Trademark क्या है? | ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कैसे करें? (ट्रेडमार्क के प्रकार, रजिस्ट्रेशन फीस)

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Hello दोस्तों, क्या आप जानते है Trademark क्या है? और ट्रेडमार्क क्यों जरुरी है? ट्रेडमार्क एक प्रकार का मार्क होता है! जो किसी प्रोडक्ट के manufactured कंपनी को दर्शाता है! आज के इस हिंदी ब्लॉग में हम ट्रेडमार्क के बारे में आपको विस्तार से बताने वाले है!

ट्रेडमार्क के बारे में जानना बहुत आवश्यक है! आज के समय में लोग online चीजें खरीदते वक्त उसके रिव्यू को जरूर देखते हैं!

उसी तरह सामने से किसी भी दुकान से आप कोई वस्तु खरीद रहे हैं उसकी पहचान आप कैसे करेंगे! जी हाँ आप खरीदारी करते वक्त उस Product का Logo देखते हैं! ट्रेडमार्क चैक कर सकते हैआ!

किसी भी व्यवसाय को शुरु करने से पहले कोई भी कारोबारी जिस व्यवसाय से जुड़ा हो! उसका एक लोगो, शब्द, टैगलाइन ,या फिर कोई शार्ट स्लोगन तैयार करता है!

यह चीजें बिजनेस की एक Brand Value बन जाती है! ग्राहक के दिमाग में यही Logo, Tagline या Slogan अपनी जगह बना लेता है!

तो दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम ट्रेडमार्क क्या है (Trademark Kya hai) ट्रेडमार्क में पेटेंट क्या होता है? ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए कैसे आवेदन करें (Trademark Registration Kaise kare) और ट्रेडमार्क के बेनिफिट्स क्या क्या होते है? के बारे में विस्तार से जानेंगे! 

Trademark क्या है?
Trademark kya hota hai

विषय - सूची

Trademark क्या है? Trademark kya hai in Hindi

ट्रेडमार्क एक विशेष प्रकार का प्रतीक, शब्द, वाक्यांश, डिज़ाइन या उनका कॉम्बिनेशन है जो एक पार्टी या ब्रांड के सामान या सेवाओं को दूसरों से अलग बनता है और एक पहचानकर्ता के रूप में कार्य करता है और इसे कानूनी रूप से संरक्षित किया जा सकता है।

ट्रेडमार्क किसी भी बिजनेस की पहचान, एक विक्रेता से दूसरे विक्रेता के मध्य व्यापारिक संबंध, एक दूसरे के द्वारा बेचे और खरीदे गए उत्पाद में अंतर करने और उत्पाद को दर्शाने में इस्तेमाल किया जाता है! 

कम्पनी का Trademark रजिस्टर्ड करवाना बहुत जरूरी है! बिना ट्रेडमार्क के किसी भी उत्पाद को बेचना अपराध की श्रेणी में आता है! किसी भी एक कम्पनी का ट्रेडमार्क कोई दूसरी कम्पनी Use नहीं कर सकती है! यह भी एक तरह का अपराध माना जाता है!

ट्रेडमार्क के प्रकार – Types of Trademark

ट्रेडमार्क को उनके विशेषताओं और उनके द्वारा प्रदर्शित किये जाने वाली वस्तुओं या सेवाओं के आधार पर कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। यहां कुछ सामान्य प्रकार के ट्रेडमार्क निम्न है:

  • Word mark
  • Design mark
  • Slogan mark
  • Sound mark
  • Color mark
  • Motion mark
  • Collective mark
  • Certification Marks

ट्रेडमार्क क्यों जरूरी हैTrademark Kyu Jaruri Hai in Hindi

जैसे की मैंने आपको बताया Trademark किसी भी कम्पनी की एक पहचान है! अगर कोई भी उत्पाद खराब है या फिर ग्राहक उसमें कमी महसूस करता है तो वह ट्रेडमार्क देखकर ही उस कम्पनी के उत्पाद की खरीदारी करता है!

कभी कबार ग्राहक को महसूस हो जाता है कि उस कम्पनी के उत्पाद में कोई महत्वता नहीं है! तो वह ट्रेडमार्क देखकर ही उत्पाद को रिजेक्ट कर देता है!

अब आप सोच रहे होंगे किसी भी कम्पनी के लिए ट्रेडमार्क क्या है Trademark kya hai तो आपको बता दें ट्रेडमार्क बौद्धिक सम्पदा का अधिकार है!

एक विशेष उत्पाद को लोगों तक पहुचाने, लोगों को उस उत्पाद के उपयोग और महत्वता को समझाने का कार्य ट्रेडमार्क करता है! 

ट्रेडमार्क में पेटेंट क्या है – Trademark Patent in Hindi

पेटेंट का अर्थ ट्रेडमार्क पाने का एक आइडिया होता है! इस आइडिया को रजिस्टर्ड करवाने को ही पेटेंट कहा गया है! इससे आपको एक अधिकार मिल जाता है ताकि कोई और आपके ट्रेडमार्क को कॉपी ना कर पाए!

अगर कोई कम्पनी या व्यक्ति ऐसा करता पाया जाता है तो वह कानूनन अपराध माना जायेगा! कोई भी अगर ट्रेडमार्क बेचना चाहता है या फिर किसी और को Patent Mamber बनाना चाहता है तो इसकी अधिकतम सीमा 20 वर्ष है!  

ट्रेडमार्क की वैधता कितनी होती हैTrademark ki Validity Kitni Hoti Hai in Hindi

किसी भी Trademark की वैधता 10 साल की होती है! 10 साल के बाद कम्पनी को ट्रेडमार्क रिन्यू करवाना होता है!

किसी भी कम्पनी का एक बार ट्रेडमार्क registered होने के बाद कोई कम्पनी उस कम्पनी का Trademark और नाम का उपयोग नहीं कर सकती है!

यह मैं आपको इसलिए बता रहा हूँ क्यूँकि किसी भी कम्पनी के बढ़ते हुए Trade को देखते हुए कोई और कपंनी उसका Copy Firm खोलने का या फिर उसके ट्रेड को खराब करने की कोशिश कर सकती है!

इन्हें भी पढ़ें – GDP क्या है? जीडीपी की दर कौन जारी करता है?

ट्रेडमार्क रजिस्टर्ड करने के लिए क्या क्या चाहिए – Trademark Registered Karne ke Liye kya kya Chaiye

किसी भी Company के Trademark registered के लिए सबसे पहले कोई एक Logo या फिर कोई Brand की जरूरत होती है!

व्यक्तिगत Trademark registered के लिए किसी भी ऑनर को ट्रेडमार्क प्रश्नावली के साथ साथ आधार कार्ड, पैन कार्ड की जरूरत होती है! आवेदन कर्ता द्वारा हस्ताक्षर किया हुआ Power of Attorney की भी जरुरत होती है! 

कोई भी प्राइवेट कम्पनी अपना ट्रेडमार्क रजिस्टर्ड करवाना चाहती है तो उसे ट्रेडमार्क प्रश्नावली, पावर ऑफ़ एट्रोनि और बिजनेस बोर्ड एसोसिएटेड द्वारा लिखित पत्र की आवश्यकता होती है! 

इसके साथ जब भी कोई व्यक्ति ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करते हैं तो उनके पास ट्रेडमार्क प्रश्नावली, कम्पनी का एक डिस्क्रिपशन, और इसके साथ वो व्यक्ति कानून रूप से उस कम्पनी के ऑनर होने चाहिए!

साथ में आवेदनकर्ता को अपनी पहचान से जुड़े हुए सभी जानकारियां प्रस्तुत करनी होंगी!

ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की फीस क्या होती हैTrademark Registration Fees

ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन ऑफ़ प्रोसेस की फीस अलग अलग होती है! इसके लिए अलग अलग फॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है जैसे TM5, TM12 , TM13  वर्तमान में ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन शुल्क 4000 रुपये रखा गया है!

कोई भी ट्रेडमार्क Remove किया जाता है तो उस Trademark के दोबारा Registration के लिए 5000 का शुल्क लिया जाता है!

ट्रेडमार्क में हुए किसी भी गलती को सुधारने के लिए TM फॉर्म 26 भरना होता है इसके लिए करीब 3000 का शुल्क रखा गया है!

ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए कैसे आवेदन करेंTrademark Registration ke liye Kaise Apply kare

Trademark Registration ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है! Online Registration के लिए आपको किसी भी सर्च इंजन पर जाकर ट्रेडमार्क सर्च करना होगा!

उसके बाद ट्रेडमार्क की official website पर विजीट करना होगा! कोई भी ट्रेडमार्क रजिस्टर्ड है या नहीं इसके लिए आप IP India website पर जाकर चेक कर सकते हैं!

आप ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन Control General of Patent Designee and Trademark Website पर जाकर भी कर सकते है!

Trademark Registration की प्रक्रिया को पुरे होते होते करीब दो साल का समय लग जाता है! आप रजिस्ट्रार ट्रेडमार्क ऑफिस में जाकर ट्रेडमार्क के लिए offline भी आवेदन कर सकते हैं! 

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ट्रेडमार्क के फायदे क्या हैTrademark Ke Fayde Kya Hai

Trademark Registration के बाद आपके पास कानूनन अधिकार प्राप्त हो जाता है! कोई भी ट्रेडमार्क रजिस्टर्ड नहीं है तो उसके खिलाफ कोई कानूनन कार्यवाही नही हो सकती है! 

ट्रेडमार्क से कम्पनी और ग्राहक के मध्य अच्छे संबंध बनते हैं और व्यापार में वृद्धि होती है साथ में ग्राहक को भी संतुष्टि हो जाती है!

रजिस्टर्ड होने के बाद Company और Trademark सुरक्षित रहते हैं! 

Company में ट्रेडमार्क के शमिल होने के बाद कम्पनी के ट्रेड में काफी वृद्धि देखि जा सकती है! साथ में कम्पनी के Employ और Company में अच्छा तालमेल बना रहता है इसलिए ट्रेडमार्क का होना बहुत जरूरी होता है!

FAQ – Trademark kya hai in Hindi

Q1. ट्रेडमार्क का मतलब क्या होता है?

Ans. जब कोई भी ब्रांड या कंपनी द्वारा अपने उत्पाद पर एक विशेष लोगो, टैगलाइन या स्लोगन दर्शाया जाता है, जो उन्हें एक अलग पहचान देता है तो उस लोगो या स्लोगन को ही Trademark कहा जाता है! 

Q2. ™ और ® प्रतीकों के बीच क्या अंतर है?

Ans. ™ प्रतीक का उपयोग यह दर्शाने के लिए किया जाता है कि किसी चिह्न का उपयोग ट्रेडमार्क के रूप में किया जा रहा है, भले ही वह पंजीकृत न हो। 
दूसरी ओर, ® प्रतीक का उपयोग एक पंजीकृत ट्रेडमार्क को दर्शाने के लिए किया जाता है, जो दर्शाता है कि यह चिह्न संघीय रूप से पंजीकृत है और कानूनी सुरक्षा प्राप्त है।

Q3. ट्रेडमार्क और कॉपीराइट के बीच क्या अंतर है?

Ans. ट्रेडमार्क ब्रांड नाम, लोगो और अन्य आइडेंटिफिकेशन की सुरक्षा करता है जो वस्तुओं या सेवाओं को अलग करते हैं, जबकि कॉपीराइट मूल रचनात्मक कार्यों, जैसे साहित्यिक, कलात्मक, संगीत या वास्तुशिल्प रचनाओं की सुरक्षा करता है।

हमने क्या जाना और सीखा – Conclusion

आज के इस पोस्ट में हमने जाना Trademark क्या होता है Trademark kya hai in Hindi यह किसी कम्पनी के लिए क्यों जरूरी हो जाता है ट्रेडमार्क को कैसे रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है और साथ में हमने जाना ट्रेडमार्क में पेटेंट क्या होता है इसके क्या फायदे होते हैं!

आशा करता हूँ आज के इस पोस्ट से आपको बहुत कुछ जानने को मिला होगा! आप हमारे साथ इसी तरह जुड़ते रहिये! हमारा और हमारे इस ब्लॉग को Subscribe कर लें! आप हमारे इस पोस्ट को सभी Social Platform पर शेयर अवश्य करें! 

पूरा पोस्ट पढ़ने हेतु आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!

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