Women Empowerment Essay in Hindi – नमस्कार दोस्तों, आज के इस लेख में एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय महिला सशक्तिकरण के बारे में बातें करेंगे! साथ ही महिला सशक्तिकरण का अर्थ और यह हमारे देश और समाज में किस प्रकार आवश्यक है! के विषय में चर्चा करेंगे!
International Monetary Fund यानी की आईएमएफ़ (IMF) के अनुसार, तेजी से बदल रही अर्थव्यवस्था में, महिला श्रम बल की अधिक भागीदारी घटते कार्यबल के प्रभाव को कम करके विकास को बढ़ावा दे सकती है! साथ ही महिलाओं के लिए बेहतर अवसर भी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में व्यापक आर्थिक विकास में योगदान कर सकते हैं!
महिला सशक्तिकरण का सामान्य और सरलतम अर्थ यह है! कि कोई भी नारी उस स्तर पर हो जहां उसे आत्मसाहसी बनने, पारिवारिक, सामाजिक स्वयं के निर्णय लेने, का पूर्ण रूप से अधिकार प्राप्त हो!
आधुनिक युग में नारी के महत्व पर उतना अधिक बल नहीं दिया जाता है! जितना अधिक हमारे आदि ग्रंथों में देखने को मिलता है! यह कार्यक्रम देश के प्रत्येक महिला को अपने जीवन को खुद चलाने और स्वतंत्र बनाने का मुलभुत कदम है!
हाल के दशकों में इंटरनेट और टेक्नालजी में गज़ब की प्रगति के बावजूद, दुनिया भर में अभी भी श्रम बाजार gender के आधार पर बटा हुआ हैं! महिलाओ को पुरुषो की तुलना मे कम वेतन दिया जाता हैं!
और तो और अभी भी कई देशों में, ऐसे कानूनी प्रतिबंध बने हुए हैं जो महिलाओं को अपनी पूर्ण आर्थिक क्षमता विकसित करने से रोकते हैं! यानी की जहा महिलाये अभी भी खुद के आर्थिक विकास के लिए जूझ रही हैं!
नारी को पुरुष के समान ही प्रत्येक क्षेत्र में चाहे वो राजनीतिक हो, वैधानिक हो, मानसिक हो, या आर्थिक हो सभी स्तर हो सभी जगह जब पर रूप से नारी को महत्व दिया जाएगा तब कह सकते हैं! तब कह सकते हैं की नारी को सशक्तिकरण प्राप्त हो गया हैं!
तो आइये बिना अधिक समय बिताये इस विषय को शुरू करते है और महिला सशक्तिकरण का अर्थ, शिक्षा के स्तर में महिला सशक्तिकरण क्यों जरुरी है? के बारे में विस्तार पूर्वक जान लेते है!
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महिला सशक्तिकरण का अर्थ – Women Empowerment Essay in Hindi
महिलाओं को शक्तिशाली और आत्मनिर्भर बनाना, महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) कहलाता है अर्थात उसे उसका स्त्ताधिकार संपन बनाना ही महिला सशक्तिकरण है!
अपनी किसी भी समस्याओं को सुलझाने के लिए खुद में प्रयत्नशील बनना और सही विकल्प ढूंढ कर समस्या को ठीक करना भी महिला शक्ति के अंतर्गत आता है!
एक स्त्री से ही परिवार का निर्माण होता है, परिवार घर बनाता है, घर एक समाज में परिवर्तित होता है और समाज ही देश बनाता है!
शिक्षा और महिला ससक्तिकरण के बिना परिवार, समाज और देश का विकास होना असम्भव है! देश में विकास के सभी क्षेत्रों में महिलाओ द्वारा भी सम्पूर्ण रूप से कार्य किया जाता है!
महात्मा गांधी द्वारा दिए गए दिया गया महिला सशक्तिकरण का अर्थ
हमारा पहला प्रयास अधिक से अधिक महिलाओं को उनके वर्तमान स्थिति के प्रति जागरूक करना होना चाहिए! यूएनडीपी (UNDP) नारी सशक्तिकरण को सिर्फ इसलिए महत्व नहीं देता है कि यह मानव अधिकार है!
बल्कि इसके माध्यम से हमारे सदियों से चले आ रहे विकास के लक्ष्यों को पूरा करने का और सतत विकास के मार्ग में लैंगिक समानता, गरीबी में कमी, लोकतांत्रिक शासन, संकट की रोकथाम पर्यावरण सतत विकास में महिलाओं की भागीदारी सशक्तिकरण को एकीकृत करने के लिए वैश्विक और राष्ट्रीय प्रयासों का समन्वय करता है!
संयुक्त राष्ट्र महिला शाखा द्वारा महिला सशक्तिकरण का अर्थ
सशक्तिकरण से अभिप्राय आध्यात्मिक राजनीतिक सामाजिक आर्थिक शक्ति को व्यक्ति और संविधान में बढ़ाने से है! इसके फलस्वरूप क्षमता वान सशक्त विकासशील और आत्मविश्वास से युक्त महिला समूह निर्मित हो सकता है!
महिलाओं और लड़कियों के लिए एक वैश्विक अभियान संयुक्त राष्ट्र महिला शाखा यूएनआईएम (UNIFEM) को दुनिया भर में स्त्रियों की जरूरतों को पूरा करने में तेजी लाने के लिए स्थापित किया गया है
महिला सशक्तिकरण की परिभाषा – Women Empowerment Essay in Hindi
डॉ वीना अग्रवाल के अनुसार Women Empowerment in Hindi महिला प्रजनन प्रक्रिया के रूप में परिभाषित करने के लिए किस तरह से दुर्बल और कुशलता की दक्षता महिलाएं अपने आप को स्वस्थ बनाएं सामाजिक स्थिति में आने के लिए अपने आप को मजबूत बनाएं नारी सिक्योरिंग से जननायक को नया बनाना है!
नारी को समाज में अनुरूपता प्रदान करना! डॉ दग्विजय परमाणु संचालन में दैवीय परिवर्तन होता है! लेने इस तरह के समान वित्तीय वर्ष के लिए आदर्श पेशेवर समाज की स्थिति के लिए समान होना सुरक्षा के संरक्षण प्रजनन आदि का अधिकार होना!
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महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता | Need of Women Empowerment in Hindi
महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र में होती है! वह चाहे राजनीतिक हो, या सामाजिक, आर्थिक हो या पारिवारिक प्रति क्षेत्र में, प्राचीन काल की अपेक्षा मध्यकाल में भारतीय महिलाओं के समान स्तर में काफी कमी आई है!
पुरुषों की तुलना में महिलाओं की शिक्षा स्तर भी आज 60.6% है! जबकि पुरुष क्षेत्र इसे काफी आगे हैं! ऐसा क्यों? चलिए जानते!
शिक्षा के स्तर में महिला सशक्तिकरण क्यों जरुरी है?
आज हमारे देश की महिलाये शिक्षा के स्तर में काफी पीछे है! हमारे देश भारत में स्वतंत्रता के दौरान राष्ट्रीय महिला साक्षरता दर 8.6% से कम थी! परंतु उस समय महिलाओं को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने की अनुमति थी और आज की महिलाएं घरों तक ही सीमित रह गई है!
घर,परिवार और उसकी जिम्मेदारियां इनके शिक्षास्तर पर काफी प्रभाव डालते हैं!
2011 की जनगणना के अनुसार भारत की महिला साक्षरता दर 1951 में 8.6% से बढ़कर 64.63% हो गई है! पर दुर्भाग्य से इसका दूसरा पक्ष भी है! भारत में वर्तमान में पुरुष साक्षरता दर महिला साक्षरता दर से कहीं अधिक है! पूर्व में कैसे देशों में 65.6% और बाद में 81.3% है!
भारत की महिला शिक्षा दर 79.7% से काफी कम है! हमारे भारत देश में तो ग्रामीण क्षेत्र में तो स्थिति और गंभीर है! इसलिए सशक्तिकरण की आवश्यकता महिलाओं के लिए अत्यंत आवश्यक है ताकि महिलाएं अपने आप में शिक्षा स्तर को बड़ा सके!
हमारा भारत देश पितृसत्तात्मक समाज है
हमारा भारतीय देश पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को पुरुष के बराबर दर्जा नहीं दिया जाता है! उन्हें उनके घरों की सीमाओं तक ही सीमित रखा जाता है! फिर भी शहरों में महिलाओं की शिक्षा की स्थिति इसके विपरीत है!
परंतु ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं का केवल शादी के बाद दूसरे परिवार में स्थानांतरित करना ही रह जाता है!
इस हेतू चाहे ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्र,महिलाओं को सशक्तिकरण की अति आवश्यकता है! ताकि वह अपने घर की चार दीवारों से बाहर निकल सके!
स्त्री पुरुष के भेदभाव के अंतर को कम करना
आज हमारा देश भले ही सुपर पावर में तब्दील होने वाला हो, लेकिन आसमानता प्रत्येक क्षेत्र में देखी जा सकती है!
शिक्षित और कामकाजी और अनुभवी महिलाओं को भी उनके कार्यस्थल पर और कुछ उद्योग क्षेत्रों में भी पुरुषों की अपेक्षा कम ही आंका जाता है!
किसी भी विशेष परियोजनाओं में महिलाओं के दक्षता को पुरुषों से कम ही देखा जाता है इसके लिए महिलाओं को अपने हक के लिए सशक्तिकरण का उपयोग करना चाहिए!
महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता
महिलाओं के अधिकारों में सशक्तिकरण को यदि देखा जाए तो आज भी महिलाएं चाहे शहर की हो या गांव की सभी जगह देर रात भ्रमण करने या काम से निकलने में अपने आप को असुरक्षित महसूस करती है!
परंतु महिला सशक्तिकरण के चलते आज महिलाए देर रात बाहर काम भी करती हैं और इतनी हिम्मत भी रखती है की कोई भी उन्हें परेशान ना कर सके!
1. सामाजिक विकास के लिए भी सशक्तिकरण की आवश्यकता
सामाजिक विकास के लिए महिलाओं को शिक्षित करना अत्यंत आवश्यक है जिससे समाज में दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण, उत्पीड़न जैसे काव्य में कमी आए क्योंकि एक शिक्षित महिला पूरी भावी पीढ़ी को बदल सकती है!
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2. जीवन स्तर को उच्च करने में सशक्तिकरण की आवश्यकता
जीवन स्तर को उच्च करने के लिए अब महिलाए अपने जीवन साथी के साथ बाहर कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं! जिससे वह अपने और अपने बच्चों को उच्च स्तर की सुविधाएं प्रदान कर सकें!
3. सशक्तिकरण की आवश्यकता बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए
एक स्त्री जब शिक्षित होती है! तो वह अपने परिवार अपने बच्चों आदि के स्वास्थ्य पर अत्यधिक देना ध्यान देती है और स्वच्छता से अपने बच्चों की परवरिश करती है ताकि वह कई तरह की बीमारियों से बच सके!
भारत सरकार योजना | Women Empowerment essay in Hindi
हमारी भारत सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं! जिसमें महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिय कई तरह के योजनाये महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए बनाई गई हैं!
अभी योजना यह आशा करके बनाई गई है कि 1 दिन महिला भारतीय समाज में पुरुषों की तरह हर क्षेत्र में अव्वल हो! और जिसके लिए वो इस योजनाओं का लाभ उठा सकें!
भारत सरकार के निम्नलिखित योजनाएं हैं!
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना (2015)
- महिला हेल्पलाइन योजना (2016)
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (2016)
- सपोर्ट ट्रैनिग एंड एंप्लॉयमेंट प्रोग्राम फॉर विमेन(1986-87)
- महिला शक्ति केंद्र योजना(2017)
- पंचायती राज योजना में महिलाओं के लिए आरक्षण(1993)
- सुकन्या समृद्धि योजना(2015)
- फ्री सिलाई मशीन योजना(2022)
- प्रधानमंत्री समर्थ योजना(2017)
- सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना(2019)
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1. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा 22 जनवरी 2015 को पानीपत हरियाणा में की गई थी! इस योजना के तहत पूरे जीवन काल में शिशु लिंगानुपात में कमी को रोकने से मदद मिलती है और महिलाओं के सशक्तिकरण से जुड़े मुद्दों में सहायता प्राप्त होती है!
2. महिला हेल्पलाइन योजना
महिलाओं की मदद के लिए भारत सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है इस पर कॉल करके कोई भी महिला कहीं भी और कभी भी मदद पा सकती है!
3. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
उज्ज्वला योजना की शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 2016 में की गई थी इसका मुख्य उद्देश्य गरीब परिवार की महिलाओं को फ्री में गैस कनेक्शन प्राप्त करवाना!
4. प्रशिक्षण एवं रोजगार कार्यक्रम योजना स्टेप (STEP) योजना
स्टेप योजना का उद्देश्य कौशल प्रदान करना है जो महिलाओं को रोजगार प्रदान करता है! यह भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा चलाई गई योजना है!
5. महिला शक्ति केंद्र योजना
महिला शक्ति केंद्र योजना की शुरुआत 2017 में माननीय नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया था! इसमें महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर शुरुआत की गई, इस योजना के अंतर्गत 640 जिलों में महिला शक्ति केंद्र बनाए गए हैं!
इसका उद्देश्य आंगनवाडी की महिलाओं को उनके हित के लिए तथा बच्चों का पोषण, लिंग समानता और महिलाओं के अधिकार आदि में जागरूकता उत्पन्न करवाना हैं!
पंचायती राज योजना में महिलाओं के लिए आरक्षण | Women Empowerment essay in Hindi
भारत सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50% आरक्षण प्रदान किया गया है!
सुकन्या समृद्धि योजना
सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत 2015 में हुई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत हुई सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश पर 7.6 फ़ीसदी सालाना ब्याज मिलता है!
सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना
10 अक्टूबर 2019 को राज्य के हेल्थ मिनिस्टर एवं प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी द्वारा और केंद्र स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन जी द्वारा PMSMASY सुरक्षित मातृत्व योजना की शुरुआत की गई!
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फ्री सिलाई मशीन योजना
महिलाओं का आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत 2022 में की गई इससे महिलाएं घर बैठे अपने लिए अच्छा पैसा कमा सकती हैं!
प्रधानमंत्री समर्थ योजना
इस योजना की शुरुआत 2022 में केंद्र सरकार द्वारा की गई है प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा इस योजना को 2017 में लागू किया गया था!
जिसमें लगभग 7 साल में 10 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है! जिसे महिलाएं इस योजना में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले सकें और इस योजना का लाभ उठा सकें!
महिला को कानूनी अधिकार
कानून के अधिकारों को महत्व को देखते हुए महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए संसद द्वारा भी कुछ अधिनियम पास किए गए हैं जो निम्नलिखित है!
- दहेज प्रतिषेध अधिनियम (1961)
- राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम (1990)
- एक बराबर पारिश्रमिक एक्ट (1976)
- घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम (2005)
- मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट (1987)
- अनैतिक व्यापार अधिनियम (1956)
- लिंग परीक्षण तकनीकी (1994)
- बाल विवाह रोकथाम एक्ट (2006)
- कार्यस्थल पर महिलाओ के साथ उत्पीड़न अधिनियम (2013)
इस प्रकार महिलाओं के अधिकारों के लिए हमारी भारत सरकार ने कई कानूनी अधिनियम और कुछ महत्वपूर्ण अधिकार प्रदान किए हैं!
अतः प्रत्येक महिलाओं को अपने अधिकारों का उपयोग जब जरूरत हो तब करना चाहिए! ताकि महिलाओं को सशक्तिकरण में सहायता प्राप्त हो सके और वह सशक्त हो सके!
निष्कर्ष | Women Empowerment essay in Hindi
महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment essay in Hindi) के लिए महिलाओं को समानता का अधिकार और अवसर प्राप्त करने का अधिकार है सरकार द्वारा दिए गए अधिकारों से पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों को अवगत कराना भी जरूरी है और जितनी भी ऐसी प्रथा है जो महिलाओं को नुकसान पहुंचाती है ऐसी प्रथा को समाप्त होना भी अत्यंत जरूरी है क्योंकि प्रत्येक देश की महिलाओं का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है वैसे भी कहा गया है
यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता: यत्रीतास्तु न पूज्यंते सर्वस्व त्राफला: क्रिया:!!