Hello Dosto, Finance वर्ड हम अक्सर सुनते रहते हैं लेकिन फाइनेंस क्या है? (Finance Kya Hota Hai) और फाइनेंस का हिंदी मीनिंग क्या है (Finance Meaning in Hindi) आज भी इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं!
कई लोगों को फाइनेंस का हिंदी मीनिंग भी मालूम नहीं होता है! Finance को बिजनेस का बैक बॉन यानि रीढ़ की हड्डी माना जाता है! TheEconomoicTimes के अनुसार Finance, घरेलू वित्तीय जरूरतों के लिए एक अनिवार्य व्यापक शब्द हैं!
आज के समय में कई फाइनेंस कंपनियां अपना प्रतिदिन ग्रोथ रेट बढ़ा रही है यह तभी संभव होता है जब उन कंपनियों का फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम मजबूत होता है!
घर के खर्चों को चलाने से लेकर देश के वित्त विभाग को चलाने में फाइनेंस (वित्त) का बहुत बड़ा योगदान होता है! फाइनेंस सिस्टम अच्छा होने के कारण ही कंपनी बांड और स्टॉक इश्यू करती है!
ताकि लोग उनकी कंपनी में इन्वेस्ट करें और कंपनी का फाइनेंस सिस्टम मजबूत हो! इसलिए फाइनेंस के बारे में जानकारी लेना हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है!
आज के इस आर्टिकल में फाइनेंस से जुडी सभी जानकारी जैसे फाइनेंस क्या है (Finance Kya Hota Hai) फाइनेंस कितने प्रकार के होते हैं? और फाइनेंस में मनी मार्केट और कैपिटल मार्केट क्या है (Money Market and Capital Market in India) के बारे में विस्तार से जानेंगे!
तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं!
फाइनेंस का हिंदी अर्थ – Finance Ka Hindi Meaning Kya Hai
Finance Meaning in Hindi – फाइनेंस का हिंदी मीनिंग वित्त होता है! वित्त का मतलब धन का प्रबंधन या धन का सही जगह पर उपयोग करना होता है!आज के समय में सभी वाणिज्यिक कामों में वित्त का बहुत बड़ा महत्व है!
फाइनेंस क्या होता है – Finance Kya Hai in Hindi
Finance Kya Hota Hai: फाइनेंस एक ऐसी व्यवस्था होती है जो किसी भी कार्य को करने या फिर किसी भी कंपनी को सुचारु रूप से चलाने के लिए काम आने वाली पूंजी को मैनेज करने का काम करती है!
फाइनेंस शब्द को फ्रेंच भाषा से लिया गया है! इस शब्द का उपयोग 18 वीं सदी के आरम्भ से शुरू हुआ! फाइनेंस हमें यह बताता है कि आखिर कौन सी जमा पूंजी हमें कहाँ और कब लगाने की जरुरत होती है!
फाइनेंस बिजनेस की ही रीढ़ की हड्डी नहीं है बल्कि हमारे जीवन का भी एक आधार है! Finance पर ही निर्भर होकर हम भविष्य की योजना बनाते हैं! फाइनेंस को संपत्ति और दायित्व का मिश्रण भी कह सकते हैं!
आज के समय में होने वाले खर्चे और भविष्य में होने वाले संभावित खर्चों के लिए की गयी बचत फाइनेंस मैनेजमेंट पर ही निर्भर करती है!
फाइनेंस एक तरह का रिसोर्स भी होता है जिसमें कोई भी चीज क्रेडिट के तौर पर खरीदी जाती है हालाँकि बाद में उपभोक्ता द्वारा ईएमआई के तौर उस मूल्य को क्रेडिट देने वाली कंपनी को वापस कर दी जाती है!
इसका एक उदाहरण यह भी है किसी भी बैंक, एनबीएफसी कंपनी या किसी भी Small Finance Bank से गाड़ी फाइनेंस पर खरीदना !
फाइनेंस कितने प्रकार के होते हैं – Types of Finance in Hindi
फाइनेंस मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं!
- व्यक्तिगत फाइनेंस
- निगम फाइनेंस
- लोक फाइनेंस
1). व्यक्तिगत फाइनेंस क्या होता है? (Personal Finance Kya Hota hai)
किसी भी पूंजी को व्यक्तिगत तौर पर मैनेज करना पर्सनल फाइनेंस कहलाता है! हर व्यक्ति का अपने खर्चों के अनुसार फाइनेंस को मैनेज करना का अलग तरीका हो सकता है!
2). निगम फाइनेंस क्या होता है? (Corporate Finance Kya Hai)
किसी भी कंपनी, बड़े समूह या फिर बड़े विभाग या संगठन के फंड को मैनेज करना कॉर्पोरेट फाइनेंस कहलाता है! इन तरह के फाइनेंस में इनकम, खर्चे, इन्वेस्टमेंट और वेतन को सही तरिके से मैनेज करना होता है!
इसके लिए कंपनी में एकाउंट्स डिपार्टमेंट बनाये जाते हैं जो प्रॉफिट और लॉस के साथ खर्चों को सँभालते हैं!
3). लोक फाइनेंस क्या होता है? (Public Finance Kya Hai)
पब्लिक फाइनेंस को सरकार द्वारा मैनेज किया जाता है! देश के फाइनेंस डिपार्टमेंट को मैनेज करने के लिए सरकार द्वारा एक सिस्टम बनाया जाता है! जिसे देश के वित्त मंत्री और उनके विभाग के प्रतिनिधि मैनेज करते हैं!
सरकार आय और व्यय दोनों का आंकलन करते हुए अलग अलग विभागों के लिए बजट तैयार करती है जिसे संसद में वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता है!
फाइनेंस को क्लॉस्फिकेशन कैसे करें – Finance ko Classification Kaise Kare
Finance In Hindi: आज के समय में फाइनेंस मार्केट बहुत बड़ा रूप ले चुका है! बिना फाइनेंस के किसी भी कमा को नहीं किया जा सकता है!
कई ऐसी वेबसाइट हैं जो मोबाईल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बड़ी बड़ी मशीनें, ऑनलाइन ही फाइनेंस कराती है!
इसमें आपको आसान सी किश्तों में ब्याज के साथ मूल्य कंपनी को वापस करना होता है! तो यह भी फाइनेंस का एक डिजिटल रूप है!
मुख्यतः फाइनेंस मार्केट का दो भागों में क्लॉस्फिकेशन किया जाता है –
- पहला Money Market
- दूसरा Capital Market
1). मनी मार्केट क्या होता है?
Money Market in Hindi: मनी मार्केट फाइनेंस का वह पार्ट होता है जो आपकी एक साल या एक साल से कम समय में जो पैसे की जरूरत होती है! उसे पूरा करता है, यही Money Market कहलाता है!
क्योंकि शॉट टर्म के समय काम आने वाला पैसा Capital Market से नहीं लिया जाता है!
Money Market सुनने में एक छोटा सा शब्द के बराबर लग रहा है! लेकिन जब यह एक बड़ा Capital Market बन जाता है!
तब यह किसी भी कंपनी की पूंजी बन जाती है! और यही Capital Market उस कंपनी का मुख्य आधार बन जाता है!
2). कैपिटल मार्केट क्या होता है?
Capital Market in Hindi: कैपिटल मार्केट वह मार्केट है जो आपके एक साल से अधिक समय के लिए पैसों की जरूरतों को पूरा करता है!
जैसे किसी बैंक से लम्बे समय के लिए ऋण लेना, गाड़ी फाइनेंस कराना या फिर घर के लिए ऋण लेना (Home Loan) इत्यादि!
आगे कैपिटल मार्केट को भी दो भागों में बांटा गया है! जिसमें पहला है Primary Market और दूसरा है Secondary Market,
पहला. Primary Market में नई नई सिकियॉरिटीज को शामिल किया जाता है जिसमें Debt (Debentures, Bonds, Public Deposits) और Equity ( Shares Market ) दोनों आते हैं!
दूसरा. Secondary Market में भी सिकियॉरिटीज को शामिल किया गया है!
लेकिन इसमें पुरानी सिकियॉरिटीज (Debentures, Bonds, Public Deposits, Shares ) को इशू किया जाता है! और इन्हीं पुरानी सिकियॉरिटी को बेचा और ख़रीदा जाता है!
भारत में टॉप फाइनेंस कंपनी लिस्ट – Finance Company List in Hindi
Finance Company List in Hindi: भारत में फाइनेंस कंपनी की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है! फाइनेंस कंपनी हमारे देश की GDP ( Gross Domestic Product ) में करीब 20 से 25 प्रतिशत का योगदान देती है!
एनबीएफसी होने के कारण यहां पर लोगों को कुछ भी फाइनेंस कराने में आसानी होती है! जिसके कारण अधिक लोग इन फाइनेंस कंपनियों से लेनदेन करना पसंद करते हैं!
आइए अब हम भारत में कुछ टॉप फाइनेंस कंपनी के नाम जान लेते हैं!
- HDFC Finance
- HDFC Home Loan
- LIC HFL
- Mahindra Finance
- Tata Capital
- L & T Finance Services
- Muthoot Finance Company
- Bajaj Finance
- DMI Finance
- Sundaram Finance
- Avas Finance
- Manappuram Finance
आज के समय में फाइनेंस के क्या फायदे हैं – Finance Benefits in Hindi
फाइनेंस के कई फायदे हैं और आज के डिजिटल युग में लोगों में Online Finance का एक अलग ही क्रेज बढ़ रहा है! Finance के कुछ मुख्य फायदे इस आर्टिकल में हम आगे जान लेते हैं!
- Finance का सबसे मुख्य फायदा यह है कि आप अपनी आय के अनुसार अपना बजट खुद बना सकते हैं और उसका आंकलन कर सकते हैं! आपको कितना पैसा कहाँ खर्च करना है उसके बाद कितना आपको Invest करना है इत्यादि!
- फाइनेंस के कारण ही भविष्य में लक्ष्य को पाने के लिए निवेश किया जाता है! लम्बे समय के लिए Investment से बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है!
- आप अपने बजट के अनुसार अपने और परिवार के लोगों के लिए एक्सीडेंट या किसी अप्रत्याशित स्थिति में नुकसान होने पर भरपाई के लिए जीवन बीमा (Life Insurance) खरीद सकते हैं!
- लोग इमरजेंसी के लिए फंड Finance को ध्यान में रखते हुए जमा करते हैं! क्योंकि कई बार लोग निवेश करने के चक्कर में इमरजेंसी फंड रखना भूल जाते हैं जो आपातकाल में काम आता है!
- Finance को समझते हुए लोग इंश्योरेंस, मेडिकल इंश्योरेंस, हेल्थ केयर, निवेश इत्यादि में जमा राशि को काम में लेते हैं ताकि सभी तरह की समस्याओं के लिएये फाइनेंस इन्वेस्टमेंट कारगर साबित हों!
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Q 1. फ़ाइनेंस का मतलब क्या है?
Ans. फाइनेंस शब्द का मतलब है किसी भी कार्य, उत्पादन, कंपनी, व्यवस्था को सुचारु रुप से संचालन करने के लिए जिस आवश्यक पूंजी की जरूरत है इसे ही वित्त भी कहा जाता है! किसी भी बिजनेस में पूँजी का सीधा सम्बन्ध पैसे से होता है और भी काम वित्तीय रूप में किए जाते हैं वो सभी फाइनेंस में आते है!
Q 2. फाइनेंस को हिंदी में क्या कहते हैं?
Ans. फाइनेंस को हिंदी में वित्त कहा जाता है! हर किसी घर को चलाने लिए एक मजबूत वित्त व्यवस्था की ज़रूरत होती है वैसे ही देश को चलाने के लिए एक मजबूत फाइनेंस डिपार्टमेंट की ज़रूरतहोती है!
Q 3. फ़ाइनेंस कितने प्रकार के होते हैं?
Ans. फ़ाइनेंस मुख्यतः तीन प्रकार का होता है, व्यक्तिगत वित्त, निगमित वित्त, सार्वजनिक वित्त फ़ाइनेंस! फाइनेंस के ये तीनों प्रकार मिलकर किसी देश की मजबुत वित्तीय स्थिति के बारे में दर्शाते हैं!
- स्मॉल फाइनेंस बैंक में अकाउंट कैसे ओपन करें?
- इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कैसे करें?
- घर बैठे एसबीआई बैंक में खाता कैसे ओपन करें?
- एसबीआई बैंक में करंट अकाउंट कैसे खुलवाएं
निष्कर्ष – Conclusion
आज के इस हिंदी ब्लॉग में हमने महत्वपूर्ण विषय फाइनेंस क्या है (Finance Kya Hota Hai) और फाइनेंस का हिंदी मीनिंग क्या है (Finance Meaning in Hindi) के बारे में जाना! साथ ही फाइनेंस कितने प्रकार का होता है और फाइनेंस का वर्गीकरण कैसे करें? के बारे में भी हमने विस्तारपूर्वक जाना!
फाइनेंस अपने आप में बहुत बड़ा महासागर है किन्तु सही फाइनेंशियल एजुकेशन न मिल पाने के कारण कई लोग इसे अचे से समझ नहीं पाते हैं!
हमें उम्मीद है आपको (Finance Meaning in Hindi) यह पोस्ट को पढ़कर फाइनेंस के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा!
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हमारी यह पोस्ट को पढ़ने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद!
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