Hello दोस्तों, आज हम जानने वाले हैं एनपीए क्या होता है? NPA एक ऐसा शब्द है जो आज के समय में अधिकतर चर्चा में रहता है इसलिए NPA क्या होता है ( NPA kya hai in Hindi ) का हिंदी में अर्थ क्या है NPA Banking meaning in Hindi, यह आपके लिए जानना बहुत ही जरूरी हो जाता है!
इसके बारे में जानना उनके लिए भी जरुरी है जो बैंकों के साथ ज्यादा व्यवसाय करते हैं!
बिजनेस के लिए लोन लेते हैं और आम लोगों के लिए भी जानना यह बहुत ही आवश्यक है! अगर आपने बैंक का ऋण नहीं चुकाया है तो आप भी NPA की श्रेणी में आ सकते हैं!
इससे पिछले ब्लॉग में हमने जाना था Debt Fund क्या है? आज के इस ब्लॉग में हम बैंक के उस कर्ज की बात करेंगे! जो बैंक के लिए एक तरह से डूब जाता है! लोन आखिर किस कारण एनपीए में बदल जाता है।
आइये जानते है NPA क्या होता है NPA kya hai in Hindi & Types of NPA in Hindi इसको कैसे हम परिभाषित कर सकते हैं NPA Full Form in Hindi, भारत में कौन से बैंक हैं जिनका सबसे ज्यादा Bad Loans है Top 5 Indian Banks of NPA Amounts
[ NPA kya hai / Full Form of NPA ]
एनपीए का फुल फॉर्म क्या है (Full Form of NPA in Hindi)
NPA का फुल फॉर्म Non-Performing Asset होता है! इसका असर Share Market Holders और Banks पर पड़ता है!
एनपीए का मिनिंग क्या है (NPA Ka Hindi Meaning)
NPA का Meaning Hindi में अर्थ गैर निष्पादित संपत्ति होता है! यह बैंक का वह कर्ज है जिसके आने की उम्मीद ना के बराबर होती है!
इसका मतलब यह हुआ कि इस प्रकार के लोन बैंक के लिए फायदे देने वाले नहीं हैं इसी लिए ऐसे बैंक लोन को नॉन परफार्मिंग की श्रेणी में रखा जाता है!
एनपीए क्या है (NPA Kya Hai in Hindi)
एनपीए किसी बैंक द्वारा किसी कर्जदार को दी हुई वह अनर्जक सम्पति होती है जो कर्जदार द्वारा लौटना अब संदिग्ध माना जा रहा हो किन्तु उस बैंक की नियमितता के आधार पर वसूली की प्रक्रिया चालू हो!
NPA (एनपीए) को समझने से पहले यह समझना जरूरी है कि Asset क्या है? Asset यानि संपत्ति कोई भी बिजनेस जिससे Income होती है उसे Asset कहा जाता है!
जैसे आपका कोई व्यवसाय होगा। उससे आय होती है। उसी तरह बैंक का Loan Asset है!
वही लोन जो बैंक ने बिजनेस के लिए दिया है उसका अगर समय पर बैंक को चुकता नहीं किया तो यह कुछ समय बाद बैंक के लिए उसका NPA Non Performing Asset in Banking बन जाता है!
पिछले 3 साल से इस NPA Amount का ग्राफ लगातर बढ़ता जा रहा है! दिल्ली के RTI Activist द्वारा डाली गयी RTI से देश में 50 कंपनियों का NPA Account का खुलासा हुआ था!
यह कंपनियां जो बैंक से लोन लेती है और फिर नहीं चुकाती है! यह कारण Business का नहीं चलना बताती हैं!
आज की तारीख में एनपीए का आंकड़ा 25 लाख करोड़ से ऊपर जा चुका है! इनमे से 90 % सरकारी बैंको के ही एनपीए खाते हैं जो पूरी बैंकिंग व्यवस्था के करीब 70% संपति का प्रतिनिधित्व करते हैं सरकारी बैंको की बात करे तो सबसे ज्यादा एनपीए खाते एसबीआई बैंक के हैं!
अब हम एक साधारण परिभाषा में समझते हैं कि NPA क्या होता है NPA kya hai in Hindi
कर्जदार बैंक को उसके समय के अनुसार Loan Repayment नहीं करता है तो वही पूंजी बैंक के लिए NPA यानि Non Performing Asset कहलाती है!
इसका मतलब यह हुआ कि बैंक को उस लोन से Income आनी बंद हो गयी! बैंक ने उसे NPA घोषित कर दिया तो बैंक के लिए एक तरह से Non Performing Asset कहलायेगा!
लोन एनपीए कब होता है (Loan NPA Kab Hota Hai)
किसी भी बैंक से लिए लोन को चुकाने के लिए 3 महीने का समय दिया जाता है! पहले महीने आप बैंक की EMI नहीं दे पाए!
दूसरे महीने भी नहीं दे पाए और फिर तीसरे महीने भी आप EMI देने में असमर्थ रहे तो! यह समय कुल 90 दिन का हो जाता है। यही से बैंक लोन NPA हो जाता है!
90 दिन में बैंक ब्याज तो लगाएगा लेकिन आपको डिफल्टर घोषित नहीं करेगा! जैसे ही यह अवधि पूरी होगी तो आपका यह लोन अकॉउंट NPA हो जाएगा।
उसके बाद बैंक नोटिस भेजेगा! अगर नोटिस का भी जवाब नहीं दिया जाता है तो बैंक के जो भी अधिकार होंगे बैंक उनका उपयोग कर सकता है!
आइये एक उदाहरण के तोर पर समझते हैं NPA क्या होता है – What is NPA
माना राहुल ने बैंक से 5 लाख का ऋण लिया! राहुल को 5 लाख का ऋण 5 साल में चुकाना है। ऋण और ब्याज दोनों को Calculate करके महीने की EMI बना देगी!
EMI देने की अंतिम तिथि भी तय कर देगी। अब राहुल को माना 20 तारीख को EMI देनी होती है लेकिन राहुल की EMI नहीं जा रही है!
यहाँ राहुल का लिया हुआ लोन 3 महीने बाद NPA मान लिया जायेगा! ऐसा नहीं है की बैंक राहुल से रुपयों की मांग नहीं करेगा।
बैंक राहुल को फोन करेगा की अपनी EMI भरिये! उसके 3 महीने बाद बैंक नोटिस भेजना शुरू करेगा!
एनपीए कितने प्रकार का होता है (Types of NPA Accounts in Hindi)
आइये अब आगे जानते एनपीए कितने प्रकार के होते हैं!
मुख्यतः बैंक एनपीए को तीन भाग में वर्गीकृत करता है।
S.Na | Types |
---|---|
1. | Sub-Standard Assets |
2. | Doubtful Assets |
3. | Loss Assets |
1. Sub-standard Assets
यह NPA 90 दिन से लेकर 1 साल के अंदर ही रहते हैं! ऐसे NPA खाते 1साल से पहले खत्म हो जाते हैं या 1 साल तक बच जाते हैं!
अगर देनदार 1 साल के भीतर ही अपना रुका हुआ लोन खत्म कर देता है तो यह Sub Standard Assets कहलायेगा!
2. Doubtful Assets
इनमें उस लोन को रखा जाता है जिसमे 1 साल तक कोई भी ब्याज नहीं आता है! देनदार लोन को चुकाने की बात करता है लेकिन चुकाता नहीं है इसलिए ऐसे ग्राहकों को Doubtful कहा जाता है!
3. Loss Assets
इस तरह के लोन में कोई ब्याज तक नहीं दिया जाता है! Bank उसको Loss में डाल देते हैं। इस तरह के NPA Loans राइट ऑफ नहीं होता है!
लोन एनपीए कैसे बनता है (Loan NPA Kaise Banta Hai)
Bank के Loans NPA हो जाने के कई कारण हैं! Bank किसी भी उधारकर्ता की बिना पहचान किये ही लोन दे देती है।
राजनीती दलों या फिर किसी बड़े पद का हवाला देकर बैंक से लोन लिए जाते हैं! उसकी पूर्व BRH (Bank with Relationship History) नहीं Search की जाती!
अधिकतर लोग व्यवसाय के लिए ऋण लेते हैं किन्तु चुका नहीं पाते हैं! लोग घर लेने के लिए भी ऋण लेते हैं फिर किसी कारण से लोन चुकता नहीं कर पाते हैं!
आप एक सीधा उदाहरण ले सकते हैं कुछ दिन पूर्व Yas Bank खुलासा हुआ था जिसमे हजारो रुपयों की राशि लोन में दी गयी थी जो एनपीए माना गया था!
ज्यादा NPA होने की वजह से बैंक पर खासा प्रभाव पड़ता है। बैंकों की ऋण देने की शमता बहुत कम हो जाती है!
फ्यूचर रिटेल कंपनी द्वारा डाली गयी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई और बड़े बैंकों से जवाब देने को कहा है! कुछ दिन पूर्व इस कंपनी ने कोर्ट में देश में बैंकों के बढ़ते एनपीए को लेकर एक याचिका डाली थी!
ऐसे में बैंकों का कहना है कि फ्यूचर रिटेल कंपनी खुद डिफाल्टर की श्रेणी में आती है! हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को एक सही दष्टिकोण अपनाने के लिए कहा!
कई बैंक बकाया राशि के बराबर ग्राहक को ऋण उपलब्ध करा रहे हैं ताकि पहले से चला आ रहा ग्राहक का अकाउंट एनपीए की श्रेणी में ना जाये!
एनपीए लोन की वसूली कैसे की जाती है (NPA Loan ki Recovery Kaise Hoti Hai)
बैंक के पास Loan Recovery के बहुत रास्ते होते है! जो भी देनदार है उसने अगर बैंक में कोई भी वस्तु जमीन,सोना या फिर कुछ पूंजी गिरबी रखी हो तो बैंक उससे लोन राशि वसूलता है!
कम्पनी के Share बेचकर भी बैंक Loan Recovery करता है! लोन ना चुकाने पर बैंक NCLT (National Company Law Tribunal) के माध्यम से लोन की Recovery करती है!
जहां पर कम्पनी और उसके असेट्स बेचकर बैंक अपनी वसूली करता है!
भारत में NPA कितना है (India mai NPA kitna Hai)
किसी भी बैंक का कोई भी राशि अगर NPA होती है तो बैंक उसको अपनी बैलेंस शीट से हटा देते हैं। भारत में सबसे ज्यादा SBI बैंक का Amounts NPA है!
सरकारी आंकड़ों के अनुसार सरकारी बैंकों के 22 खातों में करीब 82,000 करोड़ रुपए का लोन फँसा है जिसे वसूलने के लिए अब Bad Bank का सहारा लिया जायेगा!
एनपीए (Non-Performing Asset) से जूझ रहे बैंको के लिए ये राहत भरी खबर है क्यूंकि अब उन्हें अपने बैड लोन के लिए माथापच्ची करने की जरुरत नहीं पड़ेगी! इससे बैंक ग्राहकों को नया कर्ज दे सकेंगे!
कुछ महीने पहले राज्यसभा में एक रिपोर्ट पेश की गयी जिसमें State Bank Of India का करीब 1,59,621 करोड़ रूपये का एनपीए बताया गया!
इसके साथ ही Punjab National Bank को दूसरे और Bank of Baroda को तीसरे स्थान पर रखा गया! हम आगे बताएँगे कौन से ऐसे बैंक हैं ( Top Indian Banks of NPA Amounts) जो इस मामले में सबसे आगे हैं!
बैंक अपना एनपीए कम कैसे करें?
बैंकों को अपना एनपीए कम करने के लिए एक खास रणनीति पर काम करना चाहिए! जैसे की एनपीए अकाउंट को क्लियर करने या फिर उन्हें क्लोज करने के लिए एक अलग टीम होनी चाहिए!
बैंक को एनपीए अकाउंट में Legal Process स्टार्ट करके लोन को सेटल करने या फिर कोलेट्रल पर बैंक को जल्दी हक़ जताने पर काम करना चाहिए!
हर बैंक अपना एनपीए कम करना चाहता है जिसमें कई बैंक एनपीए अकाउंट को सुलझाने में पूरी ताकत लगा देते हैं!
NPA के बारे में जानकारों का कहना क्या है?
Covid-19 के चलते News Agency का मानना है वर्ष 2020 में भारत में एनपीए के अनुपात में करीब 1.9 प्रतिशत और ऋण लागत 1.3 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है!
अन्य Agency का यहां तक मानना है 2020 में सभी एशियाई देशों में यह राशि बढ़कर क़रीब 300 अरब डॉलर हो सकती है!
यही अनुपात अगर चीन का देखें तो वहां इसमें लगभग 2 प्रतिशत बढ़ोतरी होने के Chance हैं!
जानकारों का यह मानना है इस वक्त निवेशक किसी भी बड़े जोखिम को नहीं लेना चाहते हैं! जिसके कारण इसका प्रभाव बेंको और तमाम NBFC वित्तीय संस्थाओं पर पड़ेगा!
देश के बड़े NPA Defoliator जैसे विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी! इन लोगो ने बैंकों का बहुत पैसा वापस नहीं लौटाया!
ज्यादातर सरकारी बैंकों में यह संख्या जयादा है (5 Indians Banks of NPA Amount) भारतीय बेंकिन की कितनी पूंजी इसमें बंधित है।
जिसे बेंको को वसूलना बहुत मुश्किल होता जा रहा है!
हालाँकि जब से भारत में IBC (Insolvency and Bankruptcy Code), 2016 कानून आने के बाद कई एनपीए खातों में कार्यवाही भी की गयी है!
NPA का स्तर बहुत चिंताजनक होने के बाद इस कानून को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी थी!
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Top 5 Indian Banks of NPA Amounts
Top 5 Indians Banks of NPA Amounts
- SBI- State Bank Of India 1,59,621 करोड़
- PNB- Punjab National Bank- 76,809 करोड़
- BOB- Bank of Baroda – 73,140 करोड़
- BOI- Bank of India- 61,730 करोड़
- UBI- Union Bank of India – 49,924 करोड़
FAQ – Frequently Asked Questions About NPA Account
मैं अपने एनपीए लोन को कैसे सैटल कर सकता हू?
यह प्रश्न बहुत सही प्रश्न है! बैंक एनपीए को पुनर्प्राप्त करने के लिए नियमित आधार पर वसूली की प्रक्रिया को अपनाती है!
उधारकर्ता बैंक से ओटीएस के माध्यम से एनपीए निपटने के लिए कह सकते हैं! इसके लिए उन्हें अन्य शुल्क या ब्याज देने के लिए भी तैयार रहना होगा!
एनपीए की समस्या क्यों है?
NPA की समस्या बैंकों के साथ साथ पूरी अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित करती है! आम तौर पर ऋण देने को लेकर प्रोत्साहित किया जाता है क्यंकि इसमें धन का प्रभाव उत्पादक उद्देश्यों के लिए किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप आर्थिक विकास होता है!
निजी बैंकों का NPA Amount 2016 से 2019 तक कितना था?
2018 में पुरे भारत में निजी बैंकों का एनपीए राशि 10.21 लाख करोड़ से भी अधिक था! जो मार्च 2022 -23 में 5.55 लाख करोड़ हो गया है!
Conclusion [ निष्कर्ष ]
आज के इस हिंदी आर्टिकल में हमने एनपीए क्या है – एनपीए कितने प्रकार का होता है (Types of NPA in Hindi) एनपीए का फुल फॉर्म क्या होता है ( Full Form of NPA in Hindi ) लोन एनपीए कैसे बनता है और एनपीए लोन की वसूली कैसे की जाती है? के बारे में जानकारी प्राप्त की!
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Hey its a great article
thanks
Aap ka lekh bahut achha laga muje, asha karta hu yese hi banking and finance per ap lekh late rahenge
thankyou
Thanks for this supporting comment.