Onam History in Hindi – ओणम त्योहार पर निबंध 2023 (ओणम की कहानी) 

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ओणम त्योहार पर निबंध 2023 – नमस्कार दोस्तों, क्या आपको पता है कि ओणम का त्योहार क्यों मनाया जाता है? (ओणम की कहानी) Onam History in Hindi. हमारे भारतीय उपमहाद्वीप की समृद्धि और विविधता को प्रकट करने वाले त्योहारों में “ओणम” का एक विशेष स्थान है!

ओणम त्योहार भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का एक ऐसा आदर्श है जो दक्षिण भारतीय राज्य केरल के लोगों की अद्वितीय धार्मिकता और सांस्कृतिक गहराई दिखाता है। “ओणम” का यह पर्व एकता, स्नेह, आनंद और सामृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है! और इस त्योहार में स्वागत और समृद्धि की भावना समाहित होती है।

आज के इस लेख में हम, “ओणम” का अर्थ (Onam Meaning in Hindi), ओणम का त्योहार कब और कहा मनाया जाता है? तथा ओणम की पूरी कहानी Onam History in Hindi जानेंगे! इसके साथ ही ओणम त्योहार के मूल स्रोत, ऐतिहासिक महत्व और इससे जुड़ी रोचक कहानियां, सब कुछ हिंदी में जाएँगे!

Onam History in Hindi
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ओणम का अर्थ | Onam Meaning in Hindi

“ओणम” शब्द का अर्थ “आदान – प्रदान” या फिर “स्वागत” होता है। यह शब्द मुख्य रूप से केरला प्रदेश के पर्व “ओणम” के नाम में आता है, जो एक महत्वपूर्ण और धार्मिक पर्व है जिसे सभी केरलवासियों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

इस पर्व के दौरान लोग समृद्धि, सौभाग्य और खुशियों की कामना करते हैं और एक-दूसरे का स्वागत करते हैं।

ओणम क्या हैं? What is Onam in Hindi

“ओणम” एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है जो मुख्य रूप से भारतीय राज्य के केरला प्रदेश में मनाया जाता है। यह त्योहार विशुद्धता, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और यह केरली संस्कृति और परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

ओणम त्योहार का मुख्य उद्देश्य भगवान वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु के यज्ञ के बारे में की जाने वाली कहानी से जुड़ा हुआ है।

यह कहानी भगवान विष्णु के यज्ञ के परिणामस्वरूप में भगवान वामन अवतार के रूप में उपस्थित होने की है, जिन्होंने महाराजा बलि के यज्ञ को रोकने के लिए उसकी प्रजा को अवश्यकतानुसार भूमि से बाहर धकेल दिया।

Onam meaning in hindi
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ओणम के दौरान लोग विभिन्न प्रकार के पारंपरिक गीत और नृत्य के साथ उत्सव मनाते हैं, फूलों से बने आरंगेम (रंगमंच) बनाते हैं, विशेष रूप से साद्या नामक विशेष भोजन का आनंद लेते हैं और आपसी मित्रता और समरसता की भावना के साथ त्योहार का आनंद उठाते हैं।

ओणम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा “पुलिक्कलं” नामक नृत्य होता है, जिसमें लोग सजीव रंगमंच पर फूलों से बने चित्र बनाते हैं और उन्हें देखने के लिए उपयुक्त दृष्टिकोण से उन्हें देखने का आयोजन किया जाता है।

ओणम एक सामुदायिक और परिवारिक त्योहार होता है जिसमें सभी साथ मिलकर खुशियों का आनंद लेते हैं और सांस्कृतिक धरोहर को महत्वपूर्णीयता देते हैं।

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ओणम कब मनाया जाता है?  When Onam is Celebrated

ओणम” केरला प्रदेश में मनाया जाने वाला एक ऐसा प्रमुख हिन्दू त्योहार है जो चिंतामणि मास के प्रथम दिन से आठवें दिन तक मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय पंचांग के अनुसार आस्तिक (सोलार) मासिक प्रतिपदा से आषाढ़ मास के पूर्णिमा तिथि तक मनाया जाता है।

इसका मुख्य उद्देश्य मौसम के उत्तराधिकारी महीने में आने वाली फसलों की शुभकामनाएँ देना और खुशियों का आनंद उठाना होता है।

ओणम के दौरान केरला में धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होते हैं जिनमें गीत, नृत्य, खानपान, खेल-कूद और रंगमंच समारोह शामिल होते हैं।

यह एक सामुदायिक और परिवारिक त्योहार होता है जिसमें लोग एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं और खुशियों का आनंद उठाते हैं।

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ओणम त्योहार कहाँ मनाया जाता हैं? 

ओणम” त्योहार मुख्य रूप से भारतीय राज्य के केरला प्रदेश में मनाया जाता है। केरला एक सुंदर भारतीय राज्य है जो दक्षिण-पश्चिम भारत में स्थित है और यह त्योहार यहाँ के विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में मनाया जाता है।

केरला में ओणम का महत्वपूर्ण स्थान है और यहाँ के लोग इसे खास आनंद और उत्साह के साथ मनाते हैं। त्योहार के दौरान लोग विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम और आयोजनों जैसे कि गीत, नृत्य, खेल-कूद, रंगमंच, आदि में भाग लेते हैं!

ओणम केरला की स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहाँ के लोग इसे खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं, जिसमें सामाजिक समरसता और आपसी बंधन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

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ओणम की कहानी | Onam Story in Hindi

ओणम” के त्योहार की कहानी मुख्य रूप से महाभारत के महाराजा बलि के विचार पर आधारित है। यह कहानी “वामन अवतार” के रूप में भगवान विष्णु के यज्ञ के परिणाम के रूप में है। निम्नलिखित है:

बहुत समय पहले की बात है, भगवान विष्णु ने भगवान शिव से एक वरदान मांगा कि वह बलि राजा के यज्ञ को रोकें। बलि राजा एक उदार और दानशील राजा थे, जो अपने प्रजा की भलाई के लिए सबकुछ करते थे। उनकी राजधानी पाताललोक में थी।

भगवान विष्णु ने अपने वामन अवतार में धरती पर आकर बलि राजा के यज्ञ में जाने का निश्चय किया। जब वह वहाँ पहुँचे, तो वामन ने बलि राजा से तीन कदम की मांग की। बलि राजा ने वामन की इस विशेष मांग को स्वीकार किया।

onam story in hindi
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वामन के तीन कदमों के साथ ही वे भयंकर बड़े हो गए और वे तीन लोकों के स्वामी बन गए। लेकिन उन्होंने बलि राजा के उदार और सजग मन को प्रसन्न कर दिया और वामन ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि वे हमेशा उनके साथ रहेंगे और हर साल उनके यज्ञ के समय पास आएंगे।

इसी प्रकार, ओणम त्योहार की कहानी में बताया जाता है कि भगवान विष्णु ने अपने वामन अवतार के रूप में बलि राजा के यज्ञ को रोकने के लिए उसके पास प्रकट होकर उन्हें आशीर्वाद दिया था।

इस आशीर्वाद के चलते ही हर साल ओणम का त्योहार मनाया जाता है, जिसमें लोग एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं और सामाजिक सद्भावना का प्रतीक दिखाते हैं।

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Onam Festival in Hindi 10 Lines

  1. ओणम त्योहार केरला प्रदेश में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है।
  2. यह त्योहार भगवान विष्णु के वामन अवतार की कहानी से जुड़ा हुआ है।
  3. ओणम त्योहार चिंतामणि मास के प्रथम दिन से आठवें दिन तक मनाया जाता है।
  4. यह त्योहार खुशियों, समृद्धि और सौभाग्य की प्रतीक माना जाता है।
  5. लोग इस त्योहार में पुलिक्कलं नामक नृत्य और आरंगेम नामक रंगीन आरंभ का आयोजन करते हैं।
  6. साद्या नामक विशेष भोजन भी इस त्योहार का हिस्सा होता है।
  7. ओणम का महत्वपूर्ण उद्देश्य भगवान की कृपा और बलि राजा की उदारता का प्रतीक देना होता है।

ओणम का इतिहास | Onam History in hindi essay

भारतीय उपमहाद्वीप की एक राज्य केरला, जो भगवान पारशुराम के द्वारा स्थापित किया गया था, में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार “ओणम” का विशेष महत्व है।

यह त्योहार भारतीय कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ मास के चिंतामणि महीने के प्रथम दिन से आठवें दिन तक मनाया जाता है।

यह चिंतामणि महीना भारतीय पंचांग में माना जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य भगवान विष्णु के वामन अवतार के रूप में भगवान की कृपा और बलि राजा की उदारता का प्रतीक देना होता है।

ओणम के इतिहास का संबंध महाभारत के महान किस्से से है। इसके अनुसार, बलि नामक एक दानशील और उदार राजा थे जो केरला के अधिपति थे। वे अपनी प्रजा की कल्याण के लिए सर्वस्व समर्पित करने वाले राजा थे।

बलि ने यज्ञों में दान करने का परिणामस्वरूप ब्रह्मा को बहुत प्रसन्न किया और ब्रह्मा ने उनसे एक वरदान मांगा जिसमें बलि को पूरा स्वर्ग देने की मांग थी।

बलि ने वरदान मांगने की पूरी कोशिश की, लेकिन उसकी प्रजा और गुरुकुल के छात्र वामन ने उसे रोक लिया। वामन ने तीन कदम की मांग की, और बलि ने उसकी मांग को स्वीकार किया।

वामन के तीन कदमों के परिणामस्वरूप बलि का स्वर्ग से नीचे धरती पर उतारा गया, लेकिन उन्हें भगवान विष्णु की कृपा मिली। उनके उदारता और सजग मन की वजह से उन्हें हर साल ओणम के त्योहार में महत्वपूर्ण भूमिका दी जाती है।

ओणम त्योहार का महत्वपूर्ण हिस्सा “पुलिक्कलं” नामक नृत्य होता है, जिसमें लोग फूलों से बने आरंगेम बनाते हैं और रंगमंच पर उन्हें प्रस्तुत करते हैं।

इसके साथ ही विशेष भोजन और उत्सवी कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। ओणम त्योहार केरली समाज की एकता, सद्भावना और धार्मिक भावनाओं का प्रतीक है, जो लोग मन, शरीर और आत्मा की सुख-शांति की कामना के साथ उसे मनाते हैं।

निष्कर्ष: एक सांस्कृतिक उपहार ओणम का महत्व

तो दोस्तों आज के इस लेख में हमने ओणम का त्योहार क्यों और कब मनाया जाता है? और (ओणम की कहानी) Onam History in Hindi के बारे में विस्तार से आपको बताया! 

“ओणम” एक ऐतिहासिक महत्व और आदिकाल से चली आ रही कथाओं से भरपूर त्योहार है जो भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को महत्वपूर्ण रूप से प्रकट करता है।

यह मनोरंजन, आनंद और एकता की भावना को साझा करने का एक उत्कृष्ट और साहसिक माध्यम भी है। “ओणम” की कहानियां और परंपराएँ हमें हमारे पूर्वजों की मानवता के प्रति भरपूर स्नेह और समर्पण की याद दिलाती हैं।

इस लेख के माध्यम से, हमने “ओणम” के बारे में और ओणम क्यों और कब तथा कहा मनाया जाता है से लेकर इसके पीछे की कहानी के बारे में आपको जानकारी प्प्रदान की! उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा आज का यह लेख पसंद आया होगा!

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इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए शुक्रिया!

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