Full Form of ISRO | भारत की प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी – पूरी जानकारी

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हेल्लो दोस्तों, क्या आप जानते हैं इसरो क्या है (ISRO Kya Hai) इसरो भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान (Space Agency) है! इस आर्टिकल में हम इसरो से संबंधित सभी सवालो जैसे इसरो का फुल फॉर्म क्या है? (Full Form of ISRO in Hindi) इसरो की स्थापना कब हुई (ISRO Ki Sthapna Kab hui), इसरो के अध्यक्ष कौन है?

अभी तक के इसरो के अध्यक्ष की लिस्ट क्या है (ISRO ke Adhyaksh Ki List) और वर्तमान में इसरो के निदेशक कौन है के बारे बात करेंगे! तो चलिये ISRO ki Puri Jankari in Hindi जानते है!

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जब भी अंतरिक्ष में कोई प्रोग्राम को लांच किया जाता है तो हम तमाम तस्वीरें, वीडियो अपने TV पर Live देखते हैं! उस वक्त हमें बहुत गर्व महसूस होता है! क्या आपने कभी जानने की कोशिश आखिर ISRO क्या है Founder of ISRO कौन हैं!

बहुत गर्व करने वाली बात है कि अन्य देशों ने कभी ऐसा सोचा नहीं होगा की भारत के पास कभी ISRO जैसी Space Agency भविष्य में होगी!

ISRO से Related यही तमाम जानकारियां आज हम इस हिंदी पोस्ट में जानने वाले हैं तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं – 

Full Form of ISRO in HIndi
ISRO kya hai – Full Form of ISRO in Hindi

फुल फॉर्म ऑफ इसरो – Full Form of ISRO in Hindi

ISRO का Full Form Indian Space Research Organtioan है! इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य भारत के लिए अंतरिक्ष से जुडी हुई तकनीकियों को विकसित करना है! इसरो का मुख्य उद्देश्य मानव जाती की सेवा में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उत्थान करना है! 

इसरो मीनिंग इन हिंदी – ISRO meaning in Hindi 

Full Form of ISRO in Hindi – इसरो को Hindi में भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्थान कहते हैं! ISRO यानि भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्थान को पहले भारतीय राष्ट्रीय समिति कहते थे! 

आइये अब आगे जानते हैं ISRO in Hindi – History of ISRO in Hindi

इसरो क्या है – Indian Space Research Organization

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इसरो भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है! इसे भारत की Space Agency भी कहते हैं! इसका मुख्य ध्येय या कार्य अंतरिक्ष की तकनिकी जानकारियों को देना, उपग्रहों, प्रमोचक यानों, राकेटों और भू प्रणालियों का विकास करना है!

1962 में भारत ने अंतरिक्ष में जाने का निर्णय लिया था! तभी 1962 में भारत सरकार द्वारा भारतीय राष्ट्रीय अनुसन्धान समिति का गठन किया गया! 

भौतिक वैज्ञानिक और खगोलशास्त्री डाक्टर विक्रम साराभाई के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय अनुसन्धान समिति ने तिरुवंतपुरम में थुम्बा भू मध्यरेखीय रॉकेट प्रमोचन केंद्र की स्थापना की! 

डाक्टर विक्रम साराभाई ने ISRO के विकास के लिए ISRO को एक एजेंट के रूप में आवश्यक निर्देश दिए! जिसके बाद इसरो ने कई महत्वपूर्ण मिशनों पर कार्य करना प्रारम्भ किया!

ISRO को लगातार सफलता मिलती गयी! कुछ ही समय में ISRO विश्व की छठी सबसे बड़ी Space Agency बन गया! ISRO द्वारा ही देश के लोगों के बीच अंतरिक्ष विज्ञानं को लाया गया था! जिसकी शिक्षा आज के समय में कई युवा साथी ले रहे हैं!

आज के समय में ISRO के पास संचार उपग्रह हैं जिसे हम इनसेट श्रखला भी कहते हैं! इनसेट श्रखला उपग्रहों (Satellites) का बड़ा समूह है जो भू प्रणाली और विश्वसनीय संचार की मांग को पूर्ण करता है! 

इसरो की स्थापना कब हुई – ISRO Ki Sthapna Kab hui

भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्थान (ISRO) की स्थापना 15 अगस्त 1969 में हुई! इससे पहले यह एक समिति के रूप में कार्य करता था! 

इसरो की स्थापना किसने की – Who is Founder of ISRO

Founder of ISRO – ISRO की स्थापना भौतिक वैज्ञानिक, खगोलशास्त्री डाक्टर विक्रम साराभाई ने की ! इनका पूरा नाम विक्रम अम्बालाल साराभाई था! इन्होने अपने समय में करीब 86 शोध पत्र लिखे और 40 वैज्ञानिक संस्थान खोले!

इनको Founder of ISRO भी माना जाता है! इनको विज्ञानं और तकनीकी के क्षेत्र में इन्हें 1966 में भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया!

इसरो का कार्यालय कहाँ है – ISRO ka Headquarter Kaha Hai 

ISRO अंतरिक्ष संस्थान का Headquarter बैंगलोर में है! इस संस्थान में करीब 20 हजार से ज्याद वैज्ञानिक और कर्मचारी कार्य करते हैं! 

वर्तमान में इसरो के निदेशक कौन हैं – ISRO ke Director Kon Hai

वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन के निदेशक डाक्टर के. शिवान हैं! इसरो में इनकी नियुक्ति 12 जनवरी 2015 में की गयी थी! 

इसरो ने अंतरिक्ष में पहला उपग्रह कब छोड़ा गया – First Space Satellite

19 अप्रैल 1975 को भारत का आर्यभट्ट नामक पहला उपग्रह सोवियत संघ द्वारा अंतरिक्ष में छोड़ा गया! भारत के महान गणितज्ञ आर्य भट्ट के नाम पर इस उपग्रह का नाम रखा गया! चिंता करने वाली बात यह थी कि इस उपग्रह ने अंतरिक्ष में 5 दिन बाद काम करना बंद कर दिया किन्तु भारत की यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी! 

भारत द्वारा अंतरिक्ष में दूसरा उपग्रह कब छोड़ा गया – Second Space Satellite

7 जून 1979 में भारत का दूसरा उपग्रह (Satellite) भास्कर अंतरिक्ष में छोड़ा गया! भास्कर उपग्रह का वजन करीब 450 किलो से अधिक था! ISRO द्वारा इस उपग्रह को 1979 में भली भांति स्थापित किया गया! इसके द्वारा समुद्री विज्ञान और जल विज्ञान पर आंकड़ें जुटाए गए! 

इसके बाद 1980 में रोहिणी उपग्रह (Satellite) को अंतरिक्ष में स्थापित किया गया! यह उपग्रह भारत द्वारा निर्मित पहला प्रक्षेपण यान एलएसवी-3 बन गया! यह चार उपग्रहों का एक समूह था! इसके बाद ISRO ने दो रॉकेट लॉंच किये!

पहला धुर्वीय उपग्रह प्रक्षेपण यान और दूसरा भू स्थिर प्रक्षेपण यान! 

भारत का मानवरहित अंतरिक्षयान – Unmanned Space Craft

ISRO ने 22 अक्टूबर 2008 को अंतरिक्ष में चंद्रयान-1 (अंतरिक्ष यान) भेजा! चन्द्रमा की परिक्रमा करने वाला यह पहला अंतरिक्ष यान था! यह पूर्ण रूप से मानवरहित (Unmanned Space Craft) यान था!

यह लगभग 1 साल तक सक्रिय रहा! इसके बाद 24 सितंबर 2014 को मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला मंगलयान अंतरिक्ष में भेजा गया! यह भारत का पहला मंगल अभियान था! 

इसके साथ ही ISRO मंगल ग्रह में पहुंचने वाली एशिया की चौथी Space Agency बन गयी! जून 2016 तक इसरो अलग अलग देशों के करीब 57 उपग्रहों को लॉंच कर चुका था!

Chandrayaan -1
Chandrayaan -1 – ISRO ki Puri Jankari in Hindi

भारत की प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी का इतिहास – History of ISRO in Hindi

ISRO Ka Itihas: भारत का अंतरिक्ष अनुभव बहुत पुराना है! 1947 में आजादी के बाद भारत के वैज्ञानिक रॉकेट की तकनिकी सुरक्षा क्षेत्र में प्रयोग, अनुसंधान और विकास की वजह से काफी प्रख्यात हुए!

उसके बाद दूरसंचार के क्षेत्र में कृत्रिम उपग्रहों के प्रयोग को प्राथमिकता दी गयी! 1960 में अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक कल्पना डाक्टर विक्रम साराभाई ने की थी! इसलिए उन्हें अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक (Founder of ISRO) भी कहा जाता है!

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अपने प्रधानमंत्री के समय में वैज्ञानिक विकास को बहुत अहम माना था! इसलिए उनके कहने पर 1961 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान को परमाणु ऊर्जा विभाग को देख रेख में रखा! 

उस समय परमाणु ऊर्जा विभाग के निदेशक होमी भाभा थे जिन्हें परमाणु ऊर्जा का जनक कहा जाता था! इस तरह अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए 1962 में भारतीय राट्रीय समिति का गठन हुआ! 

1962 में ही रॉकेट का प्रक्षेपण शुरू कर दिया गया जिससे भू मध्य रेखा की नजदीकियां प्राप्त हुई! ये सभी प्रक्षेपण थुम्बा भू मध्यीय रॉकेट अनुसन्धान केरल के तिरुवंतपुरम स्थित है! 

1970 से 2000 के बीच 1972 में अंतरिक्ष मिशन के अंतर्गत अंतरिक्ष विभाग की स्थापना की गयी! भारत की अंतरिक्ष के प्रथम यात्रा रूस के सहयोग से 1975 में हुई! यह यात्रा कृत्रिम उपग्रह आर्यभट्ट के प्रक्षेपण के रूप में हुई!

1979 में द्वितीय प्रक्षेपण की तैयारी सतीश धवन अनुसन्धान केंद्र से की गयी! किन्तु कुछ वजहों से यह संफल नहीं हो पाया! इसके बाद 1980 में समस्या का निवारण किया गया और कृत्रिम उपग्रह रोहिणी -1 को प्रक्षेपित किया गया! 

मुख्य सफल प्रक्षेपण यान – Main successful launch vehicle

उपग्रह प्रक्षेपण यान

इसे एसएलवी परियोजना के नाम से भी जाना जाता है! 1070 में यह प्रक्षेपण किया गया! इसकी अध्यक्षता एपीजे अब्दुल कलम द्वारा की गयी थी! इसे करीब 400 किमी की दूरी तय करनी थी किन्तु यह उस समय विफल रही!

इसके बाद 1979 में एसएलवी – 3 का प्रक्षेपण हुआ किन्तु इसमें भी सफलता हाथ नहीं लगी! 

संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान

यह प्रक्षेपण 1980 में भारत द्वारा किया गया! इस यान को पृथ्वी की निचली कक्ष में उपग्रहों को स्थापित करने में सक्षम साबित हुआ! यह ठोस ईंधन रॉकेट था! 

ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान

भारत ने सुदूर संवेदी उपग्रह को सूर्य समकालीन कक्षा में प्रक्षेपित करने के लिए इसे विकसित किया! यह छोटे आकार के उपग्रहों को भू स्थिर कक्षा में भेजने में निपुण है! 

इसरो के मुख्य उपग्रह – Satellite System of ISRO in Hindi

इनसेट शृंखला – Inset series

यह इसरो द्वारा संचालित एक बहुउद्धेश्य भूस्थिर उपगृहों की प्रणाली है! इसे संचार व्यवस्था को विकसित करने के लिए! यह एशिया में सबसे बड़ी घरेलू संचार प्रणाली यंत्र है!

मौसम विभाग, दूर संचार विभाग, दूर दर्शन ऑल इण्डिया रेडियो इसके कारगर क्षेत्र हैं! 

भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह शृंखला – Indian remote sensing satellite series

यह इसरो की पृथ्वी अवलोकन उपग्रह शृंखला है! यह remote sensing agency उपलब्ध कराता है! इसे प्रारंभिक संस्करणों 1(A,B,C,D) नामकरण से बना रहे थे!

लेकिन बाद के संस्करण अपने क्षेत्र के आधार पर Ohsan – Set, Carto – Set, Resource – Set नाम से नामित किये गए।

राडार इमेजिंग सैटेलाइट – Radar Imaging Satellite

आज के समय में ISRO दो Radar Imaging Satellite को संचालित कर रहा है! पहला Reset- 1 जो 2012 में लॉन्च किया गया था और दूसरा Reset- 2 जिसे 2009 में लॉन्च किया गया!

Reset- 2 Radar Imaging Satellite को इसराइल से 11 करोड़ अमेरिकी डॉलर में खरीदा गया था! 

इसरो के कुछ कुछ अन्य उपग्रह प्रोग्राम – Other Satellite System of ISRO

  • गगन उपग्रह नेगीवेशन प्रणाली 
  • आईआरएनएस उपग्रह नेगीवेशन प्रणाली 
  • दक्षिण एशिया उपग्रह
  • जीसैट – 17 उपग्रह
  • जीसैट – 11 उपग्रह
  • कॉन्ट्रोसेट – 2E उपग्रह
  • निसार उपग्रह

इसरो की मुख्य उपलब्धियां – “ISRO’s achievements in space research and development”

  • 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान समिति (ISRO) का गठन और थुम्बा में रॉकेट प्रक्षेपण!
  • 1965 में थुम्बा में अंतरिक्ष तकनिकी विज्ञान केंद्र की स्थापना! 
  • 1967 में अहमदाबाद में उपग्रह संचार प्रणाली की स्थापना!
  • 1972 में अंतरिक्ष आयोग और विभाग का गठन आर्यभट्ट नामक पहला भारतीय उपग्रह का प्रक्षेपण!
  • 1975 में प्रक्षेपण और अंतरिक्ष विज्ञान का शिक्षा के क्षेत्र में आगमन!
  • 1979-80 में भास्कर- 1 का प्रक्षेपण, रोहिणी उपग्रह का प्रक्षेपण और सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापन! 
  • 1981 में भूवैज्ञानिक संचार उपग्रह एप्पल और भास्कर 2 का प्रक्षेपण! 
  • 1982 इनसेट- 1 A का सफल प्रक्षेपण 1983 में एसएलवी – 3 और इनसेट- 3 का सफल प्रक्षेपण! 
  • 1984 में भारत और सोवियत संघ द्वारा संयुक्त अभियान में राकेश शर्मा का पहला अंतरिक्ष यात्री बनना! 
  • 1987 में एसएलवी का Sross – 3 के साथ सफल प्रक्षेपण! 
  • 1990-1991 में Inset- 1 D और IRSS – 1 का सफल प्रक्षेपण!
  • (1994 – 1995) में एसएलवी – 4 का और Inset 2 C’ का प्रक्षेपण! 
  • 1999 में Inset – 2 E और Inset – 2 का आखिरी उपग्रह का फ़्रांस की जमीन से प्रक्षेपण!
  • (2008- 2009) भारत के पहले चंद्र मिशन, चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण जिसने पहली बार चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की खोज की!
  • (2013- 2014) मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) का प्रक्षेपण, मंगलयान का सफलता पूर्वक प्रक्षेपण! 
  • 2017 में भारत ने 104 उपग्रह प्रक्षेपित करके नया कीर्तिमान हासिल किया!
  • 2019 में भारत ने चंद्रयान- 2 सफल प्रक्षेपण किया! 

अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास में इसरो की अन्य उल्लेखनीय उपलब्धियां के बारे में जानकारी इस प्रकार से है;

  • जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) और पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) का विकास, जिनका उपयोग विभिन्न उपग्रहों को अंतरिक्ष में लॉन्च करने के लिए किया जाता है!
  • IRNSS (इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) का लॉन्च, जो GPS के समान भारत का अपना नेविगेशन सिस्टम है!
  • सुदूर संवेदन उपग्रहों की RISAT श्रृंखला का सफल विकास और प्रक्षेपण, जो कृषि, आपदा प्रबंधन और रक्षा सहित विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए पृथ्वी की उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियां प्रदान करता है!
  • पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन (आरएलवी) प्रौद्योगिकी का विकास, जिसका उद्देश्य एक पुन: प्रयोज्य अंतरिक्ष यान विकसित करना है जो अंतरिक्ष तक पहुंच की लागत को काफी कम कर सकता है!
  • एस्ट्रोसैट का सफल प्रक्षेपण, भारत की पहली बहु-तरंगदैर्ध्य अंतरिक्ष वेधशाला, जो प्रकाश की विभिन्न तरंग दैर्ध्य में आकाशीय पिंडों का अवलोकन कर सकती है!
  • संचार, मौसम विज्ञान, नेविगेशन और रिमोट सेंसिंग सहित विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए कई उपग्रहों का विकास!

इसरो से जुडी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां – Other Information of ISRO

  • ISRO का प्राथमिक अंतरिक्ष बंदरगाह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्री हरिकोटा, अंदर प्रदेश में है! 
  • इसरो का आदर्श वाक्य – मानव जाति की सेवा में अंतरिक्ष तकनीक एंव प्रौद्योगिकी है! 
  • 2020 – 2021 वित्तीय वर्ष के अनुसार इसरो का वित्तीय बजट लगभग 1.97 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानि 19,480.37 रूपये है! 
  • इसरो की Official Website www.isro.gov.in है! 
  • इसरो के दिल्ली समेत कई महानगरों में ISRO Centare बने हुए है जिनमें इसरो की तमाम जानकारियां उपलब्ध कराई जाती है! 
  • भारत और पाकिस्तान की Space Agency की तुलना की बात करें तो पकिस्तान आज तक २ से 3 उपग्रह के प्रक्षेपण ही कर पाया है इसमें भी पकिस्तान ने अन्य देशों की मदद ली है!  
  • जबकि भारत आज के समय में दूसरे देशों के लिए Satellite Space में भेजता है इसलिए विश्व भर में ISRO अंतरिक्ष अभियान से जुडी प्रत्येक तकनिकी क्षेत्र में सफलता हासिल कर रहा है! 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न – FAQ (Frequently asked Questions)

Q1. अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक (Founder of ISRO) किसे कहा जाता है?

Ans. डाक्टर विक्रम साराभाई को अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक (Founder of ISRO) कहा जाता है!

Q2. भारत में परमाणु ऊर्जा का जनक किन्हें कहा जाता है?

Ans. वैज्ञानिक होमी भाभा को परमाणु ऊर्जा का जनक कहा जाता है!

Q3. वर्तमान में इसरो के निदेशक कौन हैं?

Ans. डाक्टर के. शिवान वर्तमान में इसरो के निदेशक हैं!

Q4. भारत का पहला मानवरहित अंतरिक्षयान कब लॉंच किया गया था ?

Ans. 22 अक्टूबर 2008 को अंतरिक्ष में भारत का पहला मानवरहित अंतरिक्ष यान लॉंच किया!

Q5. अभी इसरो के अध्यक्ष कौन है ?

Ans. वर्तमान में भारत के प्रसिद्ध अन्तरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. के शिवन इसरो के अध्यक्ष हैं! डॉ. कैलासवटिवु शिवन का जन्म 14 अप्रैल 1957 में हुआ! डॉ. के शिवन ने इसरो के अध्यक्ष पद का कार्यभार 2018 में ग्रहण किया!

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निष्कर्ष – Conclusion

आज के [ Full Form of ISRO in Hindi – भारत की Space Agency इसरो की पूरी जानकारी ] इस पोस्ट में हमने ISRO ki Puri Jankari in Hindi – Full Form of ISRO in Hindi, इसरो की स्थापना कब हुई (ISRO Ki Sthapna Kab hui) , इसरो के अध्यक्ष कौन है (ISRO ke Adhyaksh Kaun Hai), अभी तक के इसरो के अध्यक्ष की लिस्ट क्या है (ISRO ke Adhyaksh Ki List)

और वर्तमान में इसरो के निदेशक कौन है के बारे बात की! तो ISRO ki Puri Jankari in Hindi जाना! इसरो के मुख्य उपग्रह क्या हैं और इनका सफल प्रक्षेपण किस वर्ष में किया गया! 

साथ में हमने जाना इसरो का इतिहास क्या है History of ISRO in Hindi अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक (Founder of ISRO) किसे कहा जाता है और इसरो की मुख्य उपलब्धियां क्या हैं! 

हमें उम्मीद है की आपको हमारी यह पोस्ट ISRO ki Puri Jankari in Hindi पसंद आयी होगी! यदि आपके पास ISRO (इसरो) से संबधित किसी भी प्रकार का कोई सवाल या जानकारी है तो आप निचे कमेंट करके जरूर बताये!

इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद!

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Santosh
Santoshhttps://usehindi.com
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम संतोष है! मैं UseHindi का Co-Founder और Auther हूँ! मैं हिंदी लेख एवं कविताओं में रुचि रखता हूँ! मै UseHindi ब्लॉग के माध्यम से हिंदी भाषा में रोजाना नई - नई जानकारीयों को आप तक शेयर करते रहता हूँ!

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