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Bharat Me Kul Kitne Bank Hai (बैंकों की सूचि) भारत में कुल कितने बैंक हैं? बैंकों का इतिहास क्या है 2023

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Hello दोस्तों, आज के इस पोस्ट में हम बैंक क्या है? (Bank Kya Hai) और भारत में कुल कितने बैंक हैं? (Bharat Me Kul Kitne Bank Hai) के बारे में जानेंगे! भारत में कई ऐसे बैंक हैं जिनके बारे में हम आज भी नहीं जानते हैं!

अक्सर जब भी आप किसी अपने स्टेट से किसी दूसरे स्टेट में जाते हैं तो कई बार आपको अलग सा बैंक नजर आ जाता होगा शायद तब आपके मन में भारत में बैंकों के बारे में जानने को तो करता ही होगा!  

आजादी के बाद भारत में कई बैंक बने और कई बैंको आपस में मर्ज भी हुए! फिर भी भारत में कुल कितने बैंक हैं? यह मालूम होना तो बहुत ही आवश्यक होता ही है! यह एक जरनल नॉलेज का भी विषय है क्योकिं कई लोग भारत में कुल बैंकों की संख्या आज भी नहीं जानते हैं! 

भारत में कई तरह के बैंक है कोई अधिक विकसित है लेकिन कोई बैंक कम विकसित हैं! बैंक से जुड़े कार्यों को शुरू करने से पहले आप भी बैंक के बारे में या फिर भारतीय बैंकों का इतिहास तो पढ़ते ही होंगे! 

तो आज के इस आर्टिकल में बैंक से जुडी तमाम जानकारियों को जानने वाले हैं जैसे बैंक क्या होता है? भारत में कुल कितने बैंक हैं? (Bharat Me Kul Kitne Bank Hai) भारत में सरकारी और प्राइवेट बैंकों की संख्या कितनी है? इत्यादि!

Bharat Me Kul Kitne Bank Hai (बैंकों की सूचि) भारत में कुल कितने बैंक हैं? बैंकों का इतिहास क्या है 2023

बैंक क्या है? (Bank Kya Hai in Hindi)

बैंक एक संगठित वित्तीय संस्था है जो रुपयों को अपने पास जमा करती है और लोगों को ऋण देने का काम करती है! लोगों द्वारा बचत किये गए पैसों को बैंक अपने पास रखती है जिसके बदले बैंक लोगों को ब्याज, ऋण, और अन्य वित्तीय स्कीम्स उपलबध कराती है!

बैंक द्वारा ब्याज लोगों से लिया भी जाता है और लोगों को दिया भी जाता है! हमारे देश में कई तरह के बैंक है! कई बैंक आजादी से पहले स्थापित किये गए थे जो आज भी चल रहे हैं और कई बैंक आजादी के बाद अस्तित्व में आये! 

बैंक व्यापारियों को, जरूरतमंद लोगों को लोन देकर ब्याज कमाती है जिसका एक बड़ा हिस्सा बैंक आरबीआई (Reserve Bank Of India) में जमा कराते हैं! आरबीआई सभी बैंको का एक मुख्य बैंक है!

यही से सभी बैंक के नियम कानून बनाये जाते हैं और भारत सरकार के साथ मिलकर इन कानूनों को लागू किया जाता है! 

हमारे देश में सरकारी बैंक और प्राइवेट बैंक दोनों तरह के बैंक हैं! आपके लिए इन बैंक के बारे में जानना बहुत ही जरुरी है! लेकिन भारत में कुल कितने बैंक हैं यह जानने से पहले भारत में बैंक का इतिहास क्या रहा है इसके बारे में जानना बहुत जरूरी है! 

भारत में बैंकों का इतिहास क्या है? Bharat Me Bank Ka Itihas

अगर दुनिया में पहले बैंक की बात करें तो दुनिया में पहला बैंक इटली के जेनेवा 1406 में स्टेब्लिश किया गया था! इस बैंक का नाम बैंकों दि सैन जार्जियो था! लेकिन भारत में पहला बैंक 1806 में बैंक ऑफ़ कलकत्ता बना!

इससे पहले भारत में अंग्रेजों ने अपने व्यापारिक और मौद्रिक जरूरतों के हिसाब से जॉइंट बैंक खोले थे! 18 वी शताब्दी के अंत के समय में इंग्लैंड और यूरोप के ब्यापार में बहुत अधिक वृद्धि हुई जिसके कारण अंग्रेजों द्वारा नए नए बैंकों को स्थापित किया जाने लगा!

इसके बाद ही भारत में बैंक ऑफ़ कलकत्ता की स्थापना भी की गयी! इसके बाद 1840 में बैंक ऑफ बंबई और 1843 में बैंक और मद्रास की स्थापना की गयी! ये बैंक अंग्रेजों ने इसलिए भी बनाये थे ताकि ईस्ट इण्डिया कंपनी को अपने व्यापार में सहायता मिल सके!

1844 में अंग्रेजो ने इंग्लैंड में बैंक ऑफ़ इंग्लैंड की भी स्थापना कर दी और यह बैंक इंग्लैंड से भारत में खुले सभी बैंकों को बैंक ऑफ़ इंग्लैंड ऑपरेट करने लगा! 

अंग्रेजों के व्यापार में वृद्धि होने से भारत में धीरे धीरे दो अन्य बैंक इलाहबाद बैंक और एलायंस बैंक ऑफ़ शिमला को भी स्थापित किया गया!

जैसे आज ग्रामीण क्षेत्रों में कॉपरेटिव बैंक होते हैं वैसा ही एक सिमित लोगों के लिए अवध कम्रिशियल बैंक भी बनाया गया! 

1906 से लेकर 1913 में करीब 3 बैंक नए बने जिनमें सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया, बैंक ऑफ़ इंडिया, और बैंक ऑफ़ बड़ौदा, शामिल थे! उसके बाद बैंकों का कुछ समय के लिए बुरा दौर शुरू हो गया जिसके कारण ये बैंक कुछ सालों के लिए बंद भी किये गए! 

1921 में बड़े तीन बड़े बैंकों को मिलाकर एक इम्पीरियल बैंक ऑफ़ इण्डिया बनाया गया जिसे पूर्ण रूप से सरकारी बैंक घोषित किया गया हालाँकि इससे पहले बने सभी बैंक भी सरकारी ही थे! 

यह समय ऐसा था कि जब सभी बैंक अपनी अपनी मनमानी करने लगे क्योंकि बैंको को कंट्रोल करने लिए कोई भी मुख्य बैंक नहीं था! 

जिसके कारण अप्रैल 1934 में भारत में आरबीआई की स्थापना की गयी जो सभी बैंकों का संचालक बना! जिसके बाद 1941 में भारत में बैंकिंग कंपनी कानून बनाया गया! इसके बाद ही भारत में बैंको का राष्ट्रीयकरण का समय शुरू हुआ!

1955 में इम्पीरियल बैंक ऑफ़ इण्डिया बैंक का राष्ट्रीयकरण किया गया जो आज के समय में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया कहलाता है!

भारत में कुल कितने सरकारी बैंक हैं? Bharat Me Kul Kitne Sarkari Bank Hai

सरकारी बैंक वो होते हैं जिनका स्वामित्व भारत सरकार के पास होता है! भारत में कुल सरकारी बैंकों की संख्या 12 है!  सरकारी बैंक पूर्ण रूप से आरबीआई और सरकार के अधीन है!

केंद्र सरकार द्वारा कोई भी वित्तीय परिस्थिति से जुडी योजना लागू की जाती है तो उनको सबसे पहले सरकारी बैंको के माध्यम से ही शुरू किया जाता है!

जैसे मोदी सरकार द्वारा चलाई जाने वाली बैंक में जनधन खाता खोलने की योजना! यह योजना शुरु में सभी सरकारी बैंको में स्टार्ट की गयी जिसमें मुफ्त में लोगों के बैंक खाते खोले गए! 

सरकारी बैंक के नामों की सूचि 

स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया  – 1955 मुंबई 

पंजाब नेशनल बैंक – 1908 नई दिल्ली 

बैंक ऑफ़ बड़ौदा – 1908 गुजरात 

केनरा बैंक – 1906 बंगलौर 

यूनियन बैंक – 1919 मुंबई 

बैंक ऑफ़ इण्डिया – 1906 मुंबई 

इंडियन बैंक – 1907 चेन्नई 

सेंट्रल बैंक ऑफ़ इण्डिया – 1911 मुंबई भारत 

बैंक  ऑफ़ महारास्ट्रा – 1935 पुणे 

यूको बैंक – 1943 कोलकाता 

पंजाब & सिंध बैंक – 1894 राजेंद्र प्लेस नई दिल्ली 

भारत में कुल कितने प्राइवेट बैंक हैं (Bharat Me Kul Kitne Private Bank Hai)

प्राइवेट बैंक मुख्य रूप से निजी बैंक कहलाते हैं यानि इन बैंकों में निजी व्यक्तियों का स्वामित्व होता है! निजी बैंकों का उच्चीकरण फाइनेंस करने वाली वित्तीय संस्थानों से बढ़कर ही होता है! ऐसे बैंकों को निजी लोगों द्वारा नियंत्रित किया जाता है! 

भारत में कुल प्राइवेट बैंकों की संख्या 21 है! आरबीआई द्वारा इन बैंकों को लाइसेंस प्रदान किया जाता है और आरबीआई द्वारा ही ये बैंक राष्ट्रीय और अंतरास्ट्रीय स्तर पर चलाये जाते हैं!

सरकारी बैंक के मुकाबले प्राइवेट बैंक में ग्राहक को सुविधा अधिक दी जाती है!

प्राइवेट बैंकों के नामों की सूचि 

एचडीएफसी बैंक  – 1994 मुंबई 

एक्सिस बैंक – 1943 मुंबई 

बंधन बैंक – 2015 पश्चिम बंगाल 

आईसीआईसीआई बैंक – 1994 मुंबई 

यस बैंक – 2004 मुंबई 

सिटी यूनियन बैंक – 1904 तमिलनाडु 

डीसीबी बैंक – 1930 मुंबई 

धनलक्ष्मी बैंक – 1927 केरल 

फेडरल बैंक – 1931 कोच्चि 

आईडीबीआई बैंक – 1964 मुंबई

इंडसइंड बैंक – 1964 पुणे 

जम्मू एन्ड कश्मीर बैंक – 1938 श्रीनगर 

कर्नाटक बैंक  1924 कर्नाटक 

करूर वैश्य बैंक – 1996 तमिलनाडु 

आरबीएल बैंक – 1943 मुंबई 

साउथ इंडियन बैंक – 1929 केरल 

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक – 2015 मुंबई 

तमिलनाडु मार्केटियल बैंक – 1921 तमिलनाडु 

Conclusion

आज के इस पोस्ट में हमने भारत में कुल कितने बैंक हैं? (Bharat Me Kul Kitne Bank Hai) और भारत में कुल कितने सरकारी बैंक और कितने प्राइवेट बैंक है? के बारे में जाना! हमने सरकारी बैंकों और प्राइवेट बैंकों की संख्या नामों के साथ जानी! आप इन बैंकों में किसी भी बैंक में जाकर अपना बचत खाता या फिर चालू खाता खुलवा सकते हैं!

आज के समय में सभी बैंकों द्वारा इंटरनेट बैकिंग और फोन बैंकिंग की सुविधा दी जाने लगी है जो बहुत ही सुविधाजनक है! आप कहीं से भी किसी को भी पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं! 

हमें उम्मीद है आज का यह आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा! बैंक से सम्बंधित जानकारियों को पाने के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल भी जरूर पढ़ें! इस पोस्ट को पाने साथियों को शेयर जरूर करें!

इस पोस्ट को अंत तक पढ़ने हेतु आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद! 

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