CBI kya hai – सीबीआई कैसे काम करती है – पूरी जानकारी

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आप Newspaper या रोज पढ़ते या TV देखते होंगे तो आपने सीबीआई का नाम जरूर सुना होगा! आज के इस Hindi ब्लॉग में हम जानेंगे CBI kya hai (सीबीआई क्या है?) यह कैसे काम करती है?

CBI की Full Form क्या है? इसके अंदर कितने विभाग है जो आपराधिक मामलों को सुलझाते हैं और जुर्म करने वालों तक पहुँच पाते हैं! तो चलिए आगे बढ़ते और जानते हैं!

अक्सर लोग CID और CBI में थोड़ा confuse हो जाते हैं दरअसल ये दोनों ही देश की प्रमुख जाँच एजेंसियां हैं! जब भी ये किसी बड़े आपराधिक मामलों की जाँच से जुड़ जाती है तो ये टीवी या अखबारों में ब्रेकिंग न्यूज बन जाती है! जिससे आपको इसके बारे में जानना बहुत आवश्यक हो जाता है  

सीबीआई का फुल फॉर्म (CBI Full Form in Hindi)

Full Form of CBI: सीबीआई का फुल फॉर्म Central Bureau of Investigation होता है! यह भारत सरकार की एक मुख्य जाँच एजेंसी है!

Full Form of CBI in Hindi: हिंदी में CBI का फुल फॉर्म केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो होता है! आम भाषा में इसे केंद्रीय जाँच ब्यूरो भी कहा जाता है! 

CBI क्या है (CBI kya hai)

What is CBI in Hindi: सीबीआई केंद्रीय सरकार की एक मुख्य जाँच एजेंसी है जो अंतरास्ट्रीय एंव देश के बड़े आपराधिक मामलों, हत्या, घोटालों, और देश के हित में होने वाले मामलों की जाँच करने के लिए केंद्रीय सरकार की तरफ से जाँच करती है!

CBI भारत सरकार व राज्य सरकारों की सहमति से ही किसी भी आपराधिक मामलों में अपना दखल देती है!

कोई भी मामले CBI को सोपें जाने के बाद राज्य पुलिस उन मामलों में कोई दखल नहीं देती है सीबीआई कार्मिक और प्रर्शिक्षण विभाग के अंतर्गत काम करती है!

ऐसा माना जाता है की सीबीआई एजेंसी Federal Bureau of Investigation (संघीय आपराधिक जाँच निकाय) से मिलती जुलती एजेंसी है! लेकिन ऐसा नहीं है FBI एक विदेशी जाँच एजेंसी है यह जांच और ख़ुफ़िया एजेंसी दोनों मे काम करती है!

जबकि सीबीआई का कार्य Federal Bureau of Investigation की तुलना में बहुत कम और सिमित है!

साधारण भाषा में समझें सीबीआई क्या है तो सीबीआई एक सथानम समिति है जो केंद्र सरकार की सिफारिश पर भ्रस्टाचार पर लगाम लगाती है!

सीबीआई की शुरुआत कब हुई (When did CBI Start)

सीबीआई की शुरुआत 1941 में भारत सरकार द्वारा हुई! विशेष तरह की पुलिस संगठन से इसकी शुरुआत हुई जब सीबीआई की शुरआत हुई तब द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था!

और उस समय सेना को Management और Supply Department में चोरी, घूसखोरी और भरस्टाचार के मामलों की जाँच करनी थी! इन जांचों का जिम्मा इस विशेष पुलिस संगठन के पास था! 1963 में ग्रह मंत्रालय द्वारा इसे “केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो” का दर्जा मिला! 

विशेष पुलिस संगठन का नाम बदलकर “केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो” 1 अप्रेल 1963 को किया गया! पहली बार DP Kohali को इसका निदेशक बनाया गया! सीबीआई का मुख्यालय दिल्ली में है! वर्तमान में सीबीआई के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ल है! 

सीबीआई के अधिकार व कार्य “दिल्ली विशेष पुलिस सस्थापन अधिनियम एक्ट 1946” में निहित है! इस Act के आने से विशेष पुलिस संगठन का अधीक्षण ग्रह मंत्रालय में Transfer कर दिया गया! शरुआत में यह Central Government द्वारा सूचित किये हुए केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों द्वारा भ्रस्टाचार से ही समन्धित था!

किन्तु बाद में बढ़ते उपक्रमों के साथ कर्मचारियों को सीबीआई के अधीन लाया गया! 1969 में कई Banks के रास्ट्रीयकरण होने के बाद सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंक और उनके कर्मचारी भी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अंतर्गत आ गए! 

CBI के निदेशक की नियुक्ति की प्रकिर्या ग्रह मंत्रालय द्वारा की जाती है! सीबीआई का मुख्य ध्येय Industry , Fairness और Integrity है! यानि कठिन परिश्रम,निष्पक्षता और एकाग्रता! इसका न्यायिक क्षेत्र सम्पूर्ण भारत वर्ष कहलाता है!

इन्हें भी पढ़ें:

सीबीआई का कार्यदायित्व (CBI Functions in Hindi)

  • Anti Corruption Division
  • Economic Crime Division
  • Special Crime Division

Anti Corruption Division

CBI भ्रस्टाचार से जुड़े सभी मुद्दों की जाँच करती है! केंद्र सरकार के सभी विभाग और सार्वजनिक उपक्रमों में धोखाधड़ी की जाँच भी सीबीआई करती है! केंद्रीय आर्थिक संस्थानों में हुए जालसाजी या धोखादड़ी की जाँच भी सीबीआई के एंटी करपशन डिवीजन में किया जाता है!

Economic Crime Division

केंद्रीय वित्तीय संस्थानों, आयकर विभाग या फिर वित्तीय उपक्रम संस्थानों के कर्मचारियों द्वारा किये गए भ्रस्टाचार की जाँच भी सीबीआई करती है! यह इकोनॉमिक क्राइम डिवीजन के अंतर्गत आता है! 

Special Crime Division

यह विशेष अपराध नियंत्रण शाखा के नाम से भी जानी जाती है! इसमें आतंकवाद, सनसनीखेज हत्याकांड, फिरौती के बाद हत्या या फिर अपहरण जैसे अपराध स्पेशल क्राइम डिवीजन के अंतर्गत आते है! 

इसे भी पढ़े: भारत के राज्य एंव केंद्रशासित प्रदेश 

क्या आप और हम किसी आपराधिक मामलों की जाँच के लिए सीबीआई से अनुरोध कर सकते हैं?

सीबीआई सरकार के नियंत्रण में लोक सेवकों द्वारा किये गए भ्रस्टाचार, धोखाधड़ी, अपराध, अंतर् राज्य आर्थिक मामले, सनसीखेज अपराध की जाँच के लिए एक विशेष एजेंसी है किन्तु सीबीआई अपराध की नियमित व सामान्य जाँच नहीं करती है! राज्यों की पुलिस भी ऐसे मामलों के लिए जाँच के लिए मौजूद रहती है! 

अधिनियम धारा 2

अधिनियम धारा 2 के तहत CBI केंद्रशासित प्रदेशों में सीधे जाँच करती है किसी भी राज्य में जाँच के लिए धारा अधिनयम 6 के तहत राज्य सरकार की सहमति लेना आवश्यक है!

सीबीआई अपने शक्तियों को राज्यों में बढ़ा सकती है लेकिन उसके लिए राज्य सरकार की सहमति जरूरी होती है! सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी सीबीआई अपना कार्य क्षेत्र बढ़ा सकती है! सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार के आदेश की जरूरत नहीं होती है!

अगर राज्य सरकार केंद्र सरकार से सिफारिश करे तो केंद्र सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद सीबीआई को इजाजत मिल सकती है! देश के चार महानगरों में सीबीआई की विशेष ब्रांच हैं! इसके अलावा भी कई राज्यों में सीबीआई की ब्रांचे हैं!

जाँच के दौरान सीबीआई को किसी अहम सबूत की तलाश होती है या फिर कोई अहम आवश्यकता होती है तो CRPC की धारा 166 से सीबीआई को मदद मिलती है! 

सीबीआई की एंट्री आइये समझते हैं

जैसे आज के समय में एक्टर सुशांत सिंह हत्याकांड में सीबीआई की एंट्री के लिए महाराष्ट्र राज्य सरकार की अनुमति नहीं मिली तो सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद सीबीआई जाँच के आदेश मिल गए! यहां पर बिहार सरकार की सिफारिश के बाद केंद्र सरकार ने जाँच के आदेश दिए और अधिसूचना जारी हुई!

बिहार में हुए चारा घोटाले में भी सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है यह जांच के बार जेल से छूट चुके लालू प्रसाद यादव के खिलाफ है!

जिस क्षेत्र में अपराध हुआ है वहां एफआईआर नहीं लिखी गयी इसलिए सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट और बिहार सरकार के जरिये इस हत्याकांड की जाँच में शामिल होने की इजाजत आसानी से मिल गयी!

आम आदमी भी सीबीआई की जाँच की मांग कर सकता है बशर्ते राज्य सरकार की अनुमति में कोई कमियां न आये! 

हालाँकि कई बार सीबीआई को बदनाम करने की भी कोशिश की जाती रही है देश के कई विपक्ष के लोग बयानों के जरिये सीबीआई को केंद्र का तोता तक बोल देते हैं! कुछ समय पहले किरण बेदी ने सीबीआई को सरकार से मुफ्त करने के लिए भी कई बयान दिए थे!

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के Hindi Blog में हमने CBI क्या है? (CBI kya hai) यह कैसे काम करती है! CBI की Full Form क्या है? (Full Form of CBI in Hindi) किस तरह के कार्यदायित्व डिवीजन सीबीआई के पास मौजूद रहते हैं जाना!

उम्मीद है आपको CBI Full Form in Hindi ? आर्टिकल से CBI के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा!

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