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वाक्य कितने प्रकार के होते हैं? (वाक्य की परिभाषा) Vakya Kitne Prakar Ke Hote Hain

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नमस्कार दोस्तों, आज के इस हिंदी लेख में हम हिंदी व्याकरण में वाक्य कितने प्रकार के होते हैं? (Vakya Kitne Prakar Ke Hote Hain) वाक्य किसे कहते हैं? वाक्य के कितने भेद होते हैं? और वाक्य की परिभाषा क्या है? विस्तार से पढने वाले है!

वाक्य हिंदी भाषा और व्याकरण का सबसे बड़ा अंग होता है! हिंदी भाषा में व्याकरण के अंतर्गत वाक्य का अध्ययन किया जाता है! 

शुद्ध रूप में हिंदी को सही और सटीक तरिके से लिखने और बोलने के लिए वाक्य किसे कहते है? और वाक्य के सभी प्रकार या भेद को समझना बहुत आवश्यक है!

तो बिना किसी देरी के इस हिंदी आर्टिकल को शुरू करते है और हिंदी व्याकरण में Vakya Kitne prakar ke Hote Hain वाक्य की परिभाषा और वाक्य के कितने भेद होते हैं? के बारे में एक एक करके विस्तारपूर्वक जानते है!

[ Vakya Ke Bhed Kitne Hote Hai ]

वाक्य की परिभाषा क्या है? Vakya Ki Paribhasah Kya Hai

वाक्य की परिभाषा: जब दो या दो से अधिक शब्दों को मिलकर एक अर्थपूर्ण समूह बनाया जाए वाक्य कहलाता है! वाक्य के माध्यम से कही जाने वाली बात पर कार्य किया जाता है!

साधारण शब्दों में समझे जब दो या दो से अधिक शब्दों को इस प्रकार व्यवस्थित क्रम में रखा जाये जिसे पढ़ने पर अर्थ प्रकट हो तथा जिससे मनुष्य अपने विचारो आदान प्रदान करता हो उसे वाक्य कहते है!

वाक्य किसे कहते है – Vakya Kise Kahate Hain

आसान भाषा में, शब्दों के सार्थक मेल को वाक्य कहते है! अर्थात शुद्ध शब्दों का एक समूह, जिसका को अर्थ निकलता हो उसको वाक्य कहा जाता है!

उदाहरण के तौर पर 

पहले चार उदाहरणों में 5 शब्दों को एक समूह में लिखा गया है और इन्हें इस प्रकार लिखा गया है जिसे पढ़कर हमें एक अर्थ या मतलब समझ में आ रहा है, अर्थात यह वाक्य है! 

जबकि अंतिम उदाहरण में लिखे शब्दों को पढ़कर कोई भी मतलब समझ में नहीं आ रहा है अर्थात यह एक वाक्य नहीं है!

वाक्य कितने प्रकार के होते हैं? – Vakya Kitne Prakar ke Hote Hain

वाक्य को मुख्यतः दो प्रकार से विभाजित किया गया है! अर्थात वाक्यों का विभाजन दो आधार पर किया गया है! जो इस प्रकार निम्न है!

  1. अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकार 
  2. रचना के आधार पर वाक्य के प्रकार 

चलिए जान लेते है अर्थ के आधार पर तथा रचना के आधार पर वाक्य के अलग अलग भेद होते है जो इस प्रकार निम्नलिखित है!

वाक्य के प्रकार और उनके उदाहरण

अर्थ के आधार पर वाक्य कितने प्रकार के होते हैं?

अर्थ के आधार पर वाक्य के मुख्यतः आठ भेद होते है जो इस प्रकार है:

  1. विधानवाचक वाक्य
  2. निषेधवाचक वाक्य
  3. आज्ञावाचक वाक्य
  4. प्रश्नवाचक वाक्य
  5. विस्मयवाचक वाक्य
  6. संदेहवाचक वाक्य
  7. इच्छावाचक वाक्य
  8. संकेतवाचक वाक्य

1. विधानवाचक वाक्य किसे कहते हैं?

वह वाक्य जिससे किसी कार्य को करने या होने की जानकारी प्राप्त होती हो विधान वाचक वाक्य कहलाता है! आइये उदाहरण के माध्यम से समझ लेते है!

उदाहरण:

आप समझ गए होंगे इन सभी उदाहरण में से हमको किसी न किसी प्रकार की जानकारियां प्राप्त हो रही है! अर्थात यह सभी विधान वाचक वाक्य के रूप है!

2. निषेधवाचक वाक्य किसे कहते हैं?

वह वाक्य जिससे किसी कार्य के नहीं होने का पता चलता है निषेध वाचक वाक्य कहलाता है! निषेध का अर्थ होता है “मना करने वाला”!

उदाहरण:

इन सभी उदाहरणो से यह समझ आ रहा है कार्य के न होने यानि की नकारात्मक भाव प्रकट किया जा रहा है अर्थात यह सभी निषेधवाचक वाक्य है!

3. आज्ञावाचक वाक्य किसे कहते हैं?

वह वाक्य जिसमे जब किसी भी प्रकार की आज्ञा और अनुमति देने का भाव प्रकट हो इस प्रकार के वाक्यों को आज्ञा वाचक वाक्य कहलाते है!

उदाहरण:

इस प्रकार सभी उदाहरण में आज्ञा या अनुमति देने या प्रार्थना करने का भाव पता चल रहा है। इस प्रकार यह सभी आज्ञा वाचक वाक्य के रूप है!

4. प्रश्नवाचक वाक्य किसे कहते हैं?

वह वाक्य जिसमे कोई प्रश्न पूछा जाये यानि की प्रश्न पूछे जाने का भाव प्रकट होता हो वे वाक्य प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते है! ऐसे वाक्यों के अंत में प्रश्नवाचक चिन्ह (?) का प्रयोग किया जाता है!

उदाहरण:

5. विस्मयवाचक वाक्य किसे कहते हैं?

वह वाक्य जिनसे किसी भी प्रकार का शोर, हर्ष, आश्चर्य, घृणा और विस्मय आदि का भाव प्रकट होता हो वह विस्मय वाचक वाक्य कहलाते है! इन वाक्यों के अंत में विस्मयादिबोधक चिन्ह लगाया जाता है!

उदाहरण:

6. संदेहवाचक वाक्य किसे कहते हैं?

वह वाक्य जिनको पढ़ने पर किसी कार्य के होने या न होने का संदेह का भाव प्रकट होता है उसे संदेह वाचक वाक्य कहा जाता है! 

ऐसे वाक्यों में शायद, हो सकता है, मुझे लगता है, क्या पता आदि संदेह प्रकट करने वाले शब्दों का प्रयोग किया जाता है!

उदाहरण:

7. इच्छावाचक वाक्य किसे कहते हैं?

जिन वाक्यों से किसी प्रकार की इच्छा शुभकामना या आशीर्वाद इत्यादि का बोध हो वे इच्छा वाचक वाक्य कहलाते हैं!

वह वाक्य जिसमे किसी भी शुभ कार्य की शुभकामना और आशीर्वाद आदि शब्दों का बोध प्रकट होता हो इच्छा वाचक वाक्य कहलाते है! उदाहरण माध्यम से समझते है!

उदाहरण:

8. संकेतवाचक वाक्य किसे कहते हैं?

वह वाक्य जिससे किसी पहले कार्य का किसी दूसरे कार्य पर निर्भरता का बोध होता है! उसे संकेत वाचक वाक्य कहते है!

उदाहरण:

दिए गए सभी उदाहरणों में एक क्रिया का होना दूसरे क्रिया पर निर्भर कर रहा है! 

रचना के आधार पर वाक्य कितने प्रकार के होते हैं?

जैसा की इससे पहले हमने अर्थ के आधार पर वाक्य के भेदों के बारे में जाना! चलिए अब जान लेते है, रचना के आधार पर वाक्य के मुख्यतः तीन भेद होते है! जो निम्नलिखित है!

  1. सरल वाक्य
  2. संयुक्त वाक्य
  3. मिश्रित वाक्य

1. सरल वाक्य किसे कहते हैं?

जब वाक्य में एक मुख्य क्रिया हो वह सरल वाक्य या साधारण वाक्य कहलाते है! इन वाक्यों एक ही क्रिया होती है! अंग्रेजी में इसे Simple Sentence कहा जाता है!

उदाहरण:

2. संयुक्त वाक्य किसे कहते हैं?

वे वाक्य जिनमे दो या दो से अधिक समुच्चयबोधक अव्ययों (किन्तु, परन्तु, वरना, इसलिए) आदि शब्द जुड़े हो! उन्हें संयुक्त वाक्य कहते है!

उदाहरण:

संयुक्त वाक्य मुख्यतः चार प्रकार के होते है!

  1. संयोजक संयुक्त वाक्य 
  2. विभाजक संयुक्त वाक्य 
  3. विरोधसूचक संयुक्त वाक्य 
  4. परिणामवाचक संयुक्त वाक्य 

1. संयोजक संयुक्त वाक्य किसे कहते हैं?

संयोजक सयुंक्त वाक्य जब एक साधारण वाक्य दूसरे साधारण वाक्य और मिश्रित वाक्य से सयोंजक अव्यय (और, एवं, तथा) के माध्यम से जुड़े हो सयोंजक संयुक्त वाक्य कहलाता है!

उदाहरण:

2. विरोधसूचक संयुक्त वाक्य किसे कहते हैं?

जिन वाक्यों में साधारण और मिश्रित वाक्यों का परस्पर भेद या विरोध का संबंध रहता है! विभाजक संयुक्त वाक्य कहलाता है!

उदाहरण:

3. विभाजक संयुक्त वाक्य किसे कहते हैं?

जब दो वाक्यों में से किसी एक वाक्य स्वीकार करना होता है अर्थात वाक्यों के बिच विकल्प दिया जाये एक को स्वीकार और दूसरे को त्यागा जाये! विभाजक संयुक्त वाक्य कहलाता है!

उदाहरण:

4. परिणामवाचक संयुक्त वाक्य किसे कहते हैं?

जब एक साधारण वाक्य दूसरे साधारण या मिश्रित वाक्य का परिणाम होता है परिणामवाचक संयुक्त वाक्य कहलाता है दो वाक्य (इसलिए, अतः सो आदि) अव्ययो से जुड़े रहते है!

उदाहरण:

3. मिश्रित वाक्य किसे कहते हैं?

जिन वाक्यों में सरल वाक्य के साथ एक या उससे अधिक उपवाक्य हो वे मिश्र वाक्य होते हैं इसमें लिखें उपवाक्य (की, यदि, तो, तथापि, इसीलिए इत्यादि) से जुड़े होते हैं!

उदाहरण:

निष्कर्ष – Conclusion

तो आज इस हिंदी लेख में हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषय वाक्य के कितने भेद होते हैं? (Vaky ke kitne bhed hote hain?) वाक्य किसे कहते है?, वाक्य कितने प्रकार के होते हैं? (Vaky kitne prakar ke hote hain?) के बारे में आपको विस्तार से बताया! 

उम्मीद करते है आपको इस लेख (Vakya Ke Bhed Kitne Hote Hai) को पढ़कर बहुत कुछ जानने को मिला होगा! हिंदी व्याकरण में वाक्यों की परिभाषा तथा वाक्यों के भेद के बारे में जानना बहुत जरूरी होता है!

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