Mortgage Loan kya Hai: मॉर्गेज लोन के प्रकार और मॉर्गेज लोन कैसे लें? 

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क्या आप जानते हैं मॉर्गेज लोन क्या है? (Mortgage Loan kya Hai) मॉर्गेज लोन कितने प्रकार के होते हैं? Mortgage Loan meaning in Hindi क्या है? यह लोन सुरक्षित है या नहीं? अधिकतर लोग यह नहीं समझ पाते है कोई भी Bank से लिया गया ऋण सिक्योर्ड है या नही!

इसका हमारे Cibil Score पर क्या प्रभाव पड़ता है! आज के इस हिंदी लोग में हम यह सब कुछ जानेंगे!

इससे पहले हमने जाना था NPA Non Performing Asset क्या होता है! आज के इस Hindi Blog में हम जानेंगे Mortgage Loan Kya Hai, हम यह भी समझेंगे इसको हिंदी में कैसे परिभाषित किया जा सकता है Mortgage meaning in Hindi तो चलिए आगे बढ़ते हैं! 

आइये जानते हैं मॉर्गेज लोन क्या है? मॉर्गेज लोन कितने प्रकार के होते है [ types of mortgage loan in Hindi ] और मॉर्गेज लोन के क्या लाभ हैं!

Mortgage Loan kya Hai
Mortgage Loan kya Hai: मॉर्गेज लोन के प्रकार और मॉर्गेज लोन कैसे लें? 

विषय - सूची

Mortgage Full meaning in Hindi 

मॉर्गेज का हिंदी में अर्थ “बंधक” होता है! इस लोन में बंधक का अर्थ Property पर कब्जा करना नहीं है, इसका अर्थ यह है की अपनी जमीन के कागज को बैंक में गिरबी रखकर ऋण लेना! 

मॉर्गेज लोन क्या होता हैMortgage loan kya hai

Bank में अपनी किसी भी property को गिरवी रखकर लिया हुआ लोन मॉर्गेज लोन कहलाता है! यह बैंक का Asset है! जो ेऋण के रूप में देनदार को दिया जाता है!

कोई घर बनाना हो या किसी भी जगह बड़ी धनराशि खर्च करनी हो! तब मॉर्गेज लोन लिया जाता है! यह सबसे सिक्योर्ड लोन माना जाता है!

इसमें घर के या फिर देनदार की सम्पति के Documents बैंक के पास रहते है! कुछ समय बाद Bank का ऋण नहीं चुकाया गया तो बैंक के पास देनदार की सम्पति को जब्त करने का अधिकार रहता है!

आइये एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं

माना किसी व्यक्ति ने आपसे उधार लिया हो और अब वह आपको आपका दिया हुआ उधार नहीं लौटा रहा है! आपके पास कुछ रास्ते ऐसे बचते हैं। जिससे आप अपना लिया हुआ उधार वापस ले सकते हो!

आप कोर्ट में केस फाइल कर सकते हैं! जिससे आपका उधार वसूल हो जाये।

अब उस व्यक्ति के पास आपका उधार देने को कुछ भी नहीं बचा है! या फिर उधार देने से पहले आप कुछ सम्पति गिरवी के रूप में अपने पास रख सकते हो! जिससे बाद में आपके उधार का Recovery हो सके! 

Section 58 (A) Transfer of property ACT 1882

लोन के बदले property को गिरवी रख लेने का प्रावधान भारत के संविधान में Section 58 (A) में Transfer of property ACT 1882, मॉर्गेज लोन में निहित है! जिसके पास मालिकाना हक है!

और वह अगर Bank की किश्त नहीं चुका पाता तो सिर्फ बैंक के पास ही यह Right है कि बैंक अपने लोन की Recovery प्रॉपर्टी बेचकर पूरी कर सकता है! 

एक सधारण भाषा में मॉर्गेज लोन क्या है Mortgage Loan kya hai – हम कह सकते है बैंक जिस प्रॉपर्टी को गिरवी रख रहा है! उसी को बेचकर अपनी वसूली करेगा!

अगर सम्पति मालिक के पास 5 property हैं तो बाकि के property पर बैंक को कोई हक नहीं होता है! इसलिए इसे Specific Immovable Property भी कहा जाता है।

Mortgage loan कैसे काम करता है?

तो आइये समझ लेते है कि mortgage loan यानि की बंधक ऋण कैसे काम करता है? यह प्रक्रिया निम्नलिखित है:

  • आवेदन: सबसे पहले, आपको एक वित्तीय संस्थान के साथ मॉर्गेज लोन के लिए आवेदन करना होगा। आपको अपनी पर्सनल और फाइनेंसियल जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता होगी।
  • पूर्व-अनुमोदन: ऋणदाता आपके क्रेडिट स्कोर, इनकम और ऋण-से-आय अनुपात सहित आपके आवेदन का मूल्यांकन करेगा, यह निर्धारित करने के लिए कि आप ऋण के लिए योग्य हैं या नहीं। यदि आप ऋणदाता के मानदंडों को पूरा करते हैं, तो आपको उधार ली जा सकने वाली अधिकतम ऋण राशि का संकेत देते हुए एक पूर्व-अनुमोदन प्राप्त होगा।
  • संपत्ति का चयन: एक बार Pre – Approval हो जाने के बाद, आप अपने बजट के भीतर एक संपत्ति की तलाश शुरू कर सकते हैं। उपयुक्त घर खोजने के लिए आप एक रियल एस्टेट एजेंट के साथ काम कर सकते हैं।
  • संपत्ति मूल्यांकन: संपत्ति का चयन करने के बाद, लैंडर इसके मूल्य का आकलन करने के लिए मूल्यांकन करेगा। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि संपत्ति का मूल्य ऋण के लिए पर्याप्त संपार्श्विक है।
  • लोन ऑफर और स्वीकृति: यदि मूल्यांकन संतोषजनक है, तो ऋणदाता आपको ऋण राशि, ब्याज दर, चुकौती शर्तों और अन्य शर्तों का विवरण देते हुए ऋण प्रस्ताव प्रदान करेगा। यदि आप शर्तों से सहमत हैं, तो आप ऋण प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं।
  • Underwriting and approval: ऋणदाता आपकी फाइनेंसियल डिटेल्स, रोजगार विवरण सत्यापित करेगा, और संपूर्ण क्रेडिट जांच करेगा। इस प्रक्रिया को अंडरराइटिंग के रूप में जाना जाता है। यदि सब कुछ ऋणदाताओं की आवश्यकताओं को पूरा करता है, तो वे ऋण स्वीकृत करेंगे।
  • ऋण बंद करना: एक बार ऋण स्वीकृत हो जाने के बाद, आपको मॉर्गेज समझौते सहित ऋण दस्तावेजों पर sign करने की आवश्यकता होगी। आपको कुछ शुल्क का भुगतान करने और लागू होने पर डाउन पेमेंट प्रदान करने की आवश्यकता हो सकती है।
  • संवितरण: ऋणदाता विक्रेता या पिछले बंधक धारक को ऋण राशि का भुगतान करेगा। संपत्ति का स्वामित्व आपको स्थानांतरित कर दिया जाएगा, और ऋणदाता संपत्ति पर ऋण के लिए सुरक्षा के रूप में एक ग्रहणाधिकार पंजीकृत करेगा।
  • चुकौती: आप सहमत शर्तों के अनुसार मासिक बंधक भुगतान करना शुरू कर देंगे। प्रत्येक भुगतान में मूलधन (ऋण राशि) और ब्याज दोनों शामिल होंगे। चुकौती अवधि कई वर्षों से लेकर कई दशकों तक हो सकती है।
  • समापन: एक बार जब आप सफलतापूर्वक ऋण का पूरा भुगतान कर देते हैं, तो बंधक को संतुष्ट माना जाएगा, और आप संपत्ति के पूर्ण स्वामी होंगे।

मॉर्गेज लोन के लिए डॉक्यूमेंट -Required Documents for mortgage loan

जब आप मॉर्गेज लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है!

आवेदन पत्र

सबसे पहले आपको लोन आवेदन पत्र भरना होगा, जिसमें आपकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी शामिल होगी।

आय प्रमाणपत्र

इसके बाद आपको अपनी वर्तमान आय की प्रमाणित प्रतिलिपि प्रदान करनी होगी। इसमें सालाना आय के प्रमाण के लिए तत्कालीन वेतन पत्र, कारोबार की आय के लिए आयकर रिटर्न या वित्तीय बचतों की स्थिति शामिल हो सकती है।

निवास प्रमाणपत्र

फिर आपको अपने वर्तमान का निवास प्रमाणपत्र प्रदान करना होगा, जो आपके पते की पुष्टि करेगा।

पहचान प्रमाणपत्र

अब आपको अपनी पहचान की प्रमाणित प्रतिलिपि, जैसे की आधार कार्ड, पासपोर्ट या फिर वोटर आईडी कार्ड प्रदान करनी होगी।

निवेश साक्ष्य

यदि आप किसी निवेश की शर्त के रूप में अपनी संपत्ति का उपयोग कर रहे हैं, तो आपको इसकी प्रमाणित प्रतिलिपि प्रदान करनी होगी।

संपत्ति के दस्तावेज़

इसके बाद आपको लोन के आवेदन पर संपत्ति के संबंध में दस्तावेज़ प्रदान करने होंगे।

अब आपके मन में जरूर यह सवाल आ रहा होगा की आखिर संपत्ति के दस्तावेज़ मे कौन से कागजात दें!

तो आपको बता दें की संपत्ति के दस्तावेज़ में निम्नलिखित दस्तावेज़ शामिल हो सकते हैं!

संपत्ति रजिस्ट्रीकरण दस्तावेज़

आपको संपत्ति के संबंध में न्यूनतम एक संपत्ति रजिस्ट्रीकरण दस्तावेज़ प्रदान करना होगा। यह दस्तावेज़ संपत्ति के मालिकाना हक़ की पुष्टि करेगा।

संपत्ति का मानचित्र

आपको संपत्ति का मानचित्र प्रदान करना होगा, जिसमें संपत्ति का स्थान और सीमाएं स्पष्ट रूप से दिखाई जाएंगी।

संपत्ति का प्रमाण

आपको संपत्ति की प्रमाणित प्रतिलिपि देनी होगी, जैसे कि ख़रीदी कर्तृपत्र, विक्रय पत्र, या किराये का समझौता। इससे लेंदेर को संपत्ति की स्वामित्व और मूल्य की जानकारी मिलेगी।

निवेश संपत्ति की किराया

यदि आप संपत्ति को किराए पर देने का विचार कर रहे हैं, तो आपको किराएदार के साक्ष्य के रूप में निवेश संपत्ति की किराया दर्शाने की आवश्यकता हो सकती है।

मॉर्गेज लोन कितने प्रकार के होते हैंTypes of Mortgage Loan in Hindi

Types of Mortgage Loan – यह मुख्यतः यह 3 प्रकार के होते हैं 

1- रजिस्ट्री Mortgage Loan 

इसको आम भाषा में Simple मॉर्गेज भी कहा जाता है! यह जब खरीदी जाती है तो Simple मॉर्गेज कहलाती है! जब इसको रजिस्टर्ड किया जाता है तब यह रजिस्ट्री मॉर्गेज बन जाती है!

इसमें मालिकाना हक, संपत्ति मालिक के पास ही रहता है! लेकिन Bank को Interest दिया जाता है!

यह ज्यादातर होम लोन के समय होता है Home Loan पूरा होने के बाद हमें घर की रजिस्ट्री मिल जाती है! यह सब रजिस्ट्रार Office मेँ जाकर रजिस्टर्ड कराई जा सकती है! इसमें मकान दुकान जमीन को रजिस्टर्ड कराया जा सकता है! 

2- Mortgage by Condition sale 

इसमें सम्पति का मालिक Bank को खुद प्रॉपर्टी बेच सकता है! लेकिन कुछ नियमों के आधार पर सम्पति का मालिक बैंक को सम्पति बेच सकता है इसलिए इसे Condition Sale कहा जाता है!

बैंक का लोन  चुकता न होने पर जो नियम हैं वो हट जायेंगे! यह प्रॉपर सेल मानी जाएगी। इसमें Ownership बैंक के पास Transfer नहीं होती है!

3- Usufructuary Mortgage

यह भारत में ज्यादा उपयोग में नहीं लायी जाती है। इसमें बैंक के पास पूरा हक होता है! Bank हक के साथ जिसके पास Ownership है। उससे प्रॉपर्टी का किराया ले सकता है।

किराये के रूप में जब भी Bank का लोन पूरा हो जायेगा। तो प्रॉपर्टी जिसके पास Ownership है! उसको Transfer कर दी जायेगी! 

Mortgage loan interest rate

बंधक ऋण की ब्याज दर विभिन्न कारकों के आधार पर भिन्न हो सकती है, जिसमें ऋणदाता, मॉर्गेज के प्रकार, उधारकर्ता की साख, वर्तमान बाजार की स्थिति और ऋण अवधि इत्यादि शामिल है। आम तौर पर, ब्याज दरें या तो Fixed या Adjustable हो सकती हैं।

  • Fixed-Rate Mortgage: एक निश्चित दर बंधक के साथ, ब्याज दर पूरे ऋण अवधि में समान रहती है। यह स्थिरता और अनुमानित मासिक भुगतान प्रदान करता है। समायोज्य दर बंधक की प्रारंभिक दरों की तुलना में निश्चित दर बंधक में आमतौर पर उच्च ब्याज दरें होती हैं।
  • Adjustable-Rate Mortgage (ARM): एक समायोज्य-दर बंधक की ब्याज दर होती है जो समय-समय पर बदल सकती है। प्रारंभ में, ब्याज दर एक निश्चित दर बंधक की तुलना में कम है, लेकिन यह बाजार की स्थितियों और ऋण समझौते में उल्लिखित विशिष्ट शर्तों के आधार पर समय के साथ समायोजित हो सकती है

मॉर्गेज लोन के लाभ क्या हैंMortgage Loan Benefits

यह पूरी तरह से Secured लोन है। आप अपनी सम्पति को गिरवी रककर इसे ले सकते हैं। इसमें ज्यादा लोन मिलने का प्रावधान है! वेतनभोगी कर्मचारी 1 करोड़ तक का ऋण बैंक से ले सकते हैं! 

जिसका अपना Business है वो 3.5 करोड़ तक का बैंक से लोन प्राप्त कर सकते हैं!

कम Documents में और कम समय मे आप यह लोन प्राप्त कर सकते हैं! बैंक कर्मचारियों द्वारा यह सुविधा घर पर आकर भी दी जाती है। इसमें एक लम्बे समय तक आप बैंक का ऋण चुका सकते है! इसमें लोन देय की अवधि 2 से 20 साल रहती है। 

अगर आप समय से पहले बैंक को लोन चुकता कर देते हैं तो आपके सिबिल स्कोर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है! आपको बैंक अच्छे offer provide करता है!

मॉर्गेज लोन उधारकर्ताओं को कई लाभ प्रदान करते हैं। मॉर्गेज लोन के कुछ प्रमुख लाभ यहां दिए गए हैं तो आइये इनको समझ लेते है:

  • Home Ownership: mortgage लोन के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक यह है कि यह व्यक्तियों को संपूर्ण खरीद मूल्य का अग्रिम भुगतान किए बिना घर खरीदने में सक्षम बनाता है। यह उधारकर्ताओं को होमोनेसिप की लागत को लंबी अवधि में फैलाने की अनुमति देता है, जिससे यह अधिक किफायती हो जाता है।
  • बड़ी धनराशि तक पहुंच: बंधक ऋण उधारकर्ताओं को उनकी बचत में उपलब्ध धन की तुलना में बड़ी राशि तक पहुंच प्रदान करते हैं। यह व्यक्तियों को अधिक महंगी संपत्तियां खरीदने या विभिन्न प्रयोजनों के लिए अचल संपत्ति में निवेश करने की अनुमति देता है, जैसे व्यक्तिगत निवास, किराये की आय, या संपत्ति विकास।
  • Long-Term Repayment: बंधक ऋणों में आम तौर पर लंबी चुकौती अवधि होती है, आमतौर पर 15 से 30 वर्ष तक होती है। यह विस्तारित समय सीमा उधारकर्ताओं को अपने भुगतानों को कई वर्षों तक फैलाने की अनुमति देती है, जिसके परिणामस्वरूप छोटी अवधि के ऋणों की तुलना में कम मासिक किस्तें मिलती हैं।
  • इक्विटी बिल्डिंग: जैसा कि उधारकर्ता समय के साथ अपने मॉर्गेज भुगतान करते हैं, वे धीरे-धीरे अपनी संपत्ति में इक्विटी का निर्माण करते हैं। इक्विटी संपत्ति के मूल्य और बकाया ऋण राशि के बीच का अंतर है। इस इक्विटी को भविष्य की वित्तीय जरूरतों के लिए उपयोग किया जा सकता है या निवेश के अन्य अवसरों के लिए उपयोग किया जा सकता है।
  • कर कटौती: संयुक्त राज्य सहित कई देशों में, बंधक ब्याज भुगतान और संपत्ति कर कर-कटौती योग्य हैं। यह घर के मालिकों को संभावित कर लाभ प्रदान कर सकता है, जिससे उनकी समग्र कर देनदारी कम हो सकती है।
  • संभावित सराहना: रियल एस्टेट में समय के साथ मूल्य में सराहना की क्षमता है। बंधक ऋण प्राप्त करके और संपत्ति में निवेश करके, उधारकर्ता संभावित संपत्ति मूल्य प्रशंसा से लाभान्वित हो सकते हैं। यदि भविष्य में संपत्ति बेची जाती है तो इससे धन और संभावित लाभ में वृद्धि हो सकती है।

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मॉर्गेज लोन के नुकसान क्या हैंMortgage Loan ke kya Nuksaan hain

  • मॉर्गेज लोन आपके प्रॉपर्टी और आपके वेतन के आधार पर ही दिया जाता है! इसलिए कोशिश करें जितना जरूरत हो उतना ही ऋण लें! अधिकतर देनदारों की नौकरी छूट जाने से उन्हें बैंक की Recovery Process का सामना करना पड़ता है! 
  • यह लोन लेते वक्त बैंक द्वारा मिलने वाला बीमा जरूर लें। इससे आपको काफी सहयोग मिलेगा! 
  • लोन लेते वक्त कोशिश करें Joint होकर इस ऋण को लें। इससे आपको लोन चुकाने में आसानी होगी। यह लोन लेते वक्त आप ज्यादा Down Payment करने की कोशिश करें! जिससे आपको Interest कम देना पड़े और आप जल्दी बैंक का लोन चुका दें! 

मॉर्गेज लोन बैंक को चुकता न होने पर हमारे Cibil Score पर गहरा प्रभाव पड़ता है! जब तक लोन बैंक को चुकता नहीं हो जाता तब तक हम किसी दूसरे बैंक से कोई भी Relationship नहीं बना सकते हैं! 

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q 2. मॉर्गेज का मतलब क्या होता है? 

Ans. मॉर्गेज का मतलब गिरबी रखना होता है! अब भी आप बैंक से कोई मॉर्गेज लोन लेते हैं तो आपको अपने घर के कागज वहां पर गिरबी रखने होते हैं लोन पूरा होने के बाद बैंक आपको प्रॉपर्टी के कागज लौटा देता हैं! 

Q 1. मॉर्गेज लोन और होम लोन में क्या अंतर है? 

Ans. मॉर्गेज लोन में आप अपनी प्रॉपर्टी की वैल्यू का 60 प्रतिशत तक लोन ले सकते हैं और होम लोन में आप 90 प्रतिशत तक लोन लोन सकते हैं! इसका लोन ऑफ रेश्यो भी अधिक होता है!
Mortgage Loan राशि को आप अन्य जगह जैसे रिनोवेशन या फिर घर के अन्य टूट फूट पर लगा सकते हैं! बल्कि होम लोन सिर्फ घर बनवाने या फिर नया घर खरीदने के लिए ही लिया जाता है!

Q 3. मॉर्गेज लोन कितने समय तक के लिए लिया जाता है? 

Ans. मॉर्गेज लोन में लोन राशि 15 वर्षों तक की लोन अवधि के लिया जा सकता है! लंबी अवधि से आपकी मासिक ईएमआई कम हो जाने से EMI का भार कम हो जाता है! लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं!

Q 4. मॉर्गेज लोन कैसे लें? 

Ans. Mortgage Loan लेने के लिए आप अपने नजदीकी बैंक में कॉन्टेक्ट कीजिये! आप बैंक या फिर एनबीएफसी कंपनी से भी लोन ले सकते हैं! 

Q 5. कौन सा लोन बेहतर है होम लोन या फिर मॉर्गेज लोन? 

Ans. होम लोन में आपको 90 % तक का लोन मिल जाता है जबकि मॉर्गेज लोन में आप 70 % तक का ही लोन ले सकते हैं! अगर आपको नया घर लेना है तो आप होम लोन ही ले सकते हैं! 

Conclusion [ निष्कर्ष ] 

आज के इस Hindi Blog में हमें जाना मॉर्गेज लोन क्या होता है Mortgage Loan kya hai मॉर्गेज लोन कितने प्रकार के होते हैं Types of Mortgage Loan in Hindi. इसको हम कैसे समझ सकते है (Meaning Mortgage Loan in Hindi) और बैंक द्वारा हमें यह किस आधार पर दिया जाता है। साथ में हमने जाना इसके फायदे और नुकसान क्या हैं!

आशा करता हूँ! इस Hindi Blog के माध्यम से आपको बहुत कुछ जानने को मिला होगा!

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