नमस्कार दोस्तों, क्या आप यूनिफार्म सिविल कोड क्या है? (Uniform Civil Code Kya Hai) जानते है! इसके साथ ही समान नागरिक संहिता के फायदे और नुकसान क्या है?, यूनिफार्म सिविल कोड का मतलब क्या होता है? Uniform Civil Code Ka Matlab Kya Hai और यूनिफार्म सिविल कोड क़ानून को लागु करने से उत्तराखंड के क़ानून व्यवस्था में क्या बदलाव होंगे!
उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) जी ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड प्रदेश में यूनिफार्म सिविल कोड कानून लागू करने का एक बहुत बड़ा फैसला लिया है!
उन्होंने उत्तराखंड प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू कराने के लिए एक कमेटी के गठन की मंजूरी दे दी है! इस कमेटी के कार्य और Recommendation के आधार पर ही अब उत्तराखंड प्रदेश में यूनिफार्म सिविल कोड यानी की समान नागरिक संहिता के क़ानून को शीघ्र लागू किया जाएगा!
इसका मतलब गोवा के बाद उत्तराखंड ऐसा करने वाला दूसरा राज्य बन जायेगा! तो अब आप सोच रहे होंगे की आखिर ये यूनिफार्म सिविल कोड होता क्या है? इसका मतलब क्या होता है? Uniform Civil Code Ka Matlab Kya Hai और यूनिफार्म सिविल कोड क़ानून को लागु करने से उत्तराखंड के क़ानून व्यवस्था में क्या बदलाव होंगे!
तो चलिए आज के इस लेख में जानते है की यूनिफार्म सिविल कोड क्या होता है, Uniform civil code meaning in hindi और Uniform civil code क्यों जरूरी है। समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब होता है?
[ समान नागरिक संहिता के गुण और दोष ]
वैसे कई लोग यूनिफार्म सिविल कोड का समर्थन करते है तो कई लोग इस क़ानून का खुल कर विरोध भी करते है! आपको बता दे की यूनिफार्म सिविल कोड को लागु करना अपने आप में बहुत कंट्रोवर्सियल निर्णय है!
इस ब्लॉग में आगे हम यह भी जानेंगे की यूनिफार्म सिविल कोड के आने से क्या क्या बदलाव किये जानेंगे! और साथ ही आखिर यूनिफार्म सिविल कोड की क्या जरुरत थी?
Uniform Civil Code का हिंदी में फुल फॉर्म क्या है?
यूनिफार्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) का हिंदी में Full Form समान नागरिक संहिता है! यह कानून भारत में सभी नागरिको के व्यक्तिगत कानूनों को बनाने और लागू करने का एक प्रस्ताव होता है!
समान नागरिक संहिता को समान आचार संहिता के नाम से भी जाना जाता है और हिंदी में Uniform Civil Code के क़ानून को एक पंथनिरपेक्ष यानी की सेक्युलर कानून भी कहते है!
वर्तमान में भारत में व्यक्तिगत कानून भारत के नागरिको के धार्मिक ग्रंथों के आधार पर है! जबकि यूनिफार्म सिविल कोड सभी नागरिको पर समान रूप से लागू होता है! चाहे उनका धर्म और मजहब कुछ भी हो!
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यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है? Uniform Civil Code Kya Hai in Hindi
Uniform Civil Code Kya Hai in Hindi – यूनिफॉर्म सिविल कोड एक कानून है जिसके अंतर्गत देश में रहने वाले सभी नागरिको पर एक समान नागरिक संहिता का एक धर्मनिरपेक्ष कानून लागू होता है!
यह क़ानून विवाह, तलाक, विरासत, और गोद लेने जैसे मामलों में सभी धर्मो और समुदायों पर लागू होता है!
वह नागरिक चाहे किसी भी धर्म या फिर जाति का क्यों न हो! उस पर यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी की समान नागरिक संहिता कानून समान रूप से लगता है!
हमारे देश में हर धर्म के लोग रहते है जो अपने अपने धर्म के आधार पर बने कई अलग अलग नियमो और कानून का पालन और अनुपालन करते है!
जैसे मुस्लिम ईसाई और पारसी समुदाय के अनुयायी अपने विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने जैसे मामलों का निपटारा अपने पर्सनल लॉ के आधार पर करते हैं! उसी प्रकार हिन्दू सिविल लॉ के तहत हिन्दू, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के लोग आते हैं!
यूनिफॉर्म सिविल कोड हमारे देश के संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत आता है! जो यह बताता है कि भारत के सभी राज्यों और पूरे क्षेत्र में सभी नागरिको के लिए चाहे वह किसी भी धर्म, समाज और समुदाय से आता हो, एक समान नागरिक संहिता का कानून लागू होगा! और यह क़ानून सभी नागरिको के हितो को समान रूप से सुरक्षित करने का प्रयासकरता है!
समान नागरिक संहिता के फायदे और नुकसान क्या है?
दोस्तों जिस प्रकार एक ही सिक्के के दो पहलू होते है, उसी तरह यूनिफार्म सिविल कोड क़ानून के फ़ायदे और साथ साथ में कुछ नुकसान भी जरूर है!
तो चलिए बिना किसी देरी के यूनिफार्म सिविल कोड क़ानून के फायदे और नुकसान जानते है!
यूनिफॉर्म सिविल कोड के फायदे – Uniform Civil Code Ke Fayade
- यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून के लागू होने से सभी धर्मो के लोगों को समान दर्जा मिलेगा!
- इस क़ानून के लागू होने से नागरिको के बिच किसी भी तरह का कोई छुआ – छूत और भेदभाव नहीं होगा!
- समान नागरिक संहिता कानून के लागू होने के बाद से कानून के अतिव्यापी प्रावधान से बचा जा सकेगा!
- हर एक नागरिक को समान अधिकार मिलने से देश एक साथ आगे बढ़ेगा और तरक्की करेगा!
- पुरे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड क़ानून लागू होने से न्यायपालिका पर बोझ कम होगा और शीघ्र न्याय मिलेगा!
- यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून के वजह से देश नई ताकत और उत्साह के साथ उभरेगा!
- समान नागरिक संहिता कानून से भारतीय विधि व्यवस्था को सरल बनाया जा सकेगा!
यूनिफॉर्म सिविल कोड के नुकसान – Uniform Civil Code Ke Nuksan
तो अभी तक आप यूनिफार्म सिविल कोड के फायदे क्या है भली भाति समझ गए होंगे! तो फिर चलिए अब यूनिफॉर्म सिविल कोड के नुकसान क्या है? जान लेते है!
- भारत में विभिन्न धर्मों, संप्रदायों, जातियों की विविधता के कारण सांस्कृतिक एवं व्यावहारिक कठिनाइयाँ!
- भारत में धर्मों, संप्रदायों, जातियों, राज्यों आदि में सांस्कृतिक विविधता के कारण विवाह जैसे व्यक्तिगत मुद्दों के लिए एक समान और समान नियमों के साथ आना व्यावहारिक रूप से कठिन है!
- यूनिफार्म सिविल कोड की वजह से धार्मिक स्वतंत्रता पर अतिक्रमण
- कई समुदाय और जाती विशेष वर्ग के नागरिक इस समान नागरिक संहिता के क़ानून को अपने अधिकारों पर अतिक्रमण के रूप में स्वीकारते है!
- विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय को दर लगता है की एक सामान्य संहिता उनकी परंपराओं की उपेक्षा करेगी! और ऐसे नियम लागू करेगी जो मुख्य रूप से बहुसंख्यक धार्मिक समुदायों द्वारा निर्धारित और प्रभावित होंगे!
- व्यक्तिगत मामलों में भी राज्य का हस्तक्षेप होगा!
- समान नियमों के संहिताकरण और उसकी बाध्यता से धर्म की स्वतंत्रता का दायरा कम हो जाएगा!
समान नागरिक संहिता किस राज्य में लागू है?
चलिए अब एक जरुरी सवाल यानी की किस राज्य में समान नागरिक संहिता लागू है? के बारे में जानते है!
तो अगर भारत के किस राज्य में समान नागरिक संहिता लागू है की बात करे! तो गोवा एक मात्र भारत का पहला राज्य है जहा पर समान नागरिक संहिता लागू है!
इसके अलावा अब उत्तराखंड Uniform Civil Code भारत का दूसरा राज्य बनने वाला है! जो यूनिफार्म सिविल कोड कानून को अपने प्रदेश के नागरिको के लिए लागू करने जा रहा है!
समान नागरिक संहिता पर बहस
वैसे आजादी के बाद से ही Uniform Civil Code कानून यानी की समान नागरिक संहिता पर बहस छिड़ते रहती है! लेकिन इस बार उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में प्रदेश में समान नागरिक संहिता क़ानून लागू करने की घोषणा कर दी है!
इस वजह से Uniform Civil Code (समान नागरिक संहिता) फिर से एक चर्चा का विषय बन चूका है! और लगातार समाचार पत्रों से लेकर बड़े बड़े न्यूज़ चैनलो में समान नागरिक संहिता पर बहस शुरू हो चुकी है!
आपको बता दे की, 2019 में Uniform Civil Code के मुद्दे में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा था! कि समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए अभी तक किसी भी प्रदेश और केंद्र की सरकार के द्वारा कोई कोशिश नहीं की गई!
वहीं, पिछले साल जुलाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा था! कि Uniform Civil Code (समान नागरिक संहिता) भारत देश की एकता और सभी नागरिकों के हितों की रक्षा के लिये आवश्यक है!
भारत में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता
अक्सर भारत में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता क्या है? सवाल पर बहुत अधिक बहस होते रहती है!
तो चलिये आज हम आपको कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओ के बारे में बताते है! जिससे यह पता चलता है की भारत में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता बहुत अधिक है! और शीघ्र भारत के हर एक प्रदेश द्वारा इस क़ानून को लागू करना चाहिये!
भारत देश में कई धर्मो के लोग रहते है और हर एक धर्म के लोग अपने धर्म के पर्सनल लॉ के आधार चलते है!
इससे पुरे देश की न्यायपालिका पर बुरा असर पड़ता है क्यों की हर धर्म के अनुयायी देश की न्यायपालिका को ना मानकर अपने धर्म ग्रंथो के नियमों को Follow करते है!
इसलिए समान नागरिक संहिता लागू होने से इस तरह की परेशानी से निपटा जा सकता है! और सभी नागरिको के लिए समान नियम और क़ानून लागु होंगे!
यूनिफार्म सिविल कोड कानून के आने से हमारे देश के कई अदालतों में वर्षों से लंबित पड़े मामलों की सुनवाई में तेजी आएगी और फैसले जल्द होंगे!
हर एक धर्म में शादी – विवाह, दहेज़, तलाक और जायदाद के बंटवारे जैसे गंभीर विषयो पर अपने धर्म के आधार पर पर्सनल लॉ बने हुए है!
इस प्रकार के धार्मिक पर्सनल लॉ और निजी कानूनों के आधार पर होने वाले न्याय से सभी नागरिको को सही न्याय मिलने की उम्मीद नहीं की जा सकती है!
इसलिए समान नागरिक संहिता लागू होने से इस तरह की परेशानी से भी आसानी से निपटा जा सकता है!
समान नागरिक संहिता के पक्ष में
खास तौर पर समान नागरिक संहिता के पक्ष में अर्थात इस कानून को मजबूती से सपोर्ट करने वाले समूह और राष्ट्रीय पार्टियों की बात की जाये! तो भारतीय जनता पार्टी समान नागरिक संहिता के पक्ष में शुरुआत से ही है!
साथ ही भारत के सबसे बड़े जनसंघ आरएसएस (RSS) का भी यूनिफार्म सिविल कोड कानून को बहुत अधिक सपोर्ट मिलता है!
समय समय पर बीजेपी और RSS के नेता और समर्थक समान नागरिक संहिता के पक्ष में अपने बयान देते रहते है!
समान नागरिक संहिता के खिलाफ तर्क
और अगर समान नागरिक संहिता के खिलाफ तर्क की बात करे! तो भारत की सबसे पुरानी पार्टी यानी की कांग्रेस और कुछ अन्य क्षेत्रीय पार्टिया समान नागरिक संहिता के खिलाफ तर्क देते रहते है!
इसके साथ ही कुछ धार्मिक समूह यूनिफार्म सिविल कोड के क़ानून को अपने धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ मानते है! और समय समय पर समान नागरिक संहिता के खिलाफ तर्क देते है!
निष्कर्ष – Conclusion
तो दोस्तों, आज के इस हिंदी लेख में हमने यूनिफार्म सिविल कोड क्या है? (Uniform Civil Code Kya Hai) यूनिफॉर्म सिविल कोड के फायदे और यूनिफॉर्म सिविल कोड के नुकसान के बारे में विस्तार से जाना!
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इस ब्लॉग को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद!