Hello दोस्तों, क्या आप जानते हैं जीएसटी क्या होता है? (GST Kya Hai) जीएसटी का फुल फॉर्म (GST Full Form in Hindi), भारत में जीएसटी की (How did GST start?) शुरुवात कब से हुवी?
आज के इस लेख में हम आपको GST के प्रकार (Types of GST in Hindi), जीएसटी कैसे काम करता है? और जीएसटी के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानेंगे!
हमारे देश में हर कोई Tax भरता है भले ही वह अलग अलग माध्यम के रूप में क्यों न हो! यह चाहे वस्तु टैक्स हो या सेवा टैक्स!
सरकारों द्व्रारा इसमें हर साल बदलाव लाये जाते हैं लेकिन आम आदमी इसमें अक्सर परेशान हो जाता है! क्योंकि आम आदमी का एक ही मकसद होता है!
दो रोटी सुकून की मिल जाये उसी में ख़ुशी है! आप कोई भी वस्तु खरीदो जैसे नमकीन, बिस्किट का पैकेट, पानी का बोतल खाने का सामान रेस्टोरेंट में खाना हो या फिर बाजार से कोई वस्तु खरीदारी हो हमें हर जगह कुछ न कुछ टैक्स देना ही पड़ता है!
अक्सर GST क्या होता है या फिर GDP (Gross Domestic Product सकल घरेलू उत्पाद) क्या है? को लेकर हमारे मन में कई सवाल उठते हैं। GST लागू करने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
आइये आज हम विस्तार से इन सभी मुख्य बिंदुओं को जानने की कोशिश करते हैं! आज के इस हिंदी ब्लॉग में जीएसटी क्या होता है? (GST Kya Hai), (GST Ka Full Form in Hindi) के बारे में विस्तार से जानेगें!
जीएसटी का फुल फॉर्म – Full Form of GST
GST Ka Full Form in Hindi – जीएसटी का फुल फॉर्म “Goods and Services Tax” होता है! जिसमे Goods का मतलब वस्तुओ से और Services का मतलब सेवा या उत्पादित वस्तु को उपभोक्ता तक पहुंचाने से होता हैं! और Tax का अर्थ कर होता हैं!
यह टैक्स हमारे देश में उत्पन्न होने वाले कच्चे माल से बनने वाली वस्तु और उसकी सेवा पर लगता है!
GST Full Form in Hindi
Hindi में GST का Full Form “वस्तु एंव सेवा कर” होता है! भारत में जो पुराने कर थे उन सभी करों को बदलकर एक मुख्य कर बनाया गया जिसे हम GST कहते हैं!
जीएसटी क्या है (GST Kya Hai in Hindi)
GST Kya Hai in Hindi: मुख्यतः जीएसटी एक Indirect Tax (अप्रत्यक्ष कर) है जिसे देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों, सरकार ने आजादी के बाद सुविधाजनक बताया!
केंद्र और राज्य सरकारों व राज्य सरकारों के विभिन्न करों को एक आसान भाषा में समझाया!
यह प्रणाली Indirect Conman Market (एकीकृत साझा बाजार) में मदद करने वाली है!
अलग अलग करों को समाप्त कर एक मुख्य कर बनाया गया जिसे GST नाम दिया गया! भारतीय संविधान में इसे लाने के लिए 2017 में संविधान में संसोधन किया गया। यह कर राज्यों के बीच करों की मुख्य सीमा को दूर करता है।
GST एक मुख्य बाजार का निर्माण करता है! GST के तहत Value Addition (मूल्य संवर्धन) पर कर लगता है और कर का वहन अंतिम उपभोक्ता द्वारा किया जाता है। GST एक तरह का Multilevel Production (बहुस्तरीय उत्पादन) पर लगने वाला कर है!
एक साधारण परिभाषा में कहें GST क्या होता है तो इसका सीधा अर्थ यह है GST हमारे देश में उत्पादित मूल संवर्धन का कुल हिस्सा है जो सरकार के राजस्व में जाता है या फिर एक निर्धारित कर के रूप में उत्पादित मूल्य के साथ जुड़ा होता है!
आइये GST को Hindi की आसान भाषा में एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं
मुख्य्तः GST Multilevel Word (बहुस्तरीय शब्द) से शुरू होता है किसी भी एक वस्तु उत्पादन से लेकर उपभोक्ता के उपयोग करने तक कई स्तरों से होकर गुजरता है। जिसको अलग चरणों में वर्गीकृत किया जा सकता है! जो निम्नलिखित है!
पहला चरण – First Step
कच्चा मॉल का उत्पादन या कच्चे माल की पैदावार इसमें Raw Martial (कच्चा माल) खरीदा या बेचा जाता है!
दूसरा चरण – Second Step
वस्तु का Pure Manufacturer (पक्का उत्पादन) यानि वस्तु को उपयोग करने लायक बनाना यह प्रकिया बड़े मीलों कारखानों से होकर निकलती है।
जिसमे वस्तु का भडारण भी शामिल होता है। यहाँ थोक विक्रेता के पास वस्तु का सम्पादन भी होता है।
तीसरा चरण – Third Step
बाजार में वस्तु उपलब्ध करना जहां बड़ी मात्रा में उपभोक्ता के पास उपयोग के लिए वस्तु उपलब्ध होती है। इस तरह से जितने स्तर पर वस्तु का उपयोग होगा या वस्तु का पुनर्निर्माण होगा। उतने स्तर पर जीएसटी लगाया जायेगा!
भारत में जीएसटी कब लागू हुआ?
भारत में GST 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया!
जीएसटी की शरुआत कैसे हुई? – How did GST start?
भारत देश में जीएसटी एक प्रकार का “अप्रत्यक्ष कर” है। यह भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा स्थापित किया गया!
विदेशों में अक्सर यह देखा गया है! जिस देश की सरकार ने जीएसटी को लागु करने का प्रयास किया या तो वो सरकार जीएसटी को लागु नहीं कर पायी। उन्हें दोबारा हार का मुहं देखना पड़ा!
दुनिया में पूर्ण रूप से जीएसटी लागु करने वाली सरकार भारतीय जनता पार्टी की पहली सरकार थी। जो भारत में पूर्ण बहुमत में थी! जब इसे लागु किया गया और आज भी पूर्ण बहुमत में है!
जीएसटी लागु करने के बाद 2019 में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में NDA सरकार 542 में से 343 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत में आयी!
अन्य देश मलेशिया और न्यूजीलेंड का उदाहरण लें! तो वहां की भी वर्तमान सरकारों ने इसे लागु किया!
उसके बाद उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अन्य देशों में हारने वाली सरकारों से पूछा गया तो उन्होंने कहा भारत में जीएसटी को लागु करने के बाद दो साल बाद चुनाव हुए!
हमारे यहां एक साल में ही चुनाव हो गए थे। इन देशों के बड़े अर्थशास्त्रियों से सलाह दी थी की जीएसटी लघु करने वाले देशों को जीएसटी को अच्छी तरह लागु करने के लिए एक साल का समय लगेगा!
जीएसटी (GST) आने के बाद क्या बदलाव हुए?
जीएसटी के आने के बाद एक मुख्य बदलाव देखा गया की अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं की लागत घट गयी! जिससे भारत एक Competitive Economy (प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था) वाला देश बन गया!
सरकार ने जीएसटी लागु होने के बाद अनेकों कर व्यवस्थाओं में बदलाव किये। 2 साल में सरकार ने बहुत आसान बना दिया जिससे देश की Economy अनुकूल दिशा में आगे बढ़ सके!
GST के प्रकार (Types of GST in Hindi)
जीएसटी एक्ट में मुख्यतः GST को तीन भागों में वर्गीकृत किया है।
1. CGST (Center goods and services tax)
यह Central Government (केंद्र सरकार) द्वारा लिया जाता है इसे Intra State Sale में रखा गया है।
2. SGST (States goods and services tax)
यह State Government (राज्य सरकार) द्वारा लिया जाता है यह भी इंट्रा स्टेट सेल के अंतर्गत आता है।
3. IGST (Integrated goods and services tax)
यह Central Government (केंद्र सरकार ) द्वारा लिया जाता है।
अगर एक राज्य के भीतर ही कोई वस्तु सेल हो रही है। तो वस्तु पर CGST और SGST दोनों कर लगेगा। जो भी Revenue (राजस्व) होगा वह केंद्र और राज्य सरकारों में शेयर किया जायेगा!
अगर वस्तु एक राज्य से बाहर बेचीं या खरीदी जा रही है तो यहाँ पर सिर्फ IGST लगाया जायेगा।
यह सिर्फ केंद्र द्वारा लगे जायेगा! केंद्र इसे फिर Destination of Goods के आधार पर शेयर करेगी जो बाद में GDP (Gross Domestic Product) में सम्मिलित होकर आता है!
भारत 2023 में GST दरें क्या हैं? – GST rate list in Hindi 2023
आइये जानते हैं किस वस्तु पर कितना प्रतिशत GST लगता है? जो की इस प्रकार निम्नलिखित है!
किस सामान पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है! – 5% GST Rate Items
वह सामान जिन पर 5 प्रतिशत GST लगता है! उनके नाम इस प्रकार है!
- चाय
- चीनी
- खाद्य तेल
- कोयला
- पैकेट पनीर
- केरोसिन
- एलपीजी
- केल्सियम
- चुकंदर ग्रेफाइट
- फास्फेट
- दूध से बना खाद्य पदार्थ आदि!
किस सामान पर जीएसटी 12% लगता है! – 12% GST Rate Items
वह सामान जिन पर 12 प्रतिशत GST लगता है! उनके नाम इस प्रकार है!
- मोबाईल
- बादाम
- घी
- बटर
- अगरबत्ती
- बायोगैस
- हाइड्रोजन
- परॉक्साइड
- फल
- जूस आदि!
कौन कौन से वस्तुओं पर 18 प्रतिशत लगता है? – 18% GST Rate Items
वह सामान जिन पर 18 प्रतिशत GST लगता है! उनके नाम इस प्रकार है!
- पूँजीगत वस्तुएं
- पास्ता
- जाम
- लोहा
- इस्पात
- फेसियल
- टिस्सु
- फॉन्टिन पैन
- क्लोरीन
- फ़्लोरिन
- मोमबत्ती
- सूप
- आइस क्रीम आदि!
किस सामान पर 28 प्रतिशत GST लगता है! – 28% GST Rate Items
वह सामान जिन पर 28 प्रतिशत GST लगता है! उनके नाम इस प्रकार है!
- सीमेंट
- कार
- Perfume
- गाड़ी
- बाइक
- मेकप सामान
- हेयर क्रीम
- पटाखे आदि!
यहाँ भी पढ़ें – GDP (Gross Domestic Product) क्या है? GDP की दरें कौन जारी करता है?
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जीएसटी पेमेंट कैसे करें (GST Payment Kaise Kare)
अक्सर लोगो को थोड़ा कन्फूजन रहता है! वो जीएसटी का Payment कैसे करें आप जीएसटी को नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड के माध्यम से आप GST का Payment कर सकते हैं।
GST को हम GST की आधिकारिक Websites पर जाकर भी जमा किया जा सकता है!
लोग बैंक में जाकर NEFT या RTGS के माध्यम से भी GST का Payment करते है। GST Payment देने के बाद यह Electronic Cash Lazer में अपडेट हो जाता है!
जीएसटी कैसे काम करता है?
जीएसटी, या वस्तु या सेवा कर, एक उपभोग कर है जो दुनिया भर के कई देशों में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। यहां बताया गया है कि जीएसटी आम तौर पर कैसे काम करता है:
- Taxation Point: जीएसटी आमतौर पर निर्माता से कस्टमर तक आपूर्ति श्रृंखला के प्रत्येक चरण पर लागू होता है। प्रत्येक चरण में, विक्रेता उत्पाद या सेवा में जोड़े गए मूल्य पर जीएसटी एकत्र करता है।
- इनपुट टैक्स क्रेडिट: दोहरे टैक्स से बचने के लिए, व्यवसायों को आम तौर पर अपने बकाया जीएसटी की गणना करते समय इनपुट (वस्तुओं और सेवाओं) पर भुगतान किए गए जीएसटी के लिए क्रेडिट का दावा करने की अनुमति दी जाती है। इसे इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के रूप में जाना जाता है।
- GST Rate: जीएसटी एक एकल दर वाला कर नहीं है; इसमें अक्सर कई कर दरें होती हैं। कई देशों में, जीएसटी की एक मानक दर है, कुछ आवश्यक वस्तुओं के लिए कम दर, और कभी-कभी लक्जरी वस्तुओं या गैर-आवश्यक समझी जाने वाली वस्तुओं के लिए उच्च दर।
- Registration: जो बिज़नेस टर्नओवर के लिए एक निश्चित सीमा को पूरा करते हैं, उन्हें जीएसटी के लिए पंजीकरण करना आवश्यक है। एक बार पंजीकृत होने के बाद, उन्हें अपनी बिक्री पर जीएसटी लगाना होगा और इसे सरकार को भेजना होगा।
- कर संग्रह: जीएसटी जमा करने की जिम्मेदारी व्यवसायों पर आती है। उन्हें किसी प्रोडक्ट या सेवा में जोड़े गए मूल्य पर जीएसटी एकत्र करना होगा और फिर इसे सरकार को भेजना होगा।
- अनुपालन और ऑडिट: टैक्स अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए ऑडिट कर सकते हैं कि व्यवसाय जीएसटी कानूनों का अनुपालन कर रहे हैं। इसमें यह सत्यापित करना शामिल है कि उन्होंने सही ढंग से जीएसटी चार्ज किया है और जमा किया है, साथ ही सटीक रिकॉर्ड रखना सुनिश्चित करना भी शामिल है।
- फाइलिंग और भुगतान: व्यवसायों को आमतौर पर एकत्र किए गए और भुगतान किए गए जीएसटी की रिपोर्ट करने के लिए समय-समय पर जीएसटी रिटर्न (मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक, देश के नियमों के आधार पर) दाखिल करने की आवश्यकता होती है।
जीएसटी के फायदे और नुकसान – GST Advantages and Disadvantages
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के कई फायदे हैं, इसके साथ ही यह कुछ नुकसान और चुनौतियों के साथ भी आता है, अर्थात जीएसटी के फायदे और नुकसान इस प्रकार है:
जीएसटी के फायदे:
- आम उपभोक्ता के लिए तरह तरह के Tax लगने से छुटकारा मिला क्योंकि इससे महंगाई बढ़ने के ज्यादा अवसर रहते थे!
- बाजारों का ज्यादा हिस्सा GST के दायरे में आने से सरकार का Revenue (राजस्व) बढ़ा जिससे सरकारी सुविधा मिलने के ज्यादा अवसर पैदा हुए जिन्हें मोदी सरकार अक्सर लाती रहती है!
- हर राज्य के करोबारियों के GST समझना आसान होगा क्योंकि इसमें कोई भी अलग अलग टैक्स का दायरा नहीं है!
- बड़े उद्योगों में अधिक व सस्ती मात्रा में माल का उत्पादन होगा जिससे लघु उद्योग और कारोबारियों को अधिक रियायतें मिलने के आसार हैं!
- किसी भी कम्पनी को तोड़ मरोड़कर दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने होंगे।
- जीएसटी के आने से जो लोग चोरी छिपे अपना टैक्स सरकार को नहीं देते थे! अब उन्हें भी सरकार को जीएसटी देना होगा जिससे सरकार की Income में इजाफा होगा!
- करों की संख्या में कमी होने से राज्य व केंद्र सरकारों के अधिकारीयों व कर्मचारियों पर काम का वजन कम होगा!
इस तरह से सरकारी Tax Administration के लिए आसानी होगी!
जीएसटी के नुकसान:
- जीएसटी जटिल हो सकता है, खासकर उन देशों में जहां इसमें कई कर दरें और कई छूट हैं। व्यवसायों को अलग-अलग दरों और नियमों से निपटना होगा, जिससे निपटना चुनौतीपूर्ण हो सकता है!
- जीएसटी प्रणाली में परिवर्तन मुश्किल हो सकता है, और यह परिवर्तन से व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए भ्रम और कठिनाइयाँ पैदा हो सकती हैं।
- आमतौर पर छोटे व्यवसायों को जीएसटी को अपनाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
- विशिष्ट कर दरों और छूटों के आधार पर, जीएसटी उपभोक्ताओं के जीवनयापन की लागत को प्रभावित कर सकता है।
- जीएसटी राजस्व अस्थिर और आर्थिक उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील हो सकता है। आर्थिक मंदी के दौरान, उपभोक्ता खर्च में कमी आ सकती है, जिससे सरकारों के लिए जीएसटी राजस्व में गिरावट आ सकती है।
- यदि व्यवसाय अपनी बिक्री को कम दिखाते हैं या अपने इनपुट टैक्स क्रेडिट को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं तो जीएसटी कर चोरी के प्रति संवेदनशील हो सकता है।
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Conclusion [ निष्कर्ष ]
आज के इस पोस्ट में हमने जाना की जीएसटी क्या होता है? (GST Kya Hai) जीएसटी का फुल फॉर्म क्या होता है? (GST Ka Full Form in Hindi) और साथ ही जाना की जीएसटी कितने प्रकार का होता है Types of GST विभिन्न तरह के करों (Tax) का जो एक जाल सा बिछा था!
NDA की सरकार ने इसे नष्ट करके Indian Economy (भारतीय अर्थव्यवस्था) को एक नया रूप दिया है। जिसमें काम करने में अब सभी कारोबारियों को आसानी होती है!
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