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वर्ण के कितने भेद होते हैं? (वर्ण की परिभाषा) Varn Kitne Prakar Ke Hote Hain

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नमस्कार दोस्तों, आज के इस हिंदी ब्लॉग में हम वर्ण की परिभाषा और वर्ण के कितने भेद होते हैं? (Varn Ke Kitne Bhed Hote Hain) के बारे में जानकारी देने वाले है! इस ब्लॉग में हम वर्ण के सभी प्रकारों की परिभाषा उदाहरण सहित विस्तार पूर्वक जानेंगे! 

हिंदी भारत देश की मातृभाषा है इस प्रकार हिंदी भाषा के सभी भागों जैसे संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, वाक्य और वर्ण आदि का ज्ञान होना बहुत आवश्यक है! व्याकरण ही हिंदी भाषा का आधार है! 

व्याकरण के आधार पर ही हिंदी को शुद्ध रूप से उच्चारण किया जाता है! शुद्ध रूप में हिंदी को सही और सटीक तरिके से लिखने और बोलने के लिए वर्ण किसे कहते है? और वर्ण के सभी प्रकार या भेद को समझना बहुत आवश्यक है!

चलिए अधिक समय व्यर्थ किये बिना जान लेते है वर्ण किसे कहते है? Varn kise kahte hai. वर्ण के कितने भेद होते हैं? (Varn Ke Kitane Bhed Hote Hain).

वर्ण किसे कहते है? Varn Kise Kahte Hai

Varn Kya Hai: वर्ण का मतलब मूल अक्षर जिसे और अधिक तोड़ा नहीं जा सकता, वर्ण कहलाते है! भाषा की मूल इकाई को वर्ण कहा जाता है!

जब हम किसी शब्द का उच्चारण करते है मतलब शब्द को बोलते है तो हमारे मुख से ध्वनि (वायु) निकलती हैं! वर्ण ध्वनि का ही लिखित रूप होता हैं! 

हमारी हिंदी मात्रभाषा को देवनागरी लिपि में लिखा गया है! और देवनागरी लिपि में प्रत्येक ध्वनि के लिए एक लिखित संकेत मौजूद होता है! जिसे वर्ण कहा जाता हैं!

हिंदी भाषा में कुल 52 वर्ण उपस्थित हैं! जिसमें से 39 व्यंजन और 13 स्वर होते हैं! वही उच्चारण की दृष्टी से 45 वर्ण उपस्थित हैं. जिसमे से 35 व्यंजन और 10 स्वर उपस्थित हैं!

प्रत्येक भाषा की अपनी एक वर्णमाला होती हैं! 

हिंदी वर्णमाला – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ ……… क, ख, ग……..

अंग्रेजी वर्णमाला – A, B, C, D, ………

वर्ण के कितने भेद होते है? Varn Ke Kitne Bhed Hote Hain

हिंदी भाषा में वर्णो को दो भागों में विभाजित किया गया है अर्थात वर्ण के दो भेद होते है जो इस प्रकार निम्न है!

  1. व्यंजन वर्ण  
  2. स्वर वर्ण 

1). व्यंजन वर्ण किसे कहते है?

मुख्यतः हिंदी भाषा में ‘क’ से ‘ज्ञ’ तक के वर्णो को व्यंजन वर्ण कहा जाता है! स्वर वर्णों की सहायता से व्यंजन वर्णो का उच्चारण किया जाता है!

साधारणतः व्यंजन वर्णों की कुल संख्या 33 होती है लेकिन 2 द्विगुण व्यंजन और 4 संयुक्त व्यंजन को मिलाने पर उल व्यंजनों की संख्या 39 हो जाती है!

व्यंजन मुख्यतः 6 प्रकार के होते है!

  1. स्पर्श व्यंजन
  2. संयुक्त व्यंजन 
  3. अंतःस्थ व्यंजन 
  4. उष्म व्यंजन 
  5. संयुक्ताक्षर व्यंजन 
  6. द्वित्व व्यंजन 

1. स्पर्श व्यंजन किसे कहते है?

जो व्यंजनों का उच्चारण करने पर मनुष्य की जीभ तालु, मसूड़ों, दातों को स्पर्श करती हो वह स्पर्श व्यंजन कहलाते है!

स्पर्श व्यंजन को मुख्यतः पांच वर्गों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक वर्गों में पांच व्यंजन होते है जो इस प्रकार निम्नलिखित है;

वर्गों के नाम व्यंजनों के नाम 
‘क’ वर्ग  क,ख,ग,घ,ङ
‘च’ वर्ग  च,छ,ज,झ,ञ
‘ट’ वर्ग   ट,ठ,ड,ढ,ण
‘त’ वर्ग    त,थ,द,ध,न
‘प’ वर्ग   प,फ,ब,भ,म

2. संयुक्त व्यंजन किसे कहते है?

संयुक्त व्यंजन वह व्यंजन जिनका निर्माण दो या दो से अधिक व्यंजनों से मिलकर होता है सयुंक्त व्यंजन कहलाते है! 

हिंदी वर्णमाला में संयुक्त व्यंजन चार होते है जो इस प्रकार निम्न है; 

3. अंतःस्थ व्यंजन किसे कहते है?

वह व्यंजन जिनके उच्चारण करने पर जीभ अंदर की ओर जाती है अंतःस्थ व्यंजन कहलाते है! 

हिंदी वर्णमाला में चार अंतःस्थ व्यंजन होते है जो इस प्रकार है; 

य, र, ल, व 

4. उष्म व्यंजन किसे कहते है?

वह व्यंजन जिसके उच्चारण से हवा मुँह के विभिन्न भागो से टकराती है उष्म व्यंजन कहलाते है! 

हिंदी वर्णमाला में मुख्यतः चार उष्म व्यंजन होते है जो इस प्रकार है;

श, ष, स, ह 

5. संयुक्ताक्षर व्यंजन किसे कहते है?

जब एक स्वर सहित व्यंजन दुसरे स्वर रहित व्यंजन से मिलता हैं. तो एक नए व्यंजन का निर्माण होता हैं! जो संयुक्ताक्षर व्यंजन कहलाता है!

हिंदी वर्णमाला में सयुंक्ताक्षर व्यंजन के उदाहरण इस प्रकार है;

6. द्वित्व व्यंजन किसे कहते है?

जब किसी शब्द में एक व्यंजन का दूसरे व्यंजन के साथ मेल होता हैं. तो द्वित्व व्यंजन बनता हैं. ऐसे शब्द में पहला व्यंजन स्वर के बिना होता हैं. तथा दूसरा व्यंजन स्वर के साथ होता हैं!

हिंदी वर्णमाला में सयुंक्ताक्षर व्यंजन के उदाहरण इस प्रकार है;

क् + क = पक्का

त् + त = पत्ता

2). स्वर वर्ण किसे कहते है?

वह वर्ण जिसके उच्चारण करने पर अन्य वर्णों की आवश्यकता नहीं होती है स्वर वर्ण कहलाते है! स्वर वर्णो को स्वतंत्र रूप से उच्चारित किया जा सकता है!

हिंदी वर्णमाला में स्वर वर्ण की संख्या 13 होती है! जो इस प्रकार निम्न है;

,,,,,,,,,,औ, अं, अः  

स्वर के कितने भेद होते हैं – Swar Ke Kitane Bhed Hote Hain

हिंदी व्याकरण में स्वर वर्णो का विभाजन उनके उच्चारण के समय लगने वाले समय के आधार पर किया जाता है! 

स्वर वर्ण मुख्यतः तीन प्रकार के होते है जो इस प्रकार निम्न है;

  1. ह्रस्व स्वर
  2. दीर्घ स्वर
  3. प्लुत स्वर

1. ह्रस्व स्वर किसे कहते है?

वह स्वर वर्ण जिनके उच्चारण में बहुत कम समय लगता है! जिनके उच्चारण में सबसे कम समय लगता हैं. क्योंकि इन स्वरों में सिर्फ एक मात्रा होती हैं!

अंत इनको उच्चारण करने में अन्य दो मात्राओ के स्वरों से कम समय लगता हैं. 

हिंदी व्याकरण में ह्रस्व स्वर का उदहारण अ, इ, उ आदि है!

2. दीर्घ स्वर किसे कहते है?

वह स्वर वर्ण जिसके उच्चारण में ह्रस्व स्वर से ज्यादा समय लगता हैं. क्योंकि दीर्घ स्वर में एक के स्थान पर दो मात्राए होती हैं. दीर्घ स्वर वर्ण  कहलाते है! दीर्घ स्वर के उदहारण आ, ई, ऊ इत्यादि हैं.

हिंदी व्याकरण दीर्घ स्वर के उदहारण आ, ई, ऊ इत्यादि हैं.

3. प्लुत स्वर किसे कहते है?

प्लुत स्वर को उच्चारण करने के लिए ह्रस्व स्वर से तीन गुणा समय लगता हैं. क्योंकि इन स्वरों में तीन मात्राए होती हैं!

हिंदी व्याकरण में प्लुत स्वर का एक अच्छा उदहारण ‘ओउम’ शब्द हैं!

सामान्य रूप में हिंदी भाषा में तीन मात्रा वाले स्वरों का उपयोग नहीं किया जाता हैं. लेकिन वैदिक भाषा में प्लुत स्वरों का स्थान महत्वपूर्ण हैं!

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निष्कर्ष – Conclusion

तो दोस्तों आज के इस हिंदी लेख से हमने आपको वर्ण की परिभाषा और वर्ण के कितने भेद होते हैं? (Varn Ke Kitne Bhed Hote Hain) के बारे में बताया इसके साथ ही स्पर्श व्यंजन, उष्म व्यंजन, स्वर के भेद (Svar kitne parkar ke hote hai) के बारे में आपको विस्तार से बताया है!

उम्मीद करते है आपको इस आर्टिकल को पढ़कर बहुत कुछ हिंदी व्याकरण के बारे में जानने को मिला होगा! हिंदी जो हमारी मातृभाषा के रूप में प्रचलित है! 

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हमारी यह पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद!

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