panjab National Bank)
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India)
ई-रुपी का उपयोग कहा कर सकते है?
सूचना के अनुसार अभी तक एनपीसीआई लगभग 1,600 से अधिक अस्पतालों के साथ ई-रुपी के उपयोग के लिए समझता कर चूका है! और आने वाले समय में ई-रुपी का उपयोग सभी सरकारी और निजी क्षेत्रों में व्यापक रूप से किये जाने की सम्भावना है!
निष्कर्ष – Conclusion
आज के इस हिंदी लेख में हमने ई-रुपी क्या है? (eRupi Kya Hai), ई-रुपी का फुल फॉर्म (eRupi Full Form in Hindi) क्या है? बिना इंटरनेट बैंकिंग के e rupee कैसे काम करता है? ई-रुपी के क्या फायदे है? और ई-रुपी को कैसे उपयोग करें? के बारे मेंपूरी जानकारी प्राप्त की!
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