नमस्कार दोस्तों, क्या आप जानते हैं Legal Notice Format Kya Hai लीगल नोटिस का हिंदी मीनिंग क्या होता है? (Legal Notice Hindi Meaning) और लीगल नोटिस कब, क्यों और कैसे भेजा जाता है?
अक्सर कई बार हमारे साथ हमारे जानकार या कोई अन्य हमें धोखा दे देते हैं या हमारे साथ गलत करते हैं तो वहां पर हम कुछ समय तक सहन कर लेते हैं! लेकिन क्या आप जानते हैं जब हमारी सहनशक्ति खत्म हो जाती है तब हमें क्या करना चाहिए?
इसका उत्तर है उसके बाद हमें कानून का सहारा लेना चाहिए! आप लीगल नोटिस के जरिये उस व्यक्ति को एक तरह से अलर्ट कर सकते हैं! लीगल नोटिस भेजने से धोखा देने वाला व्यक्ति आपकी बात सुनने को बाध्य हो जाता है!
कई लोगों को यह लगता है कि लीगल नोटिस को सिर्फ एडवोकेट ही भेज सकते हैं?
आज के इस आर्टिकल में हम Legal Notice Kya Hai लीगल नोटिस का हिंदी मीनिंग क्या होता है? (Hindi Meaning of Legal Notice) लीगल नोटिस कौन भेज सकता है? और Legal Notice कैसे बनाये? (Legal Notice Kaise Banaye in Hindi) के बारे में विस्तार से जानेंगे!
लीगल नोटिस का हिंदी मीनिंग – Hindi Meaning of Legal Notice
Legal Notice का हिंदी मिनिंग “क़ानूनी सूचना” होता है! किसी भी विरोधी पार्टी को अलर्ट करने के लिए क़ानूनी रूप से भेजा गया सन्देश लीगल नोटिस होता है!
अधिकांश लीगल नोटिस का उपयोग धोखाधड़ी, किसी की अवमानना करना, चेक बाउंस होने पर या किसी प्रकार की धमकी देने के केस में भेजा जाता है!
लीगल नोटिस क्या है – Legal Notice Format Kya Hai in Hindi
Legal Notice Format Definition in Hindi – लीगल नोटिस वह क़ानूनी चेतवानी होती है जो किसी भी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ किसी भी शर्त को मानने या फिर क़ानूनी कार्यवाही करने के लिए दी जाती है!
इस नोटिस से विपक्षी पार्टी को बताया जाता है कि जो भी गलत कार्य या नियमों की अवहेलना आप कर रहे हैं अगर आप नहीं मानते हैं तो आपके ऊपर क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी!
कई लोग इसे क़ानूनी धमकी भी समझ लेते हैं लेकिन यह कोई धमकी नहीं होती है! Section 18 आईपीसी की धारा में Legal Notice को क़ानूनी अधिकार के रूप में दर्शाया गया है!
किसी भी प्रकार एफआईआर लिखवाने से पहले एडवोकेट द्वारा लीगल नोटिस भेजना चाहिए! आज के समय में Bank Loan Recovery के केस में सबसे पहले लीगल नोटिस ही भेजा जाता है!
किसी भी प्रकार का लीगल नोटिस प्राप्त होने पर एक निश्चित समय के अंदर उसका जवाब देना होता है! पहले लीगल नोटिस पत्रों के माध्यम से भेजे जाते थे!
लेकिन अब ईमेल के द्वारा भी लीगल नोटिस भेजे जाते हैं! ईमेल के माध्यम से लीगल नोटिस का जवाब भी दिया जा सकता है! आपको इसके लिए कोर्ट या किसी भी एडवोकेट की जरूरत नहीं पड़ती है!
कभी कभी सरकार के द्वारा भेजा गया लीगल नोटिस को भी रद्द करना पड़ता है! जैसे पिछले दिनों यूपी सरकार के द्वारा सीएए प्रदर्शनकारियों को भेजा गए नोटिस को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करने के आदेश दिए थे!
वरना सुप्रीम कोर्ट ने कहा था अगर राज्य राज्य सरकार रद्द नहीं करेगी तो इसे सुप्रीम कोर्ट रद्द कर देगा!
लीगल नोटिस क्यों भेजा जाता है – Why Legal Notice in Hindi
लीगल नोटिस भेजने के कई कारण हो सकते हैं जैसे किसी भी चेक के बाउंस होने पर, बैंक लोन का RePayment न करने पर या फिर किसी भी नियमों व शर्तों को न मानने पर लीगल नोटिस भेजा जा सकता है!
आर्थिक रूप से किसी की वजह से जान माल का अधिक नुकसान हुआ तब भी क़ानूनी रूप से लीगल नोटिस भेजा सकता है!
लीगल नोटिस का ड्राफ्ट कैसे तैयार करें – Legal Notice Draft Kaise Teyar Kare
Format of Legal Notice in Hindi – यह जानना आपके लिए बहुत जरूरी है कि एक बार भेजा गया लीगल नोटिस वापस नहीं लिया जा सकता है!
इसलिए लीगल नोटिस को बनाते वक्त सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए!
संभव हो तो एडवोकेट से ही लीगल नोटिस बनवाएं! इससे गलती की सम्भावना नहीं रहेगी और आपका काम आसान हो जायेगा!
आगे हम कुछ स्टेप्स के माध्यम से जान लेते हैं लीगल नोटिस को कैसे तैयार करें!
1. लीगल नोटिस बनाते समय सबसे पहले दिनांक लिख लीजिये! |
2. आगे जिसको भी आप भेज रहे हैं उनका नाम और पता लिख लीजिये! अगर एक से अधिक लोगों को आप लीगल नोटिस भेजना चाहते हैं तो ऐसे में आप सीरियल नंबर से नाम और पता लिख लीजिये! |
3. किसी भी व्यक्ति एक ऑफिस में लीगल नोटिस भेजा जाना है तो ऑफिस का पता भी लिख लीजिये! |
4. अब आप सब्जेक्ट में लीगल नोटिस क्यों भेजा जा रहा है इसे टाइटल के रूप में लिख सकते हैं! |
5. आप जिसे नोटिस भेजना चाहते हैं उसे सम्बोधित करते हुए अपनी बात लिख लीजिये! मामले में जो भी आपकी शर्तें हैं उनका पूरा विवरण भी आप उस नोटिस में लिख लीजिये! |
6. कोई भी शर्त या बात न मानने पर भरपाई का विवरण भी आप उस नोटिस में लिखें! और साथ में कोर्ट में मामला जाने की बात भी लिखें! |
7. अंत में अपना नाम व पूरा पता लिखें! लीगल नोटिस के प्रत्येक पेज पर अपने हस्ताक्षर कर लीजिये! डाक या फिर जिस तरह भी आप भेज रहें हैं उसका विवरण भी अवश्य दीजिये! |
लीगल नोटिस भेजने के क्या फायदे हैं – Legal Notice Benefites in Hindi
लीगल नोटिस का मुख्य फायदा यह है की इस Legal नोटिस से विरोधी पार्टी की दिमागी चिंता बढ़ जाती है जिससे विरोधी पार्टी समझौते के लिए राजी हो सकती है!
इसे Legal Notice का सबसे बेस्ट Sociological Advantage भी माना जाता है!
Legal Notice से भविष्य में संभावित मुकदमेबाजी से बचा सकता है! दोनों पार्टियां अगर मिल जुलकर मामले को सुलझाएं तो लीगल नोटिस समाधान की ओर आपको ले जाता है!
एडवोकेट लीगल नोटिस बनाने से पहले प्रत्येक तथ्यों को जानते हैं जिससे सभी डाक्यूमेंट्स या घंटनाएँ एक जगह एकत्रित हो जाती हैं! ऐसे में अच्छे से नोटिस बना पाना आसान हो जाता है!
लीगल नोटिस सबूतों को भी जुटाने का काम करता है क्योंकि विरोधी पक्ष आपके आरोपों को नकारने के साथ साथ कुछ अपनी तरफ से भी बात रखेगा!
ऐसे में उसकी बातों में आप कुछ सबूत जुटा सकते हैं जो आपको मालूम नहीं होते हैं!
Legal Notice में लिखी गयी बातें, घटनाएं और तथ्य एक बार लिखने के बाद हटायीं नहीं जा सकती हैं क्योंकि लीगल नोटिस अपने आप में एक मजबूत डाक्यूमेंट्स होता है!
लीगल नोटिस को केस का बेस भी माना जाता है!
निष्कर्ष – Conclusion
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने लीगल नोटिस क्या है (Legal Notice Kya Hai) लीगल नोटिस का हिंदी मिनिगं क्या होता है (Hindi Meaning of Legal Notice) और Legal Notice Draft कैसे तैयार किया जाता है? (Format of Legal Notice in Hindi) के बारे में विस्तार से जाना!
जब भी कोई लीगल नोटिस आता है तो आपकी किसी भी प्रकार से डरने व घबराने की जरूरत नहीं है! इसके लिए आपको जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है! हमेशा सही तथ्यों के आधार पर ही लीगल नोटिस भेजना चाहिए!
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Galti na hone par agar legal notice aa jaye to kya karna chahiye.
यदि आपको बिना गलती के नोटिस आ जाये तो आपको बिलकुल भी डरना नहीं चाहिये क्युकी लीगल नोटिस सिर्फ डराने के लिए ही भेजा जाता है!
इसलिए बिना डरे नोटिस का सटीक शब्दों में जवाब दे और अपना पक्ष रखें!