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Essay on Diwali in Hindi | दिवाली पर निबंध | Short Essay on Diwali in Hindi | Essay on diwali in hindi for class 6 | दीपावली क्यों मनाई जाती है पर निबंध? | दीपावली का निबंध हिंदी में प्रस्तावना सहित

नमस्कार दोस्तों, दिवाली, दीपावली या फिर Deepawali हिंदू धर्म का सबसे बडा त्योहार है! आज के इस लेख में हम आपके लिए दिवाली पर निबंध लेकर आएं है! तो इस दिवाली पर्व के बारे में जानने के लिए हमारे साथ अंत तक जरूर बने रहें!

दिवाली का मतलब दीपों की अवली, दीपों की माला या फिर जगमगाते दीपों की पंक्ति होता है! भारत और भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दीपावाली के इस महापर्व को बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है!

इतना ही नही, विदेशों में रह रहे भारतीय और अब तो विदेशी लोग भी दिवाली के इस विशेष पर्व को एक साथ पूरी खुशी, उत्साह और उमंग ले साथ मनाते है!

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दिवाली का पर्व कार्तिक माह में अमावस्या को अनेक दीपों के प्रकाश के साथ मनाया जाता है! दीपों के जगमगाहट से अमावस्या की काली रात भी घरों में सजते दीपों के उजाले से भर जाती है!

विषय - सूची

प्रस्तावना

हमारे भारत देश की भूमि पूरे विश्व में एक अनूठी छाप छोड़ती है! और इसकी संस्कृति पूरे भारत देश को गौरवान्वित करती है! और इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका हमारे भारत देश के त्योहार हैं!

हमारे देश में विभिन्न तरह के त्योहार अपनी संस्कृति की विशेषता को दर्शाते हैं! यह त्यौहार मानव जीवन में शक्ति का संचार करते हैं!

भारत के सभी त्योहारों में से दीपावली सर्वाधिक आकर्षक एवं महत्वपूर्ण त्यौहार है!

दीपावली का अर्थ

दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दीप + आवली से हुआ है! जिसमें दीप का अर्थ दीपक और अवली का अर्थ श्रंखला से है!

इस प्रकार दीपावली का अर्थ दीपों की श्रृंखला या दीपको की पंक्ति से है! क्योंकि दीपक को स्कंद पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना जाता है!

इसलिए दीपावली को रोशनी का त्योहार कहा जाता है!

दीपावली मनाने का कारण

दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है इस त्यौहार को मनाने के कई धार्मिक, पौराणिक एवं सांस्कृतिक कारण है!

माना जाता है कि भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटे थे और उनके स्वागत के उपलक्ष में ही पूरी अयोध्या वासियों ने अयोध्या को दीप और फूलों से सजाया था!

diwali essay in Hindi

पूरे अयोध्या को अमावस्या के अंधेरे से उजाले की रोशनी में परिवर्तित कर दिया था! जिसे राम विजय उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा! इस त्यौहार को मनाने के और भी अनेक संदर्भ है!

[ हिन्दी मे दीवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi ]

दीपावली का निबंध हिंदी में 20 लाइन

दीपावली का त्यौहार दियो और रोशनी का त्योहार है इसलिए सभी जगह दियो की जगमगाहट और रोशनी नजर आती है! लक्ष्मी जी के आगमन का त्यौहार है दीपावली, जो कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है!

महापर्व दीपावली के दिन भगवान श्री राम जी लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या वापस आए थे! उनके आगमन पर दीपावली त्यौहार खुशी और उल्लास का त्यौहार है जो विशेष रूप से पांच दिन तक चलता है!

दीपावली निबंध हिंदी में 100 शब्द

यह दीपावली हमारी संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है दीप + आवली दीप अर्थात दीपक और आवली अर्थात श्रंखला जिसका मतलब हुआ दीपको की या दीपो की पंक्ति!

यह दीपावली पर्व पांच दिवस का पर्व होता है! जिसके प्रथम दिन धनतेरस, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी या रूप चौदस, तीसरे दिन दीपावली का त्यौहार का होता है, चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है और पांचवे दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है!

यह पर्व हिंदुओं का विशेष त्यौहार है परंतु इसे सभी धर्म के लोग बिना भेदभाव के एक साथ मिलकर मनाते हैं! दीपावली मनाने की शुरुआत घर की साफ सफाई से होती है! और दीपावली के दिन लोग अपने घरों में दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली आदि से सजाते हैं!

दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में

इस दीपावली पर्व के दिन कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं! इसके साथ ही दीपावली के दिन सरकारी अवकाश घोषित किया जाता है और यह अवकाश अधिकांश देशों में घोषित किया जाता है!

दिवाली के दिन घरों के अलावा दुकान और दफ्तरों को भी दीपो आदि से सजाया जाता है! दीपावली के दिन लोग एक दूसरे को मिठाइयां और उपहार प्रदान करते हैं!

दिवाली वाले दिन लोग अपनी खुशियों का इजहार पटाखे इत्यादि जलाकर करते हैं! और दीपावली के दिन लक्ष्मी जी तथा गणेश जी की पूजा करने की परंपरा है! इस दिन व्यापारी अपने वही खाते की शुरुआत करते हैं!

हिन्दुओ के इस दीपावली के त्यौहार को सभी उम्र के लोग बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं परंतु बच्चों में इस उत्साह को विशेष रूप से देखा जाता है! इसके साथ ही दीपावली के त्यौहार में घरों में तरह-तरह की मिठाइयां और व्यंजन बनाए जाते हैं जैसे गुजिया आदि!

लोगो के द्वारा दीपावली के त्यौहार में जितनी अधिक खरीदारी की जाती है उतनी किसी और त्यौहार में नहीं की जाती है! हमारा भारत देश कृषि प्रधान देश है और इस त्यौहार में किसानों में अधिक उल्लास दिखता है इसलिए इस पर्व को धन-धान्य का पर्व भी कहा जाता है!

हमारे पूरे भारतवर्ष की अर्थव्यवस्था भी त्यौहारों के सीजन के आधार पर ही चलती है! जिसमें दीपावली का विशेष महत्व है! यह दीपावली का त्यौहार निराशा पर आशा की विजय का प्रतीक है धर्म पर विजय का प्रतीक है और अंधेरों में रोशनी का प्रतीक है!

दीपावली त्यौहार की मान्यताएं

दरअसल दीपावली पर्व 5 दिवस का होता है और इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है!

1. प्रथम दिन धनतेरस

धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहते हैं! इस दिन यम की पूजा का प्रावधान है साथ ही धन के देवता कुबेर और आयुर्वेदाचार्य धन्वंतरि की पूजा की जाती है!

इस दिन समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि जी अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे! जिसमें कई बहुमूल्य आभूषण और रत्न थे तभी से इस दिन को धनतेरस नाम दिया गया और इसलिए इस दिन किसी भी वस्तु को खरीदना जैसे कोई बर्तन, धातू,  आभूषण आदि का शुभ माना जाता हैं!

2. दित्तीय दिन नरक चतुर्दशी

दूसरा दिन नरक चतुर्दशी का होता है! जिसे रूप चौदस की कहा जाता है! इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था!

और इस उपलक्ष में दियो से सजावट की जाती है! इसके साथ ही इस दिन सूर्योदय से पूर्व उबटन लगाकर स्नान करने से सभी पापो का नाश हो जाता हैं!

3. तृतीय दिन दीपावली

तीसरा दिन दीपावली का होता है जो सबसे मुख्य माना जाता है! इस की रंगत के बारे में सभी को पता है इस दिन मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है! ताकि वह हमें वैभव, सुख, समृद्धि प्रदान करें!

4. चतुर्थ दिन गोवर्धन पूजा

चौथे दिन अन्नकूट या गोवर्धन पूजा का होता है! जो कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है!

इस दिन के बारे में कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली में गोवर्धन पर्वत उठाकर गोकुल वासियों को भारी बारिश से बचाया था! और इसलिए तब से गोवर्धन पर्वत बनाकर उनकी पूजा करी जाती है!

दीवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi

5. पंचम दिन भाई दूज

पांचवा दिन भाई दूज का होता है इसे यम दित्तिया भी कहते हैं! यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को प्रगांढ बनाता है!

इस दिन बहनें भाई को तिलक करके उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं मान्यता है की इस दिन यमराज जी अपनी बहन यमुना जी से मिलने उनके घर गए थे और यमुना जी ने उनके स्वागत में भोजन बनाकर उनका स्वागत करा था और भोजन कराया था! तभी से भाई दूज मनाने की परंपरा शुरू है!

दीपावली की तैयारी

दीपावली की तैयारियां दशहरे के साथ ही शुरू हो जाती है! वह त्यौहार वर्षा ऋतु के बाद आता है! और तब से ही घरों की साफ-सफाई शुरू हो जाती है!

घर को रंग रोगन करके सजाया जाता है! व्यापारी लोग भी अपनी दुकानें और दफ्तरों की साफ सफाई करते हैं!

ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ सुथरे होते हैं उन घरों में दिवाली के दिन मां लक्ष्मी जी अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं!

इसलिए पूरे घर को दीपक और लाइट आदि जगमग कर दिया जाता हैं! इस दिन नए वस्त्रों को पहनने का प्रावधान है!

साथ ही प्रत्येक व्यक्ति पटाखे, फुलझड़ियां, रॉकेट आदि जलाकर अपनी खुशी का इजहार करता है!

दीपावली का सामाजिक और धार्मिक महत्व

हिन्दू धर्म का सबसे यह दीपावली पर्व हमारे भारत देश का एक अद्भुत त्यौहार है यह न केवल हिंदू समाज के लिए बल्कि सभी धर्म के लोग आपस में मिलजुल कर मनाते हैंं!

दीपावली त्यौहार भाईचारे और अपनेपन की अद्भुत मिसाल कायम करता है इस दिन लोग एक दूसरे के घर जाकर त्यौहार की बधाइयां देते हैं! साथ ही मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं!

इस त्यौहार में सभी के मन की यही लालसा होती है कि उनका घर धन-धान्य, स्वास्थ्य समृद्धि और शांति से भरा रहे!

दीपावली त्यौहार से जुडी सामाजिक कुरीतियां

दीपावली का त्यौहार स्नेह, मिलन और खुशियों का त्यौहार है! परंतु कुछ असामाजिक कुरीतियां इस त्यौहार से जोड़ दी गई हैं! जो त्योहार की खुशियों को तो कम करती हैं!

साथ ही स्वास्थ्य पर भी गलत प्रभाव डालती हैं! दीपावली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है! अंधेरों को उजाले में परिवर्तित करने का प्रतीक है!

परंतु कुछ असामाजिक तत्व इस दिन मदिरापान, जुआ, खेलना, टोना टोटका करना, पटाखों का गलत उपयोग करना जैसे बुरे काम करते हैं!

एसी सामाजिक कुरीतियों का अंत होना चाहिए ताकि दीपावली सभी के लिए शुभ हो! इसके अलावा ज्यादा ध्वनि करने वाले पटाखे और जहरीला धुआं फैलाने वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगना चाहिए!

जिससे किसी के भी स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव ना पड़े और सभी इस त्यौहार को खुशी – खुशी मनाएं!

उपसंहार

दीपावली का त्यौहार एक राष्ट्रीय और सांस्कृतिक त्यौहार है! इसके महत्व को समझते हुए इस त्यौहार को सभी जगह खुशियां बिखेरते हुए मनाना चाहिए वह भी बिना भेदभाव के आपस में गले मिलकर, इस त्यौहार की खुशियों को बांटना चाहिए!

दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ शुरू होता है जो दियो की जगमगाहट करके हमारे जीवन में भी रोशनी की सौगात लाता है!

इसलिए इस त्यौहार को प्रेम पूर्वक सभी के साथ मिलकर मनाना चाहिए और कोशिश करना चाहिए किसी को भी कोई दुख ना पहुंचे, आखिर हम सब हैं तो एक ही देश के नागरिक इसलिए अपनों के बारे में सोचकर दीपावली का त्यौहार मनाना चाहिए!

और दिवाली के दिन व्याप्त सामाजिक बुराइयों का अंत करना चाहिए! क्योंकि कोई भी त्योहार अच्छाई का प्रतीक होता है, ना की बुराई का इसलिए इस त्यौहार पर व्याप्त सामाजिक कुरीतियां का भी अंत होना चाहिए!

क्युकी ये सामाजिक कुरीतियां त्यौहारों की खुशियों को कम करते है! जिससे समाज के साथ – साथ व्यक्ति के परिवार पर भी गलत प्रभाव डालता है!

FAQs – People Also Ask – Essay on Diwali in Hindi

Q 1. दीपावली किसका प्रतीक है? 

Ans. पांच दिवसीय त्योहार अंधेरे पर प्रकाश की जीत का जश्न मनाते हैं! यह त्यौहार प्रकाशमय होने का भी ज्ञान देता हैं! आज के समय में तो अब दुनिया भर में हिंदू दिवाली मना रहे हैं। रोशनी का पांच दिवसीय त्योहार भारत में सबसे लोकप्रिय छुट्टियों में से एक है!

Q 2. दिवाली का फुल फॉर्म क्या है? 

Ans. दिवाली का फुल फॉर्म होता है “रौशनी की पंक्ति”  यह त्यौहार का अर्थ अँधेरे पर प्रकाश की जीत का एक प्रतीक है!

Q 3. दिवाली का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है? 

Ans. दिवाली के पर्व के दिन हर व्यक्ति धन और समृद्धि पाने के लिए धन की देवी के रूप में देवी लक्ष्मी की पूजा करता है! दिवाली का उत्सव रोशनी के त्योहार को और अधिक रंगीन बनाता है! सभी लोग दीपावली को बहुत सारी खुशियों और प्रबंधन के साथ मनाते हैं जो कि दीवाली त्यौहार और देवी लक्ष्मी की पूजा का महत्व को और भी अधिक बढ़ा देते हैं!

Q 4. पहली बार दिवाली कब मनाई गई?

Ans. 14 साल वनवास काटने के बाद जिस दिन को भगवान राम अयोध्या लौटे उस शाम अयोध्या नगर वासियों ने उनके स्वागत में गली-गली में दिए जला दिए! उस दिन के बाद से ही भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में दीपावली का पर्व मनाया जाने लगा!

Q 5. दिवाली पर किसकी पूजा की जाती है? 

Ans. दीपावली के दिन ऋद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के पूजन का विधान है! इसके साथ ही इस दिन धन के देवता कुबेर, मां सरस्वती और मां काली का भी पूजन किया जाता है! 

अंतिम शब्द

तो दोस्तों, आज के इस हिन्दी लेख मे हमने हिन्दी मे दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) दीपावली क्यों मनाई जाती है पर निबंध? के बारे मे जाना! उम्मीद करते है की आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा!

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