Stock Market Charges in India, Stock Market Charges Calculator, Stock Market Charges in Hindi, शेयर बाजार में प्रतिदिन होने वाले Treading में कितने चार्ज लगते हैं Stock Market Charges क्या होते हैं क्या आपने कभी खुद से सवाल किया कि आपकी लागत क्या है और आपको कितना प्रतिशत रिटर्न मिल रहा है!
दोस्तों, शेयर बाजार में निवेश करने से पहले, आपको (निवेशकों को) इन शुल्कों को समझने और विश्लेषण करने की जरूरत होती है। इससे आपके अपने निवेश योजना के अनुसार सबसे उपयुक्त ब्रोकर चुनने और निवेश करने के लिए अधिक सही निर्णय लेने में मदद मिलती है।
इसके साथ ही अपने निवेश स्ट्रैटेजी को शेयर बाजार शुल्कों को ध्यान में रखते हुए बनाएं, ताकि आपको निवेश का प्राफिटेबल और सकारात्मक परिणाम मिल सके।
जिस तरह लोग Stock Market में Invest अर्थात निवेश करते जा रहे है! अधिकतर लोग शेयर बाजार में Turnover के अलावा किसी और चीज पर ध्यान नहीं देते हैं। हमें यह समझना बहुत जरूरी है!
जो लोग Intraday Trading करते हैं! वो अक्सर मुनाफे के चक्कर में, Contract Note या Bill को कम ही देखते हैं! किसी दिन मुनाफा ज्यादा हो गया तब ही शायद देखते हों!
अक्सर हम सिर्फ ट्रेडिंग लागत पर ही ध्यान देते हैं लेकिन भुगतान करते वक्त हम ध्यान नहीं देते!अगर आप भी शेयर की Intraday Trading करते हों तो आप भी शायद इस पर कम ही ध्यान देते होंगे! जिस दिन शेयर बाजार में घाटा हुआ उस दिन तो देखते ही नहीं होंगे!
बहुत सारे ब्रोकरेज फर्म जीरो प्रतिशत चार्ज का बताते हैं लेकिन ऐसा नहीं होता है! हमें चार्ज के बारे में नहीं बताया जाता! ये charges होते कम हैं लेकिन जब हमारी बेची या खरीदी गई राशि में कम होकर आते हैं तो बहुत बुरा लगता है!
आज हम आपको शेयर Broker farm के Brokerage व अन्य चार्ज के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिससे आप एक अच्छा Broker चुन सकते हैं!
तो आईये आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं, Stock Market में charges क्या होते हैं Stock Market Brokerage Charges kya hote hai ब्रोकरेज चार्जेज क्या होते हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं? Types of Stock Market Brokerage Charges in Hindi आप इन्हें शेयर बाजार में लगने वाले Hidden charges भी कह सकते हैं या छुपे हुए चार्जेज!
शेयर बाजार शुल्क क्या हैं? Stock Market Charges in Hindi
हमारे Stock Market में जिस तरह दिनों दिन मोल भाव, खरीददारी बढ़ती जा रही है! वैसे – वैसे दलालों का भी मुनाफा बढ़ता जा रहा है। शेयर बाजार को चलाने के लिए कुछ नियम या कुछ System बने होते हैं।
इन नियमों को चलाने वालों को भी पैसा चाहिए! इसलिये खरीद व बेचने पर extra charges लगाये जाते हैं!
शेयर बाजार में हम इसे भी एक तरह का Stock Market Exchange ही कह सकते हैं! आप इन्हें छुपे हुए चार्ज भी कह सकते हैं। ये Charges क्या होते हैं आइये जानते हैं!
स्टॉक मार्केट चार्जेज – Types of Stock Market Charges in Hindi
Stock Market में खरीददारी के लिए आप अच्छे Broker को चुनते हैं! आप अक्सर सोचते होंगे शेयर पर कमीशन लेंगे लेकिन कितना मालूम नहीं! Broker हमें सुविधा तो देते हैं बदले में वो charges भी लगाते हैं! जो charges शेयर की खरीद और बिक्री पर लगता है उसे Brokerage (दलाली) कहते हैं!
अलग अलग Brokerage services के नियम अलग होते हैं! जो Full service Broker होते हैं वो अक्सर ज्यादा Charges लेते हैं! यह turnover के हिसाब से लगाया जाता है।
Discount Brokers अक्सर कम चार्ज करते हैं! जैसे Zerodha, Angel यह Discount Brokers हैं! यह प्रति ऑर्डर पर चार्ज लेते हैं। जो Turnover का लगभग 0.01% होता है!
उदाहरण के तौर पर
अगर आपने 100 शेयर 190 के दाम पर खरीदे हैं! उसी दिन आपने 200 के दाम पर शेयर बेच दिये तो, 100 * 200 = 19000 तो यहाँ पर 19000 का 0.01% यानि 1.9 रूपये Brokerage charges होगा!
यह खरीदने और बेचने दोनों ऑर्डर पर होगा। यहाँ पर दो ऑर्डर के 3.8% Brokerage चार्जेज लगेगा! ज्यादा शेयर पर यह ज्यादा लगेगा!
सिकियॉरिटी ट्रांजक्शन टैक्स क्या है? Security Transaction Tax in Stock Market
सरकार द्वारा यह टैक्स किसी, Stock Exchange पर Security Transaction पर लिया जाता है! जिसमें शेयर की Security भी शामिल होती है!
सबसे खास बात यह है कि यह सिर्फ बेचने में ही लगता है! यह खरीदने पर नहीं लगाया जाता है! Intraday Trading के आर्डर बेचने पर यह 0.025% प्रतिशत लगता है!
उदाहरण के तौर पर - आपने 500 शेयर दिन खत्म होने से पहले ही 160 के दाम में बेच दिये! तो यहाँ पर STT होगा = 500×160= 85000 तो यहाँ पर आपको 85000 का 0.025% charges देना होगा यानि 21.25 रूपये!
अगर दूसरे दिन आप 180 में बेच देते हैं तो यहाँ पर STT होगा 500×180= 90000 का 0.025% यानि 22.5 रूपये! इस तरह से यह आपको प्रति ऑर्डर पर चार्ज लगेगा!
स्टॉक मार्केट में एक्सचेंज चार्जेज क्या हैं? Exchange Transaction Charges in Stock Market
आपको यह चार्ज NSE Stock Exchange और BSE Stock Exchange द्वारा लगाया जाता है! NSE द्वारा यह चार्ज Intraday या Delivery पर यह transaction का 0.00325% लगाया जाता है!
BSE द्वारा यह चार्ज Intraday या Delivery पर यह transaction का 0.003% लगाया जाता है! Futures पर यह चार्ज 0.0019% और Options पर यह 0.05% लगाया जाता है!
आइये अब जान लेते हैं मुख्यतः कितने Types के Stock Market Charges स्टॉक मार्किट मैं लगाए जाते हैं
1. जीएसटी चार्जेज – GST Charge
यह तो आप जानते ही होंगे GST का मतलब, Goods and Services Tax पर लगने वाला चार्ज होता है! यह भारत की सरकार ने शेयर मार्केट में 2017 में पूरी तरह से लागू किया था! शेयर के खरीदने या बेचने पर यह कुल transaction चार्ज का 18% लगता है!
जैसे माना कि intraday में brokerage चार्ज 30 रूपये और tax चार्ज 12 रूपये है! तो आपको यहाँ पर GST 30+12=42 रूपये का 18 % देना होगा! यह NSE Stock Exchange और BSE Stock Exchange दोनों में 18 % ही होता है!
2. डीपी चार्जेज – DP Charges
Depositing Participant charges – यह चार्ज ज्यादातर भारत के दो मुख्य संस्थान द्वारा लगाया जाता है, NSDL और CDSL. Brokers भी इसको डीमेट खाता का maintenance के बहाने लगाते हैं! CSDL में यह चार्ज 5.30 रूपये है।
लेकिन Brokers यहाँ DP चार्जेज में अपना चार्ज भी लगा देते हैं! यह एक बार ही लगता है। यह प्रति ऑर्डर पर लगता है! जो बढ़कर 15 से 20 रूपये तक हो सकता है!
3. सेबी चार्जेज – SEBI Charges in Stock Market
आप यहाँ पर यह समझिये, SEBI शेयर बाजार का एक तरह से मुख्य Regulator है! हर Transaction पर यह कुछ प्रतिशत ही लगता है! यह कुल टर्नओवर पर लगाया जाता है!
अक्सर यह शेयर बाजार में 0.0001% होता है! करीब 1 करोड़ पर यह 10 रूपये।एक लाख पर 1 रूपये का यह चार्ज होगा!
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3. स्टैम्प चार्जेज – Stamp Charges in Stock Market
यह चार्ज जिस प्रदेश में शेयर की बिक्री या खरीद होती है! उस प्रदेश द्वारा यह चार्ज लगाया जाता है! यह दर अलग अलग हो सकती है।
जैसे दिल्ली में यह दर 0.002% होता है! गुजरात में यह 0.01% होता है। यह कुल Transaction पर लगता है!
स्टैम्प ड्यूटी क्या हैं? Stamp Duty in Hindi
स्टैम्प ड्यूटी (Stamp Duty) एक राजकीय शुल्क होता है जो वित्तीय लेनदेन पर लगाया जाता है। यह शुल्क संपत्तियों, दस्तावेज़ों, या सूचनाओं को रजिस्टर करने के लिए बनाए गए ड्यूटी स्टैम्प के माध्यम से भुगतान किया जाता है।
स्टैम्प ड्यूटी शेयर बाजार में शेयर खरीदते और बेचते समय भी लागू होता है और इसे स्टॉक एक्सचेंज या राज्य सरकार को दिया जाता है।
शेयर बाजार में स्टैम्प ड्यूटी का उद्देश्य, संपत्ति या सूचना के खरीद और बिक्री का प्रमाणित दस्तावेज़ तैयार किया जाए, जिससे संपत्ति की स्वामित्व सूचना एवं संपत्ति के विक्रय की लेनदेन पर क़ानूनी मान्यता प्राप्त हो, होता है!
इसके जरिए, सरकार द्वारा संपत्ति और वित्तीय लेनदेन का नियंत्रण बना रहता है। स्टैम्प ड्यूटी का दर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है! और दोस्तों स्टैम्प ड्यूटी राज्यों के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती है।
शेयर बाजार में स्टैम्प ड्यूटी की दर शेयर के मूल्य पर नहीं लगाई जाती है, बल्कि संपत्ति के बिक्री की लागत पर आधारित होती है।
इसलिए, शेयर बाजार में एक ही स्टैम्प ड्यूटी दर सभी शेयरों के लिए नहीं लागू होती है, वरन यह खरीद और विक्रय के मूल्य पर भिन्न-भिन्न होती है।
शेयर बाजार में स्टैम्प ड्यूटी के भुगतान को शेयर खरीदते और बेचते समय शेयर ब्रोकर द्वारा आवश्यकतानुसार भुगतान किया जाता है।
FAQs शेयर बाज़ार शुल्क के बारे में पूछे जाने वाले सवाल
एक शेयर को बेचने पर कितना चार्ज लगता है?
एक शेयर को बेचने पर ब्रोकरेज चार्ज, सुरक्षा व्यापार कर टैक्स (STT), और स्टैम्प ड्यूटी के चार्ज लगते हैं। ये शुल्क शेयर की बिक्री के मूल्य पर आधारित होते हैं और इन्हें शेयर ब्रोकर के द्वारा भुगतान किया जाता है।
सामान्यतः, ब्रोकरेज चार्ज और सुरक्षा व्यापार कर टैक्स का योग्यतानुसार प्रतिशत होता है जो ब्रोकर द्वारा लिया जाता है, जबकि स्टैम्प ड्यूटी राज्य सरकार द्वारा निर्धारित होती है। इन शुल्कों को समझकर शेयर बिक्री के लिए बजट करें।
शेयर बाज़ार में चार्ज कितने प्रकार के होते हैं?
शेयर बाज़ार में चार्ज कई प्रकार के होते हैं। ये चार्ज शेयर खरीदने और बेचने, डिपॉजिटरी खाते पर रखने, और ब्रोकर की सेवाओं के लिए भुगतान के लिए होते हैं।
कुछ प्रमुख चार्ज जैसे ब्रोकरेज चार्ज, सुरक्षा व्यापार कर टैक्स (STT), सेवा कर (GST), स्टैम्प ड्यूटी, और डिपॉजिटरी शुल्क शामिल होते हैं।
इन शुल्कों को समझकर निवेशकों को अपने निवेश के प्राप्त करीबी परिणामों को समझने में मदद मिलती है।
ब्रोकरेज फीस कैसे बचाएं?
ब्रोकरेज फीस को बचाने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
1. ब्रोकर की फ़ीस की तुलना करें: अलग-अलग ब्रोकर्स की फीस में अंतर हो सकता है, इसलिए विभिन्न ब्रोकर्स की फ़ीस की तुलना करें और उनमें से एक चुनें जिसकी फ़ीस आपके बजट में सही हो।
2. ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करें: कुछ ऑनलाइन ब्रोकर्स ऐसे होते हैं जो ब्रोकरेज फीस में कमी करते हैं और ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से निवेशकों को सस्ती और आसान ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करते हैं।
3. लिमिट आर्डर का उपयोग करें: लिमिट आर्डर द्वारा आप खरीदने या बेचने के लिए शेयर की नीचे या ऊपर एक निश्चित मूल्य तय कर सकते हैं। इससे आप शेयर की बिक्री में ज्यादा चार्ज से बच सकते हैं।
4. ध्यान दें अकाउंट इनैक्टिविटी का: अपने ब्रोकर अकाउंट को अक्टिव रखें और अकाउंट इनैक्टिव होने से बचाएं, क्योंकि कुछ ब्रोकर इनैक्टिव खातों पर एक निश्चित समय के बाद अतिरिक्त शुल्क लगा सकते हैं।
5. ब्रोकर की नई सेवाओं का उपयोग करें: ब्रोकरेज फीस को कम करने के लिए, अपने ब्रोकर के द्वारा प्रदान की जाने वाली नई सेवाओं का उपयोग करें, जो आपको बेहतर और सस्ते ट्रेडिंग का मौका दे सकती हैं।
विश्व का सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट कौन सा है?
विश्व का सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज है जिसमें बड़े बड़े अमेरिकी बिजनेस करने वाले भरोसा रखते हैं।
इन्हें भी पढ़ें:
- स्टॉक ब्रोकर क्या होते हैं स्टॉक ब्रोकर कितने प्रकार के होते हैं!
- NSE क्या है! NSE में निवेश क्यों करना चाहिए!
- डीमैट खाता क्या होता है ऑनलाइन कैसे खोलें!
निष्कर्ष –Conclusion
आज के इस ब्लॉग में हमने Stock Market Charges kya hote hai ब्रोकरेज चार्जेज क्या होते हैं! स्टॉक मार्केट में चार्जेज कितने प्रकार के होते हैं Types of Stock Market Charges in Hindi एवं महत्वपूर्ण जानकरियां देने की कोशिश की! इसमें हमने कुछ Hidden Charges यानि छुपे हुए चार्जेज के बारे में बताया!
स्टॉक मार्किट यह ध्यान रखने वाली बात है क्योंकि हमारा निवेश में लगी हुई पूंजी हमारी मेहनत की होती है। जिसको हमें ही संभालना है और सही निवेश पर लगाना है जिससे हम एक सफल निवेशक बन सकें!
हम आशा करते हैं आपको बहुत कुछ जानने को मिला! इस पोस्ट से संबधित कोई विचार और सुझाव हो तो कृपया निचे comment करके जरूर अवगत कराये! और यदि पोस्ट अच्छी लगे तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों में अवश्य शेयर कीजिये!