DNS Full Form: डीएनस क्या है – Domain Name System कैसे काम करता है? पूरी जानकारी

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Hi नमस्कार दोस्तों क्या आपको पता है, डीएनस क्या है? (DNS Kya hai) और डीएनएस का फुल फॉर्म क्या होता है? (DNS Ka Full Form Kya Hai) डीएनस के बिना इंटरनेट काम करना बंद कर देता है! वर्तमान में इंटनेट पर करोडो वेबसाइट मौजूद है जिन्हे हम आमतौर पर अलग अलग नाम जैसे Facebook, Amazon से याद रखते है!

ये सारे नाम असल में Domain Name होते है! और इन सभी नामो को अच्छे से मैनेज करने के लिये डीएनस का इस्तेमाल होता है!

DNS इंटरनेट की इस दुनिया में एक बहुत बड़ी Problem को Solve करता है! आप डीएनस के कारण ही Internet पर मौजूद इन करोड़ो वेबसाइट को अलग अलग नाम से याद रख पाते हो और किसी भी Computer या मोबाइल से इन Website को Access कर पाते हो! 

असल में डीएनस एक ऐसा System होता है जिसे आप इंटरनेट का नोटबुक कह सकते है और इस नोटबुक में अलग अलग तरह के DNS Records होते है! 

आज के इस हिंदी लेख में हम आपको डीएनस के बारे में विस्तार से बताने वाले है! जैसे डीएनस क्या होता है? (DNS Kya Hai) और डीएनस कैसे काम करता है? (DNS Kaise Kaam Karta Hai) डीएनस रिकॉर्ड क्या होते है? (DNS Records in Hindi) आदि!

DNS Kya Hai

[ DNS Kya Hai – What is DNS in Hindi ]

डीएनस का फुल फॉर्म – DNS Full Form in Hindi

DNS Full Form: डीएनस का पूरा नाम Domain Name System या Domain Name Server होता है! अर्थात डीएनस एक तरह का सिस्टम या सर्वर होता है जो बहुत सारे Domain Name’s को Manage करता है!

डीएनस क्या है – DNS Kya Hai

What is DNS in Hindi: डीएनस (Domain Name Server) इंटरनेट में मौजूद Domain Name’s का एक Hierarchical और Decentralized Naming System होता है! मतलब यह इंटरनेट में उपलब्ध Domain Name को Manage करने के लिए Tree Structure (पेड़ की संरचना की तरह) में बनायीं गयी एक नामकरण प्रणाली है!

DNS सिस्टम का काम किसी वेबसाइट के नाम यानि की Domain Name को IP Address में और IP Address को Domain Name में Convert करना होता है!

चलिये DNS Kya hai को बिलकुल आसान भाषा में समझने के लिए सबसे पहले इसके Technical Aspect को समझते है!

दरअसल Internet में मौजूद हर एक वेबसाइट किसी न किसी सर्वर में Hosted होती है! जिसमे उसके सभी जरुरी Core Files होते है! और इस सर्वर को ओरिजिन सर्वर कहते है!

इस Origin Server को Internet में पहचानने के लिए IP Address दिया गया होता है!

अब अगर आपको यह Website इंटरनेट में खोजनी है तो आदर्श रूप से आपको इस Website के Computer Address (IP Address) को अपने इंटरनेट ब्राउज़र में लिखकर सर्च करना होगा तो यह वेबसाइट आपके ब्राउज़र में खुल जाएगी!

जैसे यदि आपको facebook.com वेबसाइट का IP ज्ञात है तो उसे अपने ब्राउज़र में लिखकर सर्च कीजिये, Facebook Open जो जाता है! अभी वर्तमान समय में Internet पर करोड़ो वेबसाइट है और इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है!

हमे कभी न कभी इन अलग अलग Websites को अलग अलग काम के लिए Open करना होता है तो इसमें समस्या यह है की आखिर इतनी सारी Websites के इतने सारे IP Address को याद कैसे रखा जाय!

तो ऐसे में DNS Server बहुत अहम् भूमिका निभाता है! और इन सभी IP Addresses की और उसके समक्ष डोमेन नाम की पूरी लिस्ट अपने पास रखता है! फिर जैसे ही कोई किसी वेबसाइट को उसके Domain Name से सर्च करता है!

तो DNS Server इस Domain Name को IP Address में Convert कर देता है! इसके बाद हिट IP से Origin Server तक जाती है और Website Open हो जाती है

DNS का इतिहास – What is DNS History in Hindi

अभी पुरे विश्व में लगभग 1 बिलियन वेबसाइट मौजूद है! लेकिन एक समय ऐसा भी था जब इंटरनेट का आकर बहुत छोटा और सिमित था! उस समय बहुत कम वेबसाइट होती थी! जिस वजह से लोगो को आम तौर पर वेबसाइट के IP Addresses याद रखने में कोई दिक्कत नहीं होती थी!

लेकिन समय के साथ – साथ Internet तेजी से पुरे विश्व मे फ़ैल गया और लगातार हर दिन लाखो Websites बनने लग गयी! अब अलग – अलग Website के अलग अलग IP Address को याद रख पाना बहुत मुश्किल हो गया!

इस समस्या को देखते हुए Paul Mockapetris ने सनं 1983 में Domain Name System (DNS) का आविष्कार किया!

जिसके बाद से हर एक वेबसाइट को एक Human Readable Name (इंसान द्वारा पढ़ने योग्य नाम) प्रदान किया गया! जिसे Domain Name कहते है! IP Address की तुलना में इस Domain Name को याद करना बहुत आसान होता है!

Domain Name System के बारे में और डीएनस सिस्टम कैसे काम करता है को अच्छे से समझने के लिए सबसे पहले आपको निचे दिए गए महत्वपूर्ण बिन्दुओ को समझना जरुरी है! तो चलिए पहले निम्न परिभाषाओ को समझते है!

  • टॉप लेवल डोमेन (Top Domain Name)
  • डोमेन नाम (Second Level Domain Name)
  • सब-डोमेन (Sub-Domain)
  • एफक्यूडीएन (FQDN)
  • डीएनस अनुक्रम (DNS Hierarchy)

टॉप लेवल डोमेन क्या होते है – Top Level Domain Kya Hai

Top Level Domain Kya hai: दुनिया में मौजूद प्रत्येक वेबसाइट के नाम का आखरी हिस्सा (Part) एक Top Level Domain होता है! जैसे UseHindi.com में हमारे UseHindi वेबसाइट के नाम का आखरी हिस्सा .com एक Top Level Domain होता है! 

इसी प्रकार Internet Corporation for Assigned Names and Numbers (ICANN) के अनुसार वर्तमान में Total Top Level Domains की संख्या 1,505 है! जिनमे से कुछ निचे बताये गए है!

TLD (Top Level Domain)Used For
comCommercial Businesses
inIndia
orgOrganizations
netNetwork Organizations
euEuropean Union
ukUnited Kingdom
govGovernment
milMilitary

डोमेन नाम क्या है – Domain Name Kya Hai in Hindi

Domain Name Kya Hai: डोमेन नाम मनुष्य के पढ़ने योग्य नाम होता है! जब आप किसी Website का नाम लिखते है तो यह नाम ही Domain Name होता है! जैसे आप हमारे वेबसाइट का नाम ही देख लीजिये! usehindi.com एक Domain Name है!

DNS Hierarchy में यह Second Level Domain Name होता है!

दरअसल मानव मनोविज्ञान (Human Psychology) के अनुसार इंसान अंको की तुलना में किसी नाम को जल्दी और लम्बे समय तक याद रख सकता है! उदाहरण के लिए आपको आपके आस पास के लगभग सभी लोगो के नाम याद हो सकते है लेकिन उनकी जन्मतिथि नहीं!

इसी सिद्धांत को इस्तेमाल करके Domain Name की शुरुआत हुई ताकि हमे Internet में मौजूद Websites के नाम आसानी से याद हो जाये!

सब-डोमेन क्या है – Sub-Domain Kya Hai in Hindi

Subdomain मुख्य Domain Name के साथ जुड़ा हुआ एक अलग Domain होता है जैसे – support.usehindi.com एक usehindi.com का subdomain है!

FQDN क्या होता है – What is FQDN in Hindi

FQDN का पूरा नाम Fully Qualified Domain Name होता है! जैसे www.support.usehindi.com. यह एक Fully Qualified Domain Name होता है जबकि usehindi.com केवल एक Domain Name है!

डीएनस अनुक्रम (DNS Hierarchy)

DNS Hierarchy in Hindi

डीएनस सर्वर के प्रकार – Type of DNS Server in Hindi

मुख्यतः DNS सर्वर 3 प्रकार के होते है!

  1. Recursive DNS Servers
  2. Authoritative DNS Server
  3. Root DNS Servers

DNS कैसे काम करता है – How DNS Works in Hindi

डीएनएस सर्वर अपने डोमेन नेम के साथ सभी प्रकार के आईपी ऐड्रेस की सूचि की इंफॉर्मेशन भी रखता है जिन्हें जरूरत पड़ने पर फिर से पाया जा सके! चलिए अब डीएनस सिस्टम कैसे काम करता है Step by Step समझते है!

Step 1. Website Information के लिए Request

सबसे पहले जो भी Website हमें विजिट करनी है उसके Domain Name को हम अपने Computer के Web Browser में लिखते है!

उसके बाद हमारा Computer इस Domain name को Resolve करने की Process को Start करता है! इसका मतलब एक DNS Query Generate होती है!

Step 2. Local DNS Cache से DNS Query Resolve

सबसे पहले हमारा कंप्यूटर उस Domain Name से Associate IP Address को हमारे Computer के Operating System Files में और Local DNS Cache में ढूढ़ता है!

यदि Computer को Associate IP Address मिल जाता है तो हमें Browser में Website की Information दिखाई देने लगती है! और DNS Query यही पर Resolve हो जाती है!

आपको बता दे Locale DNS Cache हमारे कंप्यूटर में कुछ समय के लिये Store रहता है! और निचे बताई गयी Operating System Files भी हमारे कंप्यूटर में Hostname और Domain Name को IP Address में Convert करने का काम करती है!

For Windows: C:\Windows\System32\drivers\etc\hosts

For Linux Based Operating Systems: /etc/hosts

Step 3. DNS सर्वर से संपर्क (Contact to DNS Server)

यदि कंप्यूटर को OS Level Files और Local Cache में Website Information नहीं मिलती है! तो Computer सही जानकारी (Correct Information) को प्राप्त करने के लिये फिर से एक New DNS Query करता है!

और अब इसके लिये Computer अपने Network Configuration में Check करता है की क्या कोई डीएनस Server उससे जुड़ा हुआ है! इसलिये कंप्यूटर अब अपने Network में मौजूद डीएनस सिस्टम सर्वर से संपर्क करता है!

What is DNS in Hindi

Step 4. Recursive DNS Server को DNS Query भेजें

वर्तमान में Internet पर बहुत सारे Recursive DNS Server उपलब्ध है! कुछ ISP (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर) अपना खुद का DNS Server इस्तेमाल करते है! Recursive DNS Server अपने पास केवल Top Level Domain Servers Addreses रखते है!

यह अपने द्वारा Resolve कि गयी DNS Query की Details DNS Cache के रूप में कुछ समय के लिए रखता है!

जब DNS Query को हमारा कंप्यूटर Recursive DNS Server को भेजता है तो यह DNS Server सबसे पहले अपने DNS Cache में उस Domain Name को सर्च करता है!

यदि Information मिल जाती है तो हमारी DNS Query वही पर Resolve हो जाती है!

Step 5. Authoritative DNS Server को DNS Query भेजें

नहीं तो Recursive DNS Server फिर से एक नयी DNS Query Generate करता है! और उसे किसी Authoritative DNS Server को भेजता है!

प्रत्येक Domain का Important Information, Authoritative DNS Server द्वारा अपने पास DNS Records में रखा जाता है! Authoritative DNS Server, Recursive DNS Server से आने वाली हर एक DNS Query को Resolve करते है!

DNS रिकॉर्ड क्या होता है – What is DNS Records in Hindi

ध्यान देने की बात ये है कि DNS (Domain Name System) अपने पास Domain Name और IP Addresses का ये सारा हिसाब किताब बहुत अच्छे से और सुव्यवस्थित तरीके से रखता है इसलिये इस हिसाब किताब को ही DNS Records कहा जाता है!

रिकॉर्ड कितने प्रकार के होते है – How Many Type of DNS Records

DNS Records कई प्रकार के होते है! तो चलिये कुछ सामान्यतः इस्तेमाल किये जाने वाले DNS Records को जानते है!

S.NoRecord TypeDescription
1AIPv4 Address record
2AAAAIPv6 Address record
3CNAMECanonical Name Record
4NSNameserver Record
5MXMail Exchanger Record
6PTRPointer Type Record
7SOAStart of Authority Record
8SRVService Location Record
9TXTText Record

Conclusion

आज के इस हिंदी आर्टिकल में हमने डीएनस सिस्टम क्या होता है (DNS Kya hai) और डीएनस सिस्टम कैसे काम करता है? (What is DNS in Hindi and How it Works), DNS रिकॉर्ड क्या होते है (DNS Records in Hindi) आदि सीखा!

उम्मीद है आपको DNS Kya Hai? आर्टिकल से Domain Name System के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा!

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पूरा पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद 

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