IP Address in Hindi – नमस्कार दोस्तों क्या आप IP Address क्या होता है? IPv4 और IPv6 में अंतर? यह कितने प्रकार का होता है और कैसे हो और क्यों उपयोग किया जाता है कि बारे में जानते हैं! आईपी एड्रेस के बारे में विस्तार से जाने वाले हैं!
हर एक डिवाइस आपके स्मार्टफोन से लेकर आपके लैपटॉप कंप्यूटर और यहां तक की कार तथा वेबसाइट और आपकी वेबसाइट को संचालित करने वाले सर्वर इंटरनेट पर एक दूसरे से संवाद करने के लिए आईपी ऐड्रेस निर्भर होते हैं!
बिना आईपी एड्रेस के आपका कोई भी उपकरण दूसरे किसी भी उपकरण से बात या फिर इंफॉर्मेशन ताजा नहीं कर सकता है! तो चलिए आज के इस लेख में हम आईपी एड्रेस के बारे में (IPv4 Address in Hindi) विस्तार से जानते हैं!
इसके साथ ही आईपी एड्रेस कितने प्रकार के होते हैं? Types of IP Address in Hindi, यह IP Address कैसे काम करते हैं? और इंटरनेट पर ip-address इतने जरूरी क्यों होते हैं? Why We Need IP Address? के बारे में इस लेख में जानेंगे!
ip एड्रेस क्या है? What an IP address
IP Address एक यूनीक न्यूमेरिकल आईडेंटिफायर होता है जो प्रत्येक डिवाइस को इंटरनेट में एक दूसरे से कनेक्ट करने के लिए Assign किया जाता है!
यह आईडेंटिफायर इंटरनेट में मशीन को आपस में एक दूसरे से कम्युनिकेट करने और इंफॉर्मेशन को एक्सचेंज करने की अनुमति देता है!
आईपी ऐड्रेस 4 नंबर की एक series जिसे डॉट से सेपरेट किया जाता है, का होता है! जैसे कि: 192.168.3.123
आईपी ऐड्रेस 4 और आईपी ऐड्रेस 6 में अंतर – IPv4 vs IPv6 Difference in Hindi
यदि हम IPv4 और IPv6 के बीच अंतर की बात करें तो IPv6, IPv4 के बाद की Ney generation है और IPv6 में IPv4 की तुलना मे काफी ज्यादा महत्वपूर्ण improvements हुए है!
और यह भी तय है की कुछ समय बाद से IPv4 की उपलब्धता खत्म हो जाएगी क्यूकी Approximately 4.3 billion addresses IPv4 हैं और लगातार हर एक Device को इंटरनेट से जोड़ने के लिए IPv4 की यह मात्रा काफ़ी नही हैं!
इसलिए ही भविष्य में आने वाली इस समस्या के निदान के लिए ही IPv6 का ईजाद किया गया! अर्थात IPv6 में हमें Approximately 3.4 x 10^38 addresses मिलते हैं!
चलिये IPv4 और IPv6 को समझने के लिए इनके बीच 10 अंतर जानते हैं!
Feature | IPv4 | IPv6 |
---|---|---|
Address length | 32 bits | 128 bits |
Address format | Dotted decimal notation (e.g. 192.168.0.1) | Eight groups of four hexadecimal digits (e.g. 2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334) |
Address space | Approximately 4.3 billion addresses | Approximately 3.4 x 10^38 addresses |
Header format | Fixed length header with variable length options | Simplified fixed length header with fixed length options |
Routing efficiency | Limited due to the use of network address | More efficient due to the hierarchical addressing structure and use of multicast for neighbor |
Security | Vulnerable to spoofing, sniffing, and other | Built-in support for IPsec and other security protocols to provide better protection against attacks |
Quality of service (QoS) | Limited support for QoS | Improved support for QoS and traffic management, including flow labeling and priority levels |
Address configuration | Manual or DHCP | Manual, DHCPv6, stateless autoconfiguration, and other methods |
Mobility | Limited support for mobile devices | Built-in support for mobile devices, including seamless handoffs between different networks |
Multicasting | Uses classful addressing | Uses classless addressing and is better suited for multicasting |
आईपी एड्रेस कैसे काम करता हैं?
इंटरनेट से जुड़ा हुए प्रत्येक डिवाइस का IP (Internet Protocol) addresses एक unique न्यूमेरिकल identifier होता है!
हर एक उपकरण जो इंटरनेट से जुड़ा होता है चाहे वह एक कम्प्युटर, लैपटाप हो या फिर आपका smartphone, एक दूसरे के साथ डाटा, इन्फॉर्मेशन Share करने और Communicate करने के लिए
IP (Internet Protocol) addresses पर निर्भर होते है!
एक IP address, Numbers की एक सिरीज़ होती है और इसे 4 भागों में dot (.) के द्वारा विभाजित किया जाता है!
उदाहरण के लिए 192.168.0.1. एक IPv4 एड्रैस है और इसे 4 भागों में dot (.) के द्वारा Separate किया गया हैं!
प्रत्येक भाग मे 0 से 255 तक Value होती है! इस तरह IPv4 में तकरीबन 4.3 billion possible IPv4 एड्रैस होते हैं!
जब भी आप किसी वैबसाइट को access करते है या फिर Email भेजते है तो आपका Device इंटरनेट पर Information को Packet के रूप में भेजता हैं!
इस Packet में आपके सिस्टम (आपका Laptop/SmartPhone) का IP Address होता हैं! इसके बाद यह packet विभिन्न Routers और Switches से होकर आपके Destination तक पहुंचता है!
रास्ते में प्रत्येक Routers और Switches आपके IP एड्रैस से ही यह सुनिश्चित करते हैं की यह पाकेट आपने ही भेजा हैं की नही!
यहा पर आपका डिवाइस Source और Destination, जिस सर्वर मे आपके द्वारा Request की गयी वैबसाइट मौजूद हैं, होती है!
आईपी एड्रेस के प्रकार
आईपी एड्रेस दो प्रकार के होते हैं! IPv4 और IPv6.
1. IPv4 addresses
IPv4 एड्रैस, 32-bit binary addresses होता है! और इसे decimal format में लिखा जाता हैं!
इसके साथ ही IPv4 एड्रैस को 8 bits के 4 ग्रुप में लिखा जाता है! प्रत्येक Octet (group of 8 bits) में 0 से 255 की वैल्यू होती है!
इस तरह हमारे पास आईपी एड्रेस के इस प्रकार के कुल 4.3 billion unique addresses है! और इंटरनेट से जुडने वाले Devices की लगातार बढ़ रही संख्या से भविष्य में IPv4 addresses की उपलब्धता खत्म होने को हैं!
2. IPv6 Address
IPv6 एड्रैस 128-bit Binary Addresses होता है! और इसे Hexadecimal Format में लिखा जाता हैं! इसके साथ ही IPv6 एड्रैस को 4 hex digits के 8 Groups मे लिखा जाता है! इन ग्रुप्स को Colons (:) के द्वारा विभाजित किया जाता हैं!
इस तरह हमारे पास तकरीबन IPv6 एड्रैस के 3.4×10^38 Unique Addresses होते हैं!
और यदि आप 3.4×10^38 unique addresses का हिसाब लगाएंगे तो आपको बहुत बड़ा नंबर मिलेगा, जिससे आप अंदाजा लगा सकते है की IPv6 एड्रैस भविष्य के सभी उपकरणो को इंटरनेट से जोड़ने के लिए काफ़ी हैं!
इंटरनेट पर IPv4 और IPv6 ऐड्रेसेस उपकरणों के बीच में कम्युनिकेशन Build करने के लिए उपयोग किए जाते हैं! IPv4 एड्रेस की लिमिटेड उपलब्धता के कारण अब IPv6 धीरे-धीरे IPv4 को रिप्लेस कर रहा है!
इसके साथ ही, IPv6 बहुत सारे नये features जैसे security इमप्रोवमेंट, auto-configuration, और multicasting इत्यादि को भी प्रदान करता है जो आपके नेटवर्क को एक modern network मे तब्दील कर सकते हैं!
पब्लिक और प्राइवेट आईपी में अंतर | Private vs public IP addresses
Networking में IP addresses के उपयोग के आधार पर दो प्रकार होते हैं! पहला Private और दूसरा Public IP address.
1. Private IP Address
Private नेटवर्क जैसे की आपके घर या फिर किसी ऑफिस के अंदर के नेटवर्क के लिए प्राइवेट IP एड्रैस का उपयोग किया जाता हैं! ये Private IP address इंटरनेट पर Publicly Routable नही होते है! अर्थात आप इस प्रकार के आईपी Address से किसी बाहर के अन्य Private network के साथ Communicate नही कर सकते हैं!
सरल भाषा में कहें तो, Private IP Address आपको, आपके निजी नेटवर्क (आपके घर या दफ्तर के अंदर का network) के अंतर्गत connected Devices के साथ ही Communicate करने की अनुमति देता है!
आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली Private IP Address की Range निम्नलिखित Class में विभाजित किया जाता है!
Class | Range | CIDR Notation | Number of Addresses |
Class A | 10.0.0.0 – 10.255.255.255 | 10.0.0.0/8 | 16,777,216 |
Class B | 172.16.0.0 – 172.31.255.255 | 172.16.0.0/12 | 1,048,576 |
Class C | 192.168.0.0 – 192.168.255.255 | 192.168.0.0/16 | 65,536 |
2. Public IP Address
एक public IP address, पब्लिक Network के लिए Use किया जाता है! यह पूरे इंटरनेट में एक Unique एड्रैस होता है जो पूरे इंटरनेट पर routable होता है! अर्थात इस एड्रैस की वजह से आप इंटरनेट पर मौझूड किसी भी डिवाइस से Communicate कर सकते हैं!
दरअसल Public IP एड्रैस, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) द्वारा प्रदान किए जाते हैं! और ये या तो static और या फिर dynamic हो सकते है!
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आईपी एड्रैस कैसे पता करें? How to find your IP address
अपने कम्प्युटर या फिर मोबाइल डिवाइस का IP Address पता करने के लिए आप निम्नलिखित Steps को फॉलो कर सकते हैं!
सबसे पहले अपने कम्प्युटर या फिर Smartphone में किसी एक ब्राउज़र जैसे की Chrome, Firefox, या फिर Safari को Open करें!
अब ब्राउज़र में “what is my ip” या “my ip address” टाइप करके सर्च करें!
अब आपको SERP में कई सारी वैबसाइट दिखेंगी जो आपके डिवाइस के IP address को आपको बताएँगी!
तो अब किसी एक लींक में क्लिक कीजिये और यह वैबसाइट आपको आपका IP एड्रैस दिखा देगी! यहा पर आपको आईपी एड्रैस के साथ साथ अन्य जानकारी जैसे की आपकी लोकेशन और आपके ISP (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर) भी बता सकती हैं!
इसके अलावा command prompt (Windows) और terminal (Mac तथा Linux) से भी आप निम्नलिखित तरीके से अपना IP address को Find कर सकते हैं!
तो यदि आप Window System इस्तेमाल कर रहें हैं तो सबसे पहले command prompt (CMD) को Open कीजिये!
अब अपने इस Command Prompt पर ipconfig कमांड को Run कीजिये!
यदि आप Mac तथा Linux System इस्तेमाल कर रहें हैं तो Terminal को Open कीजिये और ifconfig कमांड run कीजिये!
इसके बाद ifconfig के output में “IPv4 Address” या “inet” आपको आपके सिस्टम का IP एड्रैस दिखाई देता हैं!